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अगर आपके पास डेबिट कार्ड नहीं है और आप UPI पिन सेट करना चाहते हैं, तो अब यह काम भी आसान हो गया है। डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए अब Aadhaar आधारित वेरिफिकेशन के जरिए भी UPI पिन सेट किया जा सकता है। इससे आप आसानी से मनी ट्रांसफर, बिल पेमेंट और खरीदारी जैसे लेन-देन कर सकेंगे। यहां जानिए स्टेप बाय स्टेप तरीका—
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कैश रखने की जरूरत अब खत्म होती जा रही है। भारत में यूपीआई (Unified Payments Interface) ने पेमेंट का तरीका ही बदल दिया है। करीब 45 करोड़ भारतीय अब यूपीआई से रोजाना लेन-देन कर रहे हैं। सरकार की योजना है कि आने वाले समय में 20 से 30 करोड़ और लोग यूपीआई से जुड़ें। यह कदम देश में डिजिटल पेमेंट को और मजबूत करेगा और यूपीआई को वैश्विक स्तर पर रियल-टाइम पेमेंट का मानक बना सकता है।
अब जमाना है स्मार्ट पेमेंट का और इसमें यूपीआई (Unified Payments Interface) सबसे आसान और भरोसेमंद तरीका बन चुका है। जानिए क्यों अब लोग तेजी से यूपीआई को अपना रहे हैं:
1. जेब में कैश रखने की जरूरत नहीं
अब ना तो एटीएम की लाइन में लगना, ना ही कैश चोरी होने का डर! यूपीआई से आप सीधे अपने मोबाइल से पेमेंट कर सकते हैं – वो भी बिना कैश के झंझट के।
2. पेमेंट में फुल स्पीड
किराना दुकान हो या रेस्टोरेंट, यूपीआई से पेमेंट करने में बस कुछ सेकंड लगते हैं। मोबाइल निकाला, QR स्कैन किया और पेमेंट हो गया – इतना आसान!
3. हर ट्रांजैक्शन का रिकॉर्ड अपने आप
यूपीआई से किया गया हर भुगतान बैंक स्टेटमेंट में खुद-ब-खुद सेव हो जाता है। इससे आपको अपने खर्च का पूरा हिसाब रखने में आसानी होती है। बजट बनाना भी आसान!
4. दोहरी सुरक्षा, बेफिक्र पेमेंट
यूपीआई में OTP और PIN जैसे सिक्योरिटी फीचर्स होते हैं। मतलब आपका पैसा सुरक्षित और धोखाधड़ी से बचा रहता है।
5. कोई चार्ज नहीं, फुल फ्री सर्विस
यूपीआई से पेमेंट करने पर आमतौर पर कोई फीस नहीं लगती। जहां कार्ड से पेमेंट पर चार्ज लग सकता है, वहीं यूपीआई से पेमेंट बिल्कुल मुफ्त होता है।
6. हाइजीन का भी ध्यान
नोट छूने की जरूरत नहीं, जिससे बीमारियों से बचाव होता है। खासकर भीड़ वाली जगहों पर यह तरीका ज्यादा सुरक्षित है।
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PwC की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत दुनिया के कुल डिजिटल ट्रांजैक्शन का 46% करता है। पिछले 12 सालों में डिजिटल पेमेंट में 90 गुना की बढ़ोतरी हुई है। इस जबरदस्त सफलता के आधार पर भारत सरकार अब यूपीआई को दुनिया भर में प्रमोट कर रही है।
सिंगापुर, यूएई जैसे देशों के साथ भारत ने समझौते किए हैं, ताकि भारतीय वहां भी आसानी से यूपीआई से पेमेंट कर सकें। आगे चलकर सरकार की योजना विदेश में पढ़ाई या सेवाओं के लिए भी UPI से क्रॉस-बॉर्डर पेमेंट शुरू करने की है।
2024 में भारतीय प्रवासियों ने करीब 129 अरब डॉलर (₹10.7 लाख करोड़ से अधिक) की रकम यूपीआई के जरिए भारत भेजी। यह न सिर्फ भरोसे का प्रतीक है, बल्कि इस प्लेटफॉर्म की मजबूती भी दिखाता है।