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इंश्योरेंस पॉलिसी लौटाने के लिए मिलेगा और अधिक समय, IRDAI ने दिया फ्री-लुक पीरियड बढ़ाने का प्रस्ताव

IRDAI ने प्रस्ताव में पॉलिसी होल्डर का बैंक अकाउंट डिटेल्स भी जुटाने की बात कही है ताकि क्लेम को इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से रिफंड किया जा सके

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बीएस वेब टीम   
Last Updated- February 19, 2024 | 7:23 AM IST

हाल ही में IRDAI यानी इंश्योरेंस रेगुलेटरी और डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने इंश्योरेंस पॉलिसी में कुछ बदलाव करने का प्रस्ताव रखा है। ये बदलाव है पॉलिसी होल्डर्स के लिए फ्री-लुक अवधि को बढ़ाने का। यानि कि अब एक पॉलिसी होल्डर के पास अपनी पॉलिसी लौटाने के लिए पहले जो 15 दिन का समय होता था उ,से अब बढ़कर 30 दिनों का करने का प्रस्ताव रखा है।

IRDAI ने जो ड्राफ्ट रेगुलेशन 2024 प्रस्तावित किया गया है उसमें कहा गया है, “किसी भी मोड के जरिए पॉलिसी लेने के बाद फ्री-लुक अवधि को पॉलिसी डॉक्युमेंट की रसीद जारी होने से 30 दिन तक बढ़ाया जाए।”

बता दें, वर्तमान में लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी के लिए फ्री-लुक अवधि 15 दिन है। हालांकि, इलेक्ट्रॉनिक पॉलिसी और किसी डिस्टेंस मोड के जरिए ली गई पॉलिसी के लिए फ्री-लुक अवधि 30 दिन की ही है।

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क्या होता है फ्री-लुक पीरियड

फ्री-लुक पीरियड वो अवधि होती है, जब कोई पॉलिसी होल्डर नई पॉलिसी खरीदने के बाद किसी भी वजह से अपना मन बदलता है तो वो इस पॉलिसी से बाहर निकल सकता है।

अगर पॉलिसी होल्डर इस तरह की नई पॉलिसी से बाहर निकलता है तो इंश्योरेंस कंपनी को पॉलिसी खरीदते वक्त ली चुकाई गई प्रीमियम वापस रिफंड करनी होती है। हालांकि, इसमें रिस्क प्रीमियम की कटौती की जाती है। इसके अलावा इसमें कुछ और कटौती भी होती है जैसे कि मेडिकल चेक-अप्स, स्टाम्प ड्यूटी जैसे खर्च आदि।

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फ्री-लुक पीरियड के अलावा IRDAI ने दिए और भी प्रस्ताव

इसे साथ ही IRDAI ने एक और प्रस्ताव यह भी रखा है कि जनरल और हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियो को किसी को भी नई पॉलिसी जारी करते वक्त नॉमिनेशन की डिटेल्स जरूर लें। पॉलिसी रिन्यू करने के दौरान भी ऐसा करना अनिवार्य है।

अगर IRDAI के इस ड्राफ्ट को लागू कर दिया जाता है तो ज्यादातर पॉलिसी को इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से ही जारी करना अनिवार्य हो सकता है।

इंश्योरेंस रेगुलेटर IRDAI ने प्रस्ताव में पॉलिसी होल्डर का बैंक अकाउंट डिटेल्स भी जुटाने की बात कही है ताकि क्लेम को इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से रिफंड किया जा सके। IRDAI का प्रस्ताव है कि इंश्योरेंस कंपनियां पॉलिसी जारी करते वक्त ही अकाउंट डिटेल जुटा लें। मौजूदा प्रस्ताव पर आम लोगों से लेकर इंश्योरेंस कंपनियों समेत सभी स्टेकहोल्डर्स को 4 मार्च तक अपना फीडबैक देना होगा।

First Published : February 19, 2024 | 7:21 AM IST