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जनवरी 2025 से NBFC में FD पर RBI के नए नियम होंगे लागू, जानें बड़े बदलावों के बारे में

ये नए नियम उन जमा राशियों पर भी लागू होंगे, जिनके लिए पहले तीन महीने तक पैसा निकालने पर पाबंदी थी।

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आयुष मिश्र   
Last Updated- August 16, 2024 | 4:54 PM IST

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों (HFC) के साथ फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) पर नियमों में बदलाव की घोषणा की है, जो 1 जनवरी 2025 से लागू होंगे।

नए नियमों में जनता से डिपॉजिट लेने, लिक्विड एसेट का एक निश्चित प्रतिशत रखने, जनता के पूरे डिपॉजिट का बीमा कराने, और आपातकालीन जरूरतों के लिए डिपॉजिट वापस करने जैसे विषयों पर बदलाव किए गए हैं।

RBI ने कहा है कि उसने हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों (HFC) के लिए बनाए गए मौजूदा नियमों की समीक्षा की है, जो साल 2021 के मास्टर डायरेक्शन में दिए गए हैं। इस समीक्षा के आधार पर नए नियम बनाए गए हैं, जो इस सूचना पत्र के अनुबंध के भाग A में दिए गए हैं। साथ ही, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) के कुछ नियमों की भी समीक्षा की गई है और नए नियम अनुबंध के भाग B में दिए गए हैं।

मुख्य बदलाव

छोटी जमा राशियां: अगर आपने 10,000 रुपये से कम की छोटी जमा राशि लगाई है, तो आप जमा राशि लेने की तारीख से तीन महीने के भीतर बिना किसी ब्याज के पूरी रकम निकाल सकते हैं।

अन्य जमा राशियां: अगर आपने 10,000 रुपये से ज्यादा की जमा राशि लगाई है, तो आप जमा राशि लेने की तारीख से तीन महीने के भीतर पूरी रकम का आधा हिस्सा या 5 लाख रुपये, जो भी कम हो, बिना ब्याज के निकाल सकते हैं। बची हुई रकम पर आपको पहले से तय ब्याज मिलेगा, और उस पर पुराने नियम लागू होंगे।

गंभीर बीमारी: अगर जमाकर्ता गंभीर बीमारी से पीड़ित हो जाता है, तो वो जमा की गई पूरी रकम बिना ब्याज के निकाल सकता है, भले ही जमा की गई रकम का समय पूरा न हुआ हो।

नॉमिनेशन प्रक्रिया: NBFC कंपनियों को अब ये सुनिश्चित करना होगा कि जमाकर्ता को नॉमिनेशन फॉर्म जमा करने की रसीद मिले। चाहे जमाकर्ता रसीद मांगे या न मांगे, कंपनी को ये देनी ही होगी।

पासबुक में नॉमिनी: NBFC कंपनियां अब जमाकर्ता की सहमति से पासबुक या रसीद पर “नॉमिनी रजिस्ट्रेशन” लिख सकती हैं, और नॉमिनी का नाम भी लिख सकती हैं।

पुराने समझौते: ये नए नियम उन जमा राशियों पर भी लागू होंगे, जिनके लिए पहले तीन महीने तक पैसा निकालने पर पाबंदी थी।

मैच्योरिटी की जानकारी: पहले NBFC कंपनियों को जमा की गई रकम की मैच्योरिटी की जानकारी दो महीने पहले देनी होती थी। अब ये समय घटाकर 14 दिन कर दिया गया है। अब कंपनियों को जमा खत्म होने के 14 दिन पहले ही जानकारी देनी होगी।

First Published : August 16, 2024 | 4:54 PM IST