Representative Image
अब तक किराया देना सिर्फ छत के बदले जिम्मेदारी मानी जाती थी — न कोई रिवॉर्ड, न कोई फायदा। लेकिन अब ये तस्वीर बदलने जा रही है। हर महीने की पहली तारीख अब सिर्फ मकान मालिक की खुशामद या डर का दिन नहीं रहेगी, बल्कि आपकी फाइनेंशियल ग्रोथ की सीढ़ी भी बन सकती है।
किराए से कैसे बनेगा क्रेडिट स्कोर
अब भारत में किराए पर रहने वाले लोग भी अपने हर महीने के रेंट पेमेंट को क्रेडिट स्कोर सुधारने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। यानी जैसे क्रेडिट कार्ड या लोन की EMI समय पर भरने से साख बनती है, वैसे ही किराए का भुगतान भी अब क्रेडिट हिस्ट्री को मजबूत करेगा।
इस सुविधा को शुरू किया है कुछ फिनटेक कंपनियों ने, जिनमें RentenPe जैसे प्लेटफॉर्म्स शामिल हैं। ये कंपनियां किराए को डिजिटल रूप में ट्रैक करती हैं और भुगतान की जानकारी CIBIL जैसे क्रेडिट ब्यूरो को भेजती हैं। इससे समय पर रेंट भरने वाले लाखों लोगों को फायदा हो सकता है — खासकर उन्हें जिनके पास अब तक कोई क्रेडिट कार्ड या बैंक लोन का इतिहास नहीं है।
यह भी पढ़ें: बिना ATM कार्ड भी जेनरेट कर सकते हैं UPI पिन, चेक करें स्टेप बाय स्टेप प्रोसेस
क्या मिलेंगे फायदे?
लेकिन रखें सावधानी!
फिलहाल यह सुविधा केवल कुछ चुनिंदा फिनटेक ऐप्स के ज़रिए ही उपलब्ध है और इसके लिए मकान मालिक की सहमति जरूरी हो सकती है। इसलिए किसी भी प्लेटफॉर्म को चुनने से पहले उसकी प्राइवेसी पॉलिसी और टर्म्स एंड कंडीशंस ध्यान से पढ़ना बेहद जरूरी है। आपका डेटा सुरक्षित है या नहीं, इसकी जांच करना भी आपकी जिम्मेदारी है।
जानें Renten Pe के बारे में
मुंबई की स्टार्टअप कंपनी RentenPe ने भारत का पहला ‘Rent Credit Score’ और ‘R-Card’ लॉन्च किया, जिसका मकसद देश के रेंटल मार्केट को नए सिरे से आकार देना है।
लाइवमिंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, RentenPe की फाउंडर सरिका शेट्टी ने कहा, “किराए की रकम हर महीने समय पर चुकाने के बावजूद यह भुगतान पारंपरिक फाइनेंशियल सिस्टम में कभी मान्यता नहीं पाता। जैसे क्रेडिट कार्ड या लोन की EMI से क्रेडिट स्कोर बेहतर होता है, वैसा किराए के भुगतान से नहीं होता। इसी वजह से किराएदारों को उनके फाइनेंशियल बिहेवियर के बावजूद किसी तरह की क्रेडिट वर्थिनेस नहीं मिलती।”
यह भी पढ़ें: SBI Credit Card से हजारों की शॉपिंग के बाद EMI में कैसे बदलें पेमेंट? ये है पूरा प्रोसेस
क्या है Rent Credit Score और R-Card?
यह इनोवेटिव पहल किराएदारों के मंथली पेमेंट की हिस्ट्री को ध्यान में रखकर एक क्रेडिट स्कोर तैयार करती है, जिससे उन्हें भविष्य में लोन, क्रेडिट कार्ड या अन्य फाइनेंशियल फैसिलिटीज पाने में मदद मिल सकती है। R-Card, एक डिजिटल कार्ड के रूप में काम करेगा, जो रेंट से जुड़ी ट्रांजैक्शंस का ट्रैक रखेगा और यूजर का क्रेडिट बिहेवियर दर्शाएगा।