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Sovereign Gold Bond: अबतक के सबसे ज्यादा प्राइस पर प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन का मौका, ग्रॉस रिटर्न 117 फीसदी से ज्यादा

बॉन्ड धारक यह बॉन्ड 2,943 रुपये प्रति यूनिट के इश्यू प्राइस के मुकाबले 6,438 रुपये के रिकॉर्ड प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन प्राइस पर भुना पाएंगे। 

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अजीत कुमार   
Last Updated- March 11, 2024 | 6:47 PM IST

देश के सातवें (2016-17 Series IV) सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond) को मैच्योरिटी से पहले बेचने का एक और मौका बॉन्ड धारकों को 16 मार्च  2024 को रिकॉर्ड प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन प्राइस पर मिलेगा। वैसे तो इस बॉन्ड के प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन की तारीख 17 मार्च को पड़  रही थी लेकिन क्योंकि 17 मार्च को रविवार है इसलिए इस बॉन्ड को मैच्योरिटी से पहले पांचवीं बार बॉन्ड धारक 16 मार्च को ही भुना पाएंगे। यह बॉन्ड 17 मार्च 2025 को मैच्योर होगा।

इससे पहले बॉन्ड धारकों को यह बॉन्ड 17 मार्च 2022, 17 सितंबर 2022, 17 मार्च 2023 और 16 सितंबर 2023  को मैच्योरिटी से पहले रिडीम करने का मौका मिला था। इन चार मौकों पर बॉन्ड धारकों ने इस बॉन्ड के कुल 1,57,474 यूनिट (1 यूनिट = 1 ग्राम) बेचे थे ।

प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन की तारीख/  प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन वॉल्यूम/      प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन प्राइस

17 मार्च 2022                                25400 यूनिट                                          5,313 रुपये प्रति यूनिट

17 सितंबर 2022                           57,645   यूनिट                                         5,077 रुपये प्रति यूनिट

17 मार्च 2023                                45,145 यूनिट                                            5,557 रुपये प्रति यूनिट

16 सितंबर 2023                          29,284 यूनिट                                        5,929 रुपये प्रति यूनिट

रिकॉर्ड प्राइस पर प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन का मौका

बॉन्ड धारक यह बॉन्ड (2016-17 Series IV) 6,438 रुपये प्रति यूनिट के रिकॉर्ड प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन प्राइस पर भुना पाएंगे।  जबकि  2,943 रुपये के इश्यू प्राइस पर इसे 17 मार्च 2017 को जारी किया गया था। इससे पहले सबसे ज्यादा प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन प्राइस  1 जनवरी 2024 को बॉन्ड धारकों को मिला था जब उन्हें मैच्योरिटी से पहले दो बॉन्ड भुनाने का मौका मिला था।  नए साल के पहले दिन यानी 1 जनवरी 2024 को बॉन्ड धारकों को मैच्योरिटी से पहले जहां 21वें गोल्ड बॉन्ड (2017-18 Series XIV) को तीसरी बार रिडीम करने का मौका मिला वहीं 25वें गोल्ड बॉन्ड (2018-19 Series IV) को बॉन्ड धारकों ने पहली बार बेचा। दोनों गोल्ड बॉन्ड के लिए प्री मैच्योर रिडेम्प्शन प्राइस 6,331 रुपये प्रति यूनिट (1 यूनिट = 1 ग्राम) तय किए गए थे।

अब जानते हैं कि आखिर वैसे बॉन्ड धारक जो इस बॉन्ड (2016-17 Series IV)  को मैच्योरिटी से पहले 16 मार्च को भुनाएंगे उन्हें कितनी कमाई होगी।

ग्रॉस /कुल कमाई

यह सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (2016-17 Series IV) 2,943 रुपये के इश्यू प्राइस पर 17 मार्च 2017 को जारी हुआ था। जबकि RBI ने इस बॉन्ड का प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन प्राइस 6,438 रुपये प्रति यूनिट तय किया है। इस हिसाब से इस सीरीज को मैच्योरिटी से पहले रिडीम करने पर बॉन्ड धारकों को 118.76 फीसदी का कैपिटल गेन होगा।

टैक्स चुकाने के बाद कमाई

लेकिन क्योंकि बॉन्ड धारक बॉन्ड इश्यू होने के 36 महीने बाद बेच रहे हैं इसलिए उन्हें कैपिटल गेन पर इंडेक्सेशन के फायदे के साथ 20 फीसदी (4 फीसदी सेस मिलाकर 20.8 फीसदी) लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन (LTCG) टैक्स चुकाना पड़ेगा।

अब इस बॉन्ड को मैच्योरिटी से पहले रिडीम करने के मामले में बगैर इंडेक्सेशन के फायदे और इंडेक्सेशन के फायदे के साथ लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन टैक्स की गणना करते हैं:

बगैर इंडेक्सेशन का फायदा लिए

परचेज प्राइस/ इश्यू प्राइस (2016-17 Series IV) : 2,943 रुपये

प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन प्राइस: 6,438 रुपये

टैक्सेबल कैपिटल गेन: 6,438-2,943 = 3,495 रुपये

लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन (LTCG) टैक्स (20.8%): 726.96 रुपये

