प्रतीकात्मक तस्वीर | फोटो क्रेडिट: Pixabay
Vivad Se Vishwas Scheme 2024: इनकम टैक्स से जुड़े पुराने विवादों को निपटाने का समय अब खत्म होने वाला है। सरकार की ‘विवाद से विश्वास स्कीम 2.0’ के तहत टैक्सपेयर्स के पास 30 अप्रैल 2025 तक का समय है। अक्टूबर 2024 में शुरू हुई यह योजना मुकदमों को कम करने और फंसे हुए राजस्व विवाद को खत्म करने के लिए बनाई गई थी। इस योजना के तहत टैक्सपेयर्स को विवादित टैक्स की राशि और उस पर एक निश्चित प्रतिशत अतिरिक्त राशि चुकानी होगी। इसके बदले में आयकर विभाग ब्याज, जुर्माना और अन्य दंडों को माफ कर देगा, जिससे विवाद हमेशा के लिए खत्म हो जाएगा।
क्लियर टैक्स से जुड़ी टैक्स एक्सपर्ट शेफाली मुद्रा कहती हैं, “यह योजना सरकार के उस बड़े मकसद का हिस्सा है, जिसमें इनकम टैक्स से जुड़े मुकदमों को कम करना और रुका हुआ पैसा वसूल करना है।” उनके मुताबिक, इस योजना का मकसद कोर्ट में लंबित मामलों को घटाना और टैक्सपेयर्स के लिए मददगार माहौल बनाना है।
बता दें कि सरकार ने विवाद से विवाद से विश्वास स्कीम के पहले संस्करण में 1,46,000 से ज्यादा अपीलों को सुलझाया और 1 लाख करोड़ रुपये का राजस्व इकट्ठा किया। सरकार को उम्मीद है कि VSV 2.0 भी ऐसा ही कमाल करेगी।
शेफाली मुद्रा के मुताबिक, जिन टैक्सपेयर्स के विवाद 22 जुलाई 2024 तक लंबित हैं, वे इस योजना का लाभ ले सकते हैं। इसमें अपील, रिट याचिकाएं और डिस्प्यूट रिजॉल्यूशन पैनल के मामले शामिल हैं, बशर्ते अंतिम आकलन आदेश जारी न हुआ हो। इस योजना में शामिल होने के लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की वेबसाइट पर फॉर्म-1 भरना होगा, जिसमें विवादित कर की राशि और जरूरी दस्तावेज जैसे आकलन आदेश और नोटिस जमा करने होंगे।
इस योजना में कई फायदे हैं। शेफाली मुद्रा बताती हैं कि इसमें ब्याज और जुर्माने माफ हो जाते हैं, भविष्य में कानूनी कार्रवाई से छूट मिलती है और लंबे मुकदमों से बचकर जल्दी समाधान हो जाता है। लेकिन इसमें जोखिम भी है। योजना के तहत किया गया भुगतान वापस नहीं मिलेगा और मामला सुलझाने के बाद दोबारा नहीं खोला जा सकता।
शेफाली मुद्रा चेतावनी देती हैं कि आवेदन करते समय गलतियां न करें। कई बार लोग विवादित टैक्स की राशि गलत जोड़ते हैं, आधे-अधूरे डॉक्यूमेंट्स जमा करते हैं या समय सीमा चूक जाते हैं। वे सलाह देती हैं कि अपने मामले की अच्छी तरह जांच करें, किसी कर विशेषज्ञ से बात करें और समय से पहले आवेदन करें।
यह योजना टैक्सपेयर्स के लिए विवाद सुलझाने का सुनहरा मौका है, लेकिन सावधानी बरतना जरूरी है।