प्रतीकात्मक तस्वीर | फोटो क्रेडिट: ShutterStock
रिटायरमेंट की चिंता हर किसी को सताती है, खासकर तब जब उम्र बढ़ने के साथ आय का जरिया सीमित हो जाता है। लेकिन अगर आप अभी से थोड़ी सी प्लानिंग करें, तो बुढ़ापे में न सिर्फ आर्थिक तंगी से बच सकते हैं, बल्कि हर महीने मोटी पेंशन भी हासिल कर सकते हैं। नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) एक ऐसा विकल्प है, जो आपको 25 साल की उम्र से सिर्फ 5,000 रुपये महीने के निवेश से रिटायरमेंट में 1 लाख रुपये से ज्यादा की पेंशन दिला सकता है। यह योजना न केवल लचीली और पारदर्शी है, बल्कि टैक्स में छूट के साथ-साथ मार्केट से जुड़े रिटर्न भी देती है।
नेशनल पेंशन सिस्टम भारत सरकार की एक ऐसी योजना है, जो हर नागरिक को रिटायरमेंट के लिए बचत करने का मौका देती है। यह योजना 18 से 70 साल की उम्र के लोगों के लिए खुली है, जिसमें भारत में रहने वाले लोग ही नहीं, बल्कि विदेश में रहने वाले भारतीय भी हिस्सा ले सकते हैं। NPS की खासियत यह है कि यह पूरी तरह स्वैच्छिक है। आप अपनी जरूरत और क्षमता के हिसाब से इसमें निवेश कर सकते हैं। यह योजना दो तरह के खाते प्रदान करती है- टियर-1 और टियर-2। टियर-1 खाता आपका मुख्य रिटायरमेंट खाता होता है, जिसमें नियमित निवेश जमा होता है और रिटायरमेंट तक इसे निकाला नहीं जा सकता। वहीं, टियर-2 खाता वैकल्पिक है, जिसमें आप जब चाहें पैसे निकाल सकते हैं, बशर्ते आपका टियर-1 खाता सक्रिय हो।
इस योजना का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह कर लाभ देती है। आपके निवेश पर आयकर अधिनियम की धारा 80C और 80CCD के तहत छूट मिलती है। साथ ही, यह योजना बाजार से जुड़ी होने के कारण लंबे समय में अच्छा रिटर्न देती है। NPS में निवेश करने का एक और लाभ यह है कि यह पूरी तरह पारदर्शी और नियामक संस्था पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) द्वारा संचालित होती है। इससे आपके निवेश की सुरक्षा सुनिश्चित होती है।
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अगर आप 25 साल की उम्र से NPS में हर महीने 5,000 रुपये का निवेश शुरू करते हैं, तो 60 साल की उम्र तक आपका निवेश एक बड़ा कोष बन सकता है। मान लें कि आप हर साल अपने निवेश को 5 फीसदी बढ़ाते हैं और आपका निवेश मिश्रण 75 फीसदी इक्विटी और 25 फीसदी सरकारी बॉन्ड में है। इस स्थिति में 33 साल बाद आपका कुल निवेश लगभग 54.73 लाख रुपये होगा। लेकिन बाजार से मिलने वाले रिटर्न और चक्रवृद्धि ब्याज के चलते आपका रिटायरमेंट फंड बढ़कर करीब 4.45 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। हालांकि, यह अनुमानित है। इसके लिए 10% से अधिक रिटर्न लगातार 30 से अधिक साल तक लगातार मिलता रहे, तो यह संभव हो सकता है।
रिटायरमेंट के समय NPS के नियमों के अनुसार, आप अपने कोष का 60 फीसदी हिस्सा एकमुश्त निकाल सकते हैं। इस हिसाब से आपको लगभग 2.67 करोड़ रुपये एकमुश्त मिलेंगे। बाकी 40 फीसदी राशि का इस्तेमाल आपको एन्युटी खरीदने में करना होगा, जिससे आपको हर महीने पेंशन मिलेगी। अगर एन्युटी पर रिटर्न की दर 6.75 फीसदी मानें, तो आप हर महीने 1,00,281 रुपये की पेंशन पा सकते हैं। यह राशि आपके रिटायरमेंट को न केवल सुरक्षित बनाएगी, बल्कि आपको आर्थिक आजादी भी देगी।
NPS की एक और खासियत है इसके निवेश के विकल्प। आप अपनी जोखिम लेने की क्षमता और उम्र के हिसाब से निवेश चुन सकते हैं। NPS में दो तरह के निवेश विकल्प हैं- एक्टिव चॉइस और ऑटो चॉइस। एक्टिव चॉइस में आप खुद तय करते हैं कि आपका पैसा इक्विटी, कॉरपोरेट बॉन्ड या सरकारी प्रतिभूतियों में कितना लगेगा। वहीं, ऑटो चॉइस में आपके निवेश का प्रबंधन आपकी उम्र के आधार पर स्वचालित रूप से होता है। जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है, जोखिम कम करने के लिए इक्विटी का हिस्सा कम और बॉन्ड का हिस्सा बढ़ाया जाता है।
इसके अलावा, NPS में निवेश की राशि और समय में भी लचीलापन है। आप अपनी सुविधा के हिसाब से मासिक, तिमाही या सालाना निवेश कर सकते हैं। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए NPS खाता खोलना और उसका प्रबंधन करना भी बहुत आसान है। यह योजना कम लागत वाली है, जिसका मतलब है कि आपका ज्यादा पैसा निवेश में जाता है और कम शुल्क में खर्च होता है।
आज की तेजी से बदलती दुनिया में, जहां महंगाई हर साल बढ़ रही है, रिटायरमेंट की प्लानिंग पहले से कहीं ज्यादा जरूरी हो गई है। NPS न केवल आपको नियमित बचत की आदत डालता है, बल्कि आपके पैसे को लंबे समय तक बढ़ने का मौका भी देता है। इसकी कम लागत, कर लाभ और बाजार से जुड़े रिटर्न इसे एक आकर्षक विकल्प बनाते हैं। अगर आप 25 साल की उम्र से निवेश शुरू करते हैं, तो चक्रवृद्धि ब्याज का फायदा आपको करोड़ों का फंड बना सकता है।
यह योजना उन लोगों के लिए भी फायदेमंद है, जो नौकरी बदलते हैं या एक शहर से दूसरे शहर जाते हैं। NPS खाता पूरी तरह पोर्टेबल है, यानी आप इसे कहीं भी ले जा सकते हैं। साथ ही, यह योजना पूरी तरह ऑनलाइन उपलब्ध है, जिससे आप अपने निवेश को आसानी से ट्रैक कर सकते हैं।