क्या आप भी अपने और अपने परिवार के भविष्य को लेकर चिंतित हैं और अपनी जमा पूंजी किसी ऐसी जगह निवेश करना चाहते हैं जहां मार्केट में उतार-चढ़ाव का जोखिम नहीं हो। अगर आप ऐसा सोच रहे हैं तो बैंक FD में निवेश करना आपके लिए एक बेहतर विकल्प हो सकता है। बैंक FD की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहां निवेश के दूसरे माध्यम के मुकाबले जोखिम कम रहता है और साथ ही जब आप पैसे जमा कर रहे होते हैं उसी वक्त आपको उसपर मिलने वाले ब्याज और रिटर्न की जानकारी मिल जाती है।
एक्सपर्ट भी सुरक्षित निवेश के लिए बैंक FD को प्राथमिकता देते हैं। इसकी अच्छी बात यह है कि यहां आपको बार-बार अपने पैसे पर नजर रखने की जरूरत नहीं होती है। ऐसे में हम आज देश के तीन सबसे बड़े सरकारी बैंकों द्वारा 10 साल के जमा पर मिलने वाले ब्याज दर और रिटर्न को कैलकुलेशन के माध्यम से समझने की कोशिश करेंगे। हम जानने की कोशिश करेंगे कि अगर हम 10 लाख रुपए 10 साल के लिए देश के तीन सबसे बड़े सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा में FD करवाते हैं तो हमें 10 साल बाद कितना पैसा मिलेगा और कौन सा बैंक कितना ब्याज देगा।
अगर बात देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक की करें तो यह 10 साल के FD पर 6.50% से लेकर 7.50% तक ब्याज दे रहा है।
आप अगर रेगुलर कस्टमर हैं और भारतीय स्टेट बैंक में 10 लाख रुपए 10 साल के लिए FD करवाते हैं तो आपको 6.50 % का ब्याज मिलेगा। यानि 10 साल बाद आपको कुल 19,05,559 रुपए मिलेंगे जिसमें 9,05,559 रुपए रिटर्न के तहत मिलेगें।
लेकिन अगर सीनियर सिटीजन इतने ही समय के लिए 10 लाख रुपए की FD करवाते हैं तो उन्हें 7.50% का ब्याज मिलेगा। इस हिसाब से उन्हें 10 साल बाद 21,023,50 रुपए मिलेंगे जिसमें 11,023, 50 रुपए रिटर्न के तहत मिलेंगे।
देश का दूसरा सबसे बड़ा सरकारी बैंक पंजाब नेशनल बैंक 10 साल की FD पर 6.50% से 7.30% तक FD रेट देता है।
रेगुलर कस्टमर अगर इस बैंक में 10 साल के लिए 10 लाख रुपए जमा करते हैं तो उन्हें 10 साल बाद 19,05,559 रुपए मिलेंगे, जिसमें 9,05,559 रुपए रिटर्न के तहत मिलेगें।
वहीं सीनियर सिटीजन अगर 10 साल के लिए 10 लाख रुपए जमा करते हैं तो उन्हें 20,61,469 रुपए मिलेंगे जिसमें से 10,614,69 रुपए बतौर ब्याज मिलेंगे।
बैंक ऑफ बड़ौदा FD पर 6.50% से लेकर 7.50% तक का ब्याज दे रहा है। अगर रेगुलर कस्टमर इस बैंक में 10 साल के लिए 10 लाख का FD करवाते हैं तो उन्हें 10 साल बाद 19,05,559 रुपए मिलेंगे जिसमें 9,05,559 रुपए ब्याज के रूप में मिलेगें।
वहीं अगर सीनियर सिटीजन यहां 10 साल के लिए 10 लाख रुपए का FD करवाते हैं तो उन्हें 7.50% के ब्याज दर से 10 साल बाद 21,023,50 रुपए मिलेंगे, जिनमें से 11,023, 50 रुपए ब्याज के रूप में मिलेंगे।
बैंकिंग एक्सपर्ट और पर्सनल CFO कंसल्टेंट्स के CEO सुशील जैन कहते हैं कि निवेश के कई माध्यम सामने आने के बाद भी FD अभी भी सुरक्षित निवेश के सबसे लोकप्रिय तरीकों में से एक है।
सुशील कहते हैं, “पुरानी पीढ़ी से लेकर नई जनरेशन के बीच FD आज भी निवेश का लोकप्रिय माध्यम है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि इसमें लोगों की जमा-पूंजी सुरक्षित रहती है और उन्हें किसी भी प्रकार के खतरे का डर नहीं रहता है। इसके अलावा इसमें एक बार पैसे जमा करने के बाद आपको बार-बार अपने पैसे के बारे में सोचते रहने की जरूरत नहीं होती है। साथ ही FD इमरजेंसी फंड, शॉर्ट टर्म गोल, एसेट एलोकेशन और कम टैक्स ब्रैकेट वाले निवेशकों के लिए सबसे सही माध्यम है।”
उन्होंने आगे कहा, “हालांकि, लोगों को FD करवाते समय कुछ चीजों का ध्यान रखने की भी जरूरत होती है। अगर आप FD कर रहे हैं तो कुछ चीजों का पहले पता कर लेना चाहिए, जैसे कि समय से पहले निकासी पर क्या मिलेगा, बैंक का ट्रैक रिकॉर्ड, बैंक तक हमारी आसान पहुंच और जिस बैंक में आप FD करा रहे हैं, उसकी तुलना में दूसरे बैंक क्या ब्याज दे रहे हैं आदि।”
फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) पर मिलने वाले ब्याज पर इनकम टैक्स नियमों के तहत आपको टैक्स देना पड़ सकता है। यदि किसी व्यक्ति को एक वित्त वर्ष में 40,000 रुपए से अधिक ब्याज मिलता है, तो उस पर TDS (टैक्स डिडक्शन एट सोर्स) काटा जाता है।
सीनियर सिटीजन के लिए यह सीमा 50,000 रुपए निर्धारित है। आमतौर पर TDS की दर 10% होती है, लेकिन यदि जमाकर्ता ने बैंक में अपना पैन कार्ड जमा नहीं कराया है, तो यह दर बढ़कर 20% हो जाती है। हालांकि, यदि किसी व्यक्ति की कुल आय टैक्सेबल लिमिट से कम है, तो वह बैंक में फॉर्म 15G जमा करके FD पर TDS कटौती से छूट प्राप्त कर सकता है। इसी तरह, सीनियर सिटीजन को यह लाभ पाने के लिए फॉर्म 15H भरकर जमा करना होता है।
हालांकि, इस साल के बजट में इसे बढ़ा दिया गया है। आम आदमी के लिए 40,000 रुपए से बढ़ाकर 50,000 रुपए कर दिया गया है जबकि सीनियर सिटीजन के लिए इसे 50,000 से बढ़ाकर 1 लाख रुपए कर दिया गया है। यह 1 अप्रैल 2025 से लागू होगा।