टैक्स चुकाने के बाद कमाई: 6,438-726.96= 5,711.04 रुपये

इंडेक्सेशन का फायदा लेने के बाद

परचेज प्राइस/ इश्यू प्राइस (2016-17 Series IV): 2,943 रुपये

कॉस्ट इंफ्लेशन इंडेक्स (CII) (2017-18): 272

CII (2023-24): 348

इन्फ्लेशन को एडजस्ट करने के बाद परचेज प्राइस: 2,943 x (348/272) = 3,765.31 रुपये

प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन प्राइस: 6,438 रुपये

टैक्सेबल कैपिटल गेन (after Indexation): 6,438-3,765.31= 2,672.69 रुपये

लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन (LTCG) टैक्स (20.8%) : 555.92 रुपये

टैक्स चुकाने के बाद कमाई: 6,438-555.92= 5,882.08 रुपये

यदि इंडेक्सेशन का फायदा बॉन्ड धारकों को नहीं मिलता तो कमाई 5,882.08 रुपये के बजाय 5,711.04 रुपये हुई होती।

इंटरेस्ट जोड़कर कमाई

निवेशकों को इस सीरीज (2016-17 Series IV) के लिए प्रति वर्ष 2.5 फीसदी यानी 36.79 रुपये प्रति छह महीने जबकि 7 साल की होल्डिंग पीरियड के दौरान 515.06 रुपये इंटरेस्ट/कूपन मिला। इस तरह से देखें तो इंटरेस्ट को जोड़ने के बाद इस बॉन्ड ने 11.73% फीसदी का एनुअल रिटर्न (CAGR) दिया। यदि इस बॉन्ड को आपने ऑनलाइन खरीदा होगा तो आपको इश्यू प्राइस पर 50 रुपये प्रति यूनिट का डिस्काउंट भी मिला होगा। ऐसे बॉन्ड धारक तो और ज्यादा फायदे में रहे । ऐसे बॉन्ड धारकों को 12 फीसदी का सालाना एनुअल रिटर्न मिला। सितंबर 2016 के बाद जारी होने वाले सीरीज के लिए इंटरेस्ट को सालाना 2.75 फीसदी से घटाकर 2.5 फीसदी कर दिया गया है।

SGB की इस सीरीज पर इंटरेस्ट जोड़कर सालाना कमाई (CAGR) की गणना:

इश्यू प्राइस 1 ग्राम (2016-17 Series IV): 2,943 रुपये

रिडेम्प्शन प्राइस (LTCG टैक्स घटाने के बाद): 5,882.08 रुपये

इंटरेस्ट:515.06 रुपये

ग्रॉस (कुल) रिटर्न : 3,454.14 रुपये

ग्रॉस रिटर्न (%) : 117.37%

एनुअल रिटर्न (CAGR): 11.73%

ऑनलाइन बॉन्ड धारक – एनुअल रिटर्न (CAGR): 12%

अब जानते हैं कि प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन को लेकर नियम क्या हैं?

कब कर सकते हैं प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को मैच्योरिटी से पहले रिडीम करने का विकल्प भी निवेशकों के पास होता है। जिसे आप उसके इश्यू होने के 5 साल बाद मैच्योरिटी से पहले रिडीम कर सकते हैं। आरबीआई प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन की तारीख उस दिन तय करती है जिस दिन इस बॉन्ड पर इंटरेस्ट देय होता है। इस बॉन्ड पर इंटरेस्ट प्रत्येक छह महीने यानी साल में दो दफे मिलता है।

प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन प्राइस तय होती है कैसे

मैच्योरिटी से पहले रिडेम्प्शन प्राइस प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन की तारीख से ठीक पहले के हफ़्ते के लिए आईबीजेए (IBJA) की तरफ से प्राप्त गोल्ड 999 के क्लोजिंग प्राइस का एवरेज  होता है। इसी नियम के अनुसार आरबीआई ने इस 7वें बॉन्ड का प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन प्राइस 6,438 रुपये प्रति यूनिट/ग्राम तय किया जो IBJA से प्राप्त 4-7 मार्च के क्लोजिंग प्राइस का एवरेज है।

कितने ग्राम गोल्ड बॉन्ड का हो चुका है प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन

हालिया प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन से पहले भी बॉन्ड धारक इस 7वें बॉन्ड (2016-17 Series IV) के 1,57,474 यूनिट बेच चुके हैं। आरबीआई के आंकड़े बताते हैं कि 21 फरवरी 2024 तक इस बॉन्ड के 1,57,474  यूनिट यानी 1,57,474 ग्राम सोने की वैल्यू के बराबर सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन हो चुका है । इससे पहले इस बॉन्ड के लिए कुल 22,20,885 यूनिट की खरीद की गई थी। इस तरह से इस बॉन्ड के 20,63,411 यूनिट अभी भी बचे हैं।

टैक्स को लेकर क्या हैं नियम

अगर आपने मैच्योरिटी पीरियड से पहले रिडीम किया तो टैक्स फिजिकल गोल्ड की तरह ही लगेगा। मतलब सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड खरीदने के बाद 36 महीने से पहले बेच देते हैं तो होने वाली कमाई यानी कैपिटल गेन को शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन (STCG) माना जाएगा। जो आपके ग्रॉस टोटल इनकम में जोड़ दिया जाएगा और आपको अपने टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स चुकाना होगा। लेकिन अगर आप 36 महीने बाद बेचते हैं तो कैपिटल गेन पर इंडेक्सेशन के फायदे के साथ 20 फीसदी (4 फीसदी सेस मिलाकर 20.8 फीसदी) लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन (LTCG) टैक्स देना होगा। लेकिन यदि आप सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को उसकी मैच्योरिटी यानी 8 साल तक होल्ड करते हैं तो रिडेम्प्शन के समय आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा

First Published : March 11, 2024 | 4:25 PM IST