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RBI Repo Rate: होम लोन की EMI से लेकर Auto Loan तक, ब्याज दरों में कटौती का आम आदमी की जेब पर क्या पड़ेगा असर?

रिजर्व बैंक ने एनपीसीआई को यूजर्स की बदलती जरूरतों को देखते हुए पर्सन टू मर्चेंट पेमेंट (P2M) के लिए यूपीआई में लेनदेन की सीमा को बढ़ाने की मंजूरी दे दी है।

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बीएस वेब टीम   
Last Updated- April 09, 2025 | 2:21 PM IST

RBI Repo Rate: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने बुधवार को रीपो रेट (Repo Rate) में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर इसे 6% कर दिया है। यह इस साल की दूसरी कटौती है। इससे पहले फरवरी में RBI ने करीब पांच साल बाद पहली बार रीपो रेट को घटाकर 6.5% से 6.25% किया था। इसके साथ ही स्टैंडिंग डिपॉजिट फैसिलिटी (SDF) रेट को 6% से घटाकर 5.75% और मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (MSF) रेट को 6.5% से घटाकर 6.25% कर दिया गया है। आइए जानते हैं कि आरबीआई के ब्याज दर घटाने से आम लोगों को क्या फायदा और इसका उनकी जेब पर क्या और कैसे असर पड़ेगा।

होम लोन की EMI घटेगी

रीपो रेट में कटौती के बाद होम लोन (Home Loan), कार लोन (Car Loan), पर्सनल लोन (Personal Loan) की ईएमआई (EMI) कम होना तय माना जा रहा है। RBI के नियमों के मुताबिक, अब बैंकों के होम लोन मार्जिनल कॉस्ट लेंडिंग रेट (MCLR) और रीपो लिंक्ड लेंडिंग रेट (RLLR) से जुड़े होते हैं। 2019 में केंद्रीय बैंक ने सभी बैंकों को निर्देश दिया था कि वे नए होम लोन को एक्सटर्नल बेंचमार्क से लिंक करें, क्योंकि बैंक रीपो रेट में कटौती का पूरा फायदा ग्राहकों तक नहीं पहुंचा रहे थे।

-ब्याज दरें घटने के बाद संभावित EMI

लोन अमाउंट: 50 लाख रुपये
लोन टेन्योर: 20 साल
ब्याज दर: 8.0 % सालाना (0.25 फीसदी घटने के बाद रेट)
EMI: 41,822 रुपये
कुल टेन्योर में ब्याज: 5,037,281 रुपये
कुल पेमेंट: 1,00,37,281 रुपये

UPI में लेनदेन लिमिट बढ़ाने को मंजूरी

रिजर्व बैंक ने एनपीसीआई को यूजर्स की बदलती जरूरतों को देखते हुए पर्सन टू मर्चेंट पेमेंट (P2M) के लिए यूपीआई में लेनदेन की सीमा को बढ़ाने की मंजूरी दे दी है। यूपीआई या यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस एक रियल टाइम पेमेंट सिस्टम है। इसका इस्तेमाल मोबाइल ऐप का उपयोग करके बैंक अकाउंट्स के बीच पैसे भेजने और प्राप्त करने के लिए किया जाता है।

वर्तमान में यूपीआई के जरिये लेनदेन व्यक्ति से व्यक्ति (P2P) और पर्सन से बिजनेस पेमेंट (P2M) दोनों को कवर करती है। P2P के लिए इसकी लिमिट 1 लाख रुपये है। वहीं, P2M पेमेंट के मामलों इसकी लिमिट 2 लाख रुपये और अन्य मामलों में 5 लाख रुपये तक है।

बार-बार KYC की झंझट से मिलेगी राहत

RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि C-KYC को आसान बनाया जाएगा। उन्होंने कहा, ”C-KYC को सरल, सुगम और सस्ता बनना हमारी प्राथमिकता है। हम बैंकों और अन्य रेगुलटरी संस्थाओं के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।” इससे ग्राहकों को बैंक में जा कर हर चीज के लिए अलग-अलग KYC कराने की जरुरत नहीं पड़ेगी।

Auto Loan को होगा सस्ता

रेपो दर को घटाकर 6 प्रतिशत किए जाने से कार और दोपहिया वाहन के लिए लोन लेने वालों को लाभ मिलने की उम्मीद है। यह रिटेल लोन सेगमेंट का हिस्सा हैं। यदि बैंक ब्याज दर में कटौती का पूरा लाभ ग्राहकों को देते हैं, तो ऐसे लोन ग्राहकों को उनकी ब्याज दरों में 25 आधार अंकों (0.25 प्रतिशत) की कमी देखने को मिल सकती है।

बैंकबाजार डॉट कॉम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आदिल शेट्टी ने कहा, “आरबीआई द्वारा रेपो दर में 25 आधार अंकों की कटौती करके इसे 6 प्रतिशत करने के कदम से कार लोन अधिक किफायती हो सकते हैं। चूंकि बैंक और ऋणदाता आरबीआई से कम लागत पर उधार लेते हैं, इसलिए वे कंज्यूमर्स के लिए लोन रेट में कमी कर सकते हैं। इससे नए कार लोन पर ब्याज दरें कम हो सकती हैं जिससे मंथली ईएमआई और उधारकर्ताओं के लिए ओवरऑल ब्याज का बोझ कम हो सकता है।”

गोल्ड लोन के दिशानिर्देशों की होगी समीक्षा

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर संजीव मल्होत्रा ने कहा कि गोल्ड लोन (Gold Loan) देने के दिशानिर्देशों की समीक्षा करने का प्रस्ताव किया है। सोने के आभूषणों को गिरवी रखकर विनियमित इकाइयों (आरई) द्वारा उपभोग और आय-सृजन दोनों उद्देश्यों के लिए कर्ज दिया जाता है। इन प्रकार के लोन के लिए विवेकपूर्ण और आचरण संबंधी विनियम समय-समय पर जारी किए गए हैं और वे आरई की विभिन्न श्रेणियों के लिए भिन्न-भिन्न हैं।

First Published : April 9, 2025 | 2:21 PM IST