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₹50,000 से ज्यादा किराया दे रहे हैं? 30 अप्रैल तक करना होगा ये जरूरी काम, नहीं तो लगेगा जुर्माना

TDS की कटौती आखिरी महीने के किराए का भुगतान या बकाया दर्ज करते समय की जाती है। अगर किराएदारी इससे पहले खत्म हो गई हो, तो उसी वक्त TDS काटना होगा।

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मानसी वार्ष्णेय   
Last Updated- April 21, 2025 | 8:36 AM IST

अगर आप हर महीने ₹50,000 या उससे ज्यादा किराया दे रहे हैं, तो आप सिर्फ किरायेदार नहीं हैं—इनकम टैक्स विभाग की नजर में आप टैक्स डिडक्टर (TDS कटौतीकर्ता) भी हैं।

चार्टर्ड अकाउंटेंट नियति शाह ने लिंक्डइन पोस्ट में इस जरूरी बात की जानकारी दी है कि ऐसे किरायेदारों को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 30 अप्रैल 2025 तक फॉर्म 26QC भरना जरूरी है।

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किस पर लागू होता है यह नियम?

यह नियम उन सभी व्यक्तियों और हिन्दू अविभाजित परिवारों (HUF) पर लागू होता है जो टैक्स ऑडिट के दायरे में नहीं आते। भले ही आपने पुराना टैक्स सिस्टम चुना हो या नया, और चाहे आप नौकरीपेशा हों या नहीं—अगर आपने किसी भारतीय निवासी को ₹50,000 से ज्यादा मासिक किराया दिया है, तो यह नियम आपके ऊपर लागू होता है।

TDS की दरें (FY 2024-25 के लिए):

  • 1 अप्रैल से 30 सितंबर 2024 तक के किराए पर: 5%
  • 1 अक्टूबर 2024 के बाद के किराए पर: 2%

TDS की कटौती आखिरी महीने के किराए का भुगतान या बकाया दर्ज करते समय की जाती है। अगर किराएदारी इससे पहले खत्म हो गई हो, तो उसी वक्त TDS काटना होगा।

क्या करना जरूरी है?

  • Form 26QC: किराया भुगतान के अंतिम महीने के 30 दिनों के भीतर भरना जरूरी (डेडलाइन: 30 अप्रैल 2025)
  • Form 16C: फॉर्म 26QC भरने के 15 दिनों के अंदर मकान मालिक को देना जरूरी (डेडलाइन: 15 मई 2025)

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कुछ खास बातें जो आपको जाननी चाहिए:

  • पैन नंबर देना जरूरी: अगर मकान मालिक ने PAN नहीं दिया, तो TDS की दर 20% हो जाती है (सेक्शन 206AA)।
  • सिर्फ TDS लागू होगा: किराए पर कोई अन्य सेस या सरचार्ज नहीं लगता।
  • सर्विस चार्ज भी किराए में शामिल: यदि किसी कमर्शियल स्पेस में सर्विस चार्ज लिया जाता है, तो वह भी TDS के दायरे में आएगा।
  • यदि किराया मासिक न होकर तिमाही या वार्षिक हो: तो उसी हिसाब से TDS काटा जाएगा — यानी पेमेंट के समय।

गैर-अनुपालन का भारी नुकसान:

  • TDS न काटने पर: हर महीने 1% ब्याज
  • कटौती करके जमा न करने पर: हर महीने 1.5% ब्याज
  • फॉर्म देरी से भरने पर: ₹200 प्रतिदिन जुर्माना
  • लंबे समय तक फॉर्म न भरने पर: ₹1 लाख तक का जुर्माना लग सकता है

NRI को किराया देने पर कितना TDS कटेगा? जानें पूरी डिटेल

अगर आप किसी नॉन रेजिडेंशियल इंडियन (NRI)  को प्रॉपर्टी का किराया दे रहे हैं, तो आपको तय नियमों के तहत TDS काटना जरूरी होता है। मौजूदा नियमों के मुताबिक, NRI को किराया देने पर 30% TDS के साथ-साथ सरचार्ज और 4% सेस भी लागू होता है। यह कटौती आपको हर हाल में करनी होगी, भले ही किराए की रकम कितनी भी हो।

First Published : April 21, 2025 | 8:07 AM IST