आपका पैसा

₹30,000 की औसत बेसिक सैलरी में रिटायर होने पर UPS में कितनी मिलेगी पेंशन और एकमुश्त रकम, कैलकुलेशन से समझें

UPS केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आई है। यह स्कीम न सिर्फ रिटायरमेंट के बाद आर्थिक सुरक्षा देती है, बल्कि कर्मचारियों के परिवार को भी सहारा देती है।

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ऋषभ राज   
Last Updated- April 14, 2025 | 5:33 PM IST

Unified Pension Scheme: रिटायरमेंट के बाद की सुकून भरी जिंदगी, सपनों का घर, बच्चों की पढ़ाई; हर कर्मचारी का यही ख्वाब होता है। केंद्र सरकार इसी ख्वाब को हकीकत में बदलने के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) लाई है, जो 1 अप्रैल 2025 से लागू है। केंद्र सरकार के अंदर नौकरी करने वाले कर्मचारियों के लिए यह एक नई उम्मीद है। सोचिए, नौकरी के सालों की मेहनत के बाद न सिर्फ हर महीने निश्चित पेंशन, बल्कि एक मोटी रकम भी आपके हाथ में। यह स्कीम कर्मचारी और सरकार के मिले-जुले योगदान से बनती है, जो आपके भविष्य को आसान बनाने का वादा करती है। इस स्कीम का मकसद है रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों को आर्थिक सुरक्षा देना। इसमें कर्मचारी और सरकार दोनों मिलकर पेंशन फंड में योगदान देंगे, जिससे रिटायरमेंट के बाद निश्चित पेंशन, परिवार पेंशन और न्यूनतम पेंशन की गारंटी मिलेगी। 

यूनिफाइड पेंशन स्कीम क्या है?

UPS एक ऐसी पेंशन योजना है, जो नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के तहत कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद निश्चित मासिक आय देने का वादा करती है। यह एक फंड-आधारित योजना है, जिसमें कर्मचारी और सरकार नियमित रूप से योगदान देते हैं। इस फंड का निवेश किया जाता है, और रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी को उसका लाभ मिलता है। इस स्कीम की खास बात यह है कि यह कर्मचारियों को आर्थिक स्थिरता देगी, ताकि रिटायरमेंट के बाद उनकी जिंदगी आसान हो सके। 

उदाहरण के लिए, अगर कोई कर्मचारी 25 साल तक नौकरी करता है और उसका आखिरी औसत बेसिक वेतन 30,000 रुपये है, तो उसे रिटायरमेंट के बाद हर महीने 50% यानी लगभग 15,000 रुपये की पेंशन मिल सकती है। अगर कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है, तो उसके जीवनसाथी को 60% पेंशन यानी करीब 9,000 रुपये हर महीने मिलेंगे। इसके अलावा, कम से कम 10 साल की नौकरी करने वाले कर्मचारियों को न्यूनतम 10,000 रुपये की पेंशन की गारंटी भी दी गई है।

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रिटायर होने पर मिलेगा एकमुश्त पैसा

UPS में कर्मचारियों को रिटायरमेंट के समय एकमुश्त राशि (लंप सम पेमेंट) भी दी जाएगी। यह राशि कर्मचारी के बेसिक वेतन, महंगाई भत्ते (DA) और नौकरी की अवधि के आधार पर तय होती है। इसे समझने के लिए एक आसान फॉर्मूला है: 

लंप सम राशि = (बेसिक वेतन + DA) × (1/10) × (छह महीने की सेवा अवधि की संख्या)।

मान लीजिए, एक कर्मचारी की रिटायरमेंट के समय बेसिक सैलरी 30,000 रुपये और DA 15,900 रुपये है। यानी कुल वेतन 45,900 रुपये। अगर उन्होंने 25 साल की नौकरी की है, तो छह महीने की 50 अवधियां पूरी होती हैं। 

UPS के तहत लंप सम की गणना बेसिक सैलरी, महंगाई भत्ते (DA) और नौकरी की अवधि के आधार पर होती है। मान लीजिए, DA 53% है, जैसा कि स्कीम के डॉक्यूमेंट्स में बताया गया है। इस हिसाब से:

बेसिक सैलरी: 30,000 रुपये  

DA (53%): 15,900 रुपये  

कुल वेतन: 30,000 + 15,900 = 45,900 रुपये

25 साल की नौकरी पर लंप सम

अगर आपने 25 साल नौकरी की, तो छह महीने की 50 अवधियां पूरी होंगी। लंप सम होगा:  

(45,900 ÷ 10) × 50 = 4,590 × 50 = 2,29,500 रुपये

30 साल की नौकरी पर लंप सम

मान लीजिए अगर नौकरी 30 साल की है, तो 60 अवधियां बनती हैं। इस हिसाब से:  

(45,900 ÷ 10) × 60 = 4,590 × 60 = 2,75,400 रुपये

हालांकि, यहां ध्यान रखने वाली बात है कि अगर नौकरी 10 साल से कम है, तो यह लाभ नहीं मिलेगा।

कौन ले सकता है इस स्कीम का लाभ?

UPS का लाभ उन केंद्रीय कर्मचारियों को मिलेगा, जो NPS के तहत हैं और इस स्कीम को चुनते हैं। इसके लिए कुछ शर्तें हैं:

सुपरनेशन (रिटायरमेंट): कर्मचारी को कम से कम 10 साल की नौकरी पूरी करनी होगी। पेंशन रिटायरमेंट के दिन से शुरू होगी।

स्वैच्छिक रिटायरमेंट: अगर कर्मचारी 25 साल की नौकरी के बाद अपनी मर्जी से रिटायर होता है, तो उसे उस तारीख से पेंशन मिलेगी, जब वह सामान्य रिटायरमेंट की उम्र तक पहुंचता।

FR 56(J) के तहत रिटायरमेंट: अगर कर्मचारी को इस नियम के तहत रिटायर किया जाता है (जो सजा नहीं है), तो उसे रिटायरमेंट की तारीख से पेंशन मिलेगी।

हालांकि, अगर कर्मचारी को नौकरी से हटाया जाता है, बर्खास्त किया जाता है या वह खुद इस्तीफा देता है, तो उसे इस स्कीम का लाभ नहीं मिलेगा। साथ ही, 10 साल से कम नौकरी वाले कर्मचारियों को भी पेंशन नहीं मिलेगी।

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कैसे बनता है पेंशन फंड?

UPS में कर्मचारी और सरकार दोनों मिलकर पेंशन फंड बनाते हैं। कर्मचारी को अपने बेसिक वेतन और DA का 10% योगदान देना होगा। सरकार भी इतना ही योगदान देगी। इसके अलावा, सरकार एक अतिरिक्त 8.5% योगदान देगी, जो सभी कर्मचारियों के लिए एक सामूहिक फंड में जाएगा। यह अतिरिक्त राशि पेंशन की गारंटी को और मजबूत करती है। 

इस फंड का प्रबंधन पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) करती है। यह सुनिश्चित किया जाता है कि हर महीने नियमित योगदान आए और उसका सही निवेश हो। अगर किसी महीने योगदान नहीं आता, तो PFRDA उसका हिसाब-किताब तय करती है। निवेश का तरीका भी PFRDA के डिफॉल्ट पैटर्न के अनुसार होता है, जिससे फंड सुरक्षित और बढ़ता रहे।

गौरतलब है कि यह स्कीम अभी शुरुआती दौर में है और इसे पूरी तरह लागू होने में समय लगेगा। कर्मचारियों को चाहिए कि वे इस स्कीम के नियमों को अच्छे से समझें और इसका ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाएं। यह नई योजना न सिर्फ कर्मचारियों की जिंदगी को आसान बनाएगी, बल्कि उनके परिवारों को भी आर्थिक ताकत देगी।

(डिस्क्लेमर: यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) की जानकारी सामान्य जागरूकता के लिए है, इसे आधिकारिक डॉक्यूमेंट्स या वित्तीय सलाह न समझें। पेंशन और लाभों की गणना वेतन, सेवा अवधि और सरकारी नियमों पर निर्भर है, जो बदल सकते हैं। स्कीम का लाभ लेने से पहले PFRDA या संबंधित विभाग से नियमों की पुष्टि करें। किसी भी प्रकार का अंतिम निर्णय लेने से पहले एक्सपर्ट्स से सलाह लें। यह जानकारी केवल सहायता के लिए है।)

First Published : April 14, 2025 | 5:33 PM IST