Pradhan Mantri Jan Dhan Yojana: प्रधानमंत्री जन-धन योजना (PMJDY) को शुरू हुए 10 साल पूरे हो चुके हैं। इस योजना ने देश के करोड़ों लोगों को बैंकिंग सिस्टम से जोड़ा है। लेकिन इस योजना से जुड़े खातों को सक्रिय और सुरक्षित रखने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बीते दिनों एक बड़ा फैसला लिया है। RBI ने सभी बैंकों को निर्देश दिए हैं कि वे जन-धन खातों की दोबारा KYC करें। इसके लिए बैंकों को गांव-गांव जाकर विशेष शिविर लगाने के आदेश दिए गए हैं, जहां यह प्रक्रिया पूरी तरह फ्री होगी। इस कदम का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि खाताधारकों की जानकारी अपडेट रहे और उनके खाते धोखाधड़ी से सुरक्षित रहें।
प्रधानमंत्री जन-धन योजना की शुरुआत 2014 में हुई थी, जिसका उद्देश्य था कि देश के हर परिवार, खासकर गरीब और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोग, बैंकिंग सेवाओं से जुड़ सकें। इस योजना के तहत करीब 56 करोड़ खाते खोले गए, जिनमें से ज्यादातर जीरो बैलेंस खाते थे। इन खातों के जरिए लोग न केवल सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे अपने खाते में ले पाए, बल्कि उन्हें फ्री में Rupay डेबिट कार्ड और 2 लाख रुपये तक का दुर्घटना बीमा भी मिला। लेकिन समय के साथ इन खातों की जानकारी पुरानी हो चुकी है। कई खाताधारकों का पता, मोबाइल नंबर और दूसरे डिटेल्स बदल गए हैं, जिसके कारण बैंकों को यह वेरीफाई करने की जरूरत है कि खाता वही व्यक्ति चला रहा है, जिसके नाम पर इसे खोला गया था।
RBI के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने हाल ही में इस बात पर जोर दिया कि Re-KYC से खातों की पारदर्शिता बढ़ेगी और बैंकिंग प्रणाली में विश्वास बना रहेगा। अगर खाताधारक समय पर अपनी KYC अपडेट नहीं करते, तो उनके खाते फ्रीज हो सकते हैं। इसका मतलब है कि वे न तो पैसे निकाल पाएंगे, न जमा कर पाएंगे और न ही सरकारी योजनाओं का लाभ उनके खाते में आएगा। इसलिए यह प्रक्रिया हर खाताधारक के लिए बेहद जरूरी है।
RBI ने यह सुनिश्चित करने के लिए एक खास रणनीति बनाई है कि ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को Re-KYC कराने में कोई परेशानी न हो। इसके लिए बैंकों को 1 जुलाई 2025 से 30 सितंबर 2025 तक पंचायत स्तर पर स्पेशल शिविर लगाने के निर्देश दिए गए थे। ये शिविर ग्रामीण इलाकों में रहने वाले उन लोगों के लिए वरदान साबित होंगे, जिन्हें बैंक शाखाओं तक पहुंचने में दिक्कत होती है। इन शिविरों में न केवल Re-KYC की प्रक्रिया होगी, बल्कि लोग अपने आधार कार्ड, पैन कार्ड, मोबाइल नंबर और पते जैसे डिटेल्स भी अपडेट कर सकेंगे। इन शिविरों का एक और बड़ा फायदा यह है कि ये पूरी तरह मुफ्त होंगे और इसके लिए खाताधारकों को कोई पैसा नहीं देना होगा।
साथ ही, इन शिविरों में नए खाते खोलने, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना और अटल पेंशन योजना जैसी स्कीमों में पंजीकरण की सुविधा भी दी जाएगी। अगर किसी खाताधारक को बैंक से कोई शिकायत है, तो वह भी इन शिविरों में अपनी समस्या का समाधान पा सकता है। इस तरह, ये शिविर ग्रामीण भारत को वित्तीय सेवाओं से और मजबूती से जोड़ने का काम करेंगे।
Re-KYC की प्रक्रिया बेहद आसान है और इसमें ज्यादा समय नहीं लगता। खाताधारकों को अपने साथ कुछ जरूरी डॉक्यूमेंट्स लेकर शिविर में जाना होगा। इनमें आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर ID, ड्राइविंग लाइसेंस या मनरेगा जॉब कार्ड जैसे कोई एक पहचान पत्र शामिल हो सकता है। इसके अलावा, एक-दो पासपोर्ट साइज फोटो और अगर पता या मोबाइल नंबर में बदलाव हुआ है, तो उसका प्रमाण भी देना होगा।
कुछ बैंकों ने ऑनलाइन Re-KYC की सुविधा भी शुरू की है। उदाहरण के लिए, पंजाब नेशनल बैंक (PNB) और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) जैसे बैंक मोबाइल बैंकिंग, इंटरनेट बैंकिंग या वीडियो KYC के जरिए यह प्रक्रिया पूरी करने की सुविधा दे रहे हैं। SBI के खाताधारकों के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया और भी आसान है। वे बैंक की वेबसाइट पर जाकर “Update KYC” विकल्प चुन सकते हैं, अपनी जानकारी भर सकते हैं और जरूरी डॉक्यूमेंट अपलोड कर सकते हैं। अगर कोई बदलाव है, तो उन्हें बैंक की शाखा में जाकर अपना काम करा सकते हैं।
हालांकि, ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले ज्यादातर लोग ऑफलाइन प्रक्रिया को ही ज्यादा सुविधाजनक मानते हैं, और यही कारण है कि RBI ने गांव-गांव शिविर लगाने पर जोर दिया है। इसके अलावा, RBI ने यह भी साफ किया है कि अगर कोई खाताधारक 30 सितंबर 2025 तक अपनी Re-KYC पूरी नहीं करता, तो उसका खाता निष्क्रिय हो सकता है। इससे न केवल लेन-देन में दिक्कत होगी, बल्कि सरकारी योजनाओं का पैसा, जैसे गैस सब्सिडी, PM-किसान सम्मान निधि या पेंशन, भी खाते में नहीं आएगा। इसलिए हर खाताधारक को समय रहते यह प्रक्रिया पूरी कर लेनी चाहिए।