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अगर आप हर महीने ₹50,000 या उससे ज्यादा किराया दे रहे हैं, तो आप सिर्फ किरायेदार नहीं हैं—इनकम टैक्स विभाग की नजर में आप टैक्स डिडक्टर (TDS कटौतीकर्ता) भी हैं।
चार्टर्ड अकाउंटेंट नियति शाह ने लिंक्डइन पोस्ट में इस जरूरी बात की जानकारी दी है कि ऐसे किरायेदारों को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 30 अप्रैल 2025 तक फॉर्म 26QC भरना जरूरी है।
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यह नियम उन सभी व्यक्तियों और हिन्दू अविभाजित परिवारों (HUF) पर लागू होता है जो टैक्स ऑडिट के दायरे में नहीं आते। भले ही आपने पुराना टैक्स सिस्टम चुना हो या नया, और चाहे आप नौकरीपेशा हों या नहीं—अगर आपने किसी भारतीय निवासी को ₹50,000 से ज्यादा मासिक किराया दिया है, तो यह नियम आपके ऊपर लागू होता है।
TDS की कटौती आखिरी महीने के किराए का भुगतान या बकाया दर्ज करते समय की जाती है। अगर किराएदारी इससे पहले खत्म हो गई हो, तो उसी वक्त TDS काटना होगा।
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कुछ खास बातें जो आपको जाननी चाहिए:
NRI को किराया देने पर कितना TDS कटेगा? जानें पूरी डिटेल
अगर आप किसी नॉन रेजिडेंशियल इंडियन (NRI) को प्रॉपर्टी का किराया दे रहे हैं, तो आपको तय नियमों के तहत TDS काटना जरूरी होता है। मौजूदा नियमों के मुताबिक, NRI को किराया देने पर 30% TDS के साथ-साथ सरचार्ज और 4% सेस भी लागू होता है। यह कटौती आपको हर हाल में करनी होगी, भले ही किराए की रकम कितनी भी हो।