आपका पैसा

ITR refund scam: टैक्स रिफंड के नाम पर हो रही धोखाधड़ी, सावधान रहें; आयकर विभाग ने जारी की चेतावनी

ITR refund scam: इनकम टैक्स रिफंड वह राशि है जो आयकर विभाग तब वापस करता है जब भुगतान किया गया कर वास्तविक देय राशि से अधिक होता है।

Published by
अंशु   
Last Updated- August 18, 2024 | 3:59 PM IST

ITR refund scam: आयकर विभाग (आईटी) ने टैक्सपेयर्स को ‘टैक्स रिफंड’ के नाम पर चल रहे स्कैम यानी धोखाधड़ी से सावधान रहने की सलाह दी है। विभाग ने सोशल मीडिया पर टैक्सपेयर्स को ऐसे फर्जी कॉल और पॉप-अप नोटिफिकेशन जैसे ऑनलाइन घोटालों के प्रति सतर्क रहने के लिए आगाह किया है, जो दावा करते हैं कि वे टैक्स रिफंड का लाभ उठा सकते हैं।

टैक्स रिफंड से संबंधित किसी भी संचार को IT विभाग से वेरीफाई करें

टैक्सपेयर्स को सलाह दी जाती है कि वे सावधान रहें और ऑफिशियल चैनलों के माध्यम से आईटी विभाग से किसी भी संचार को वेरीफाई करें।

आयकर विभाग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कहा, “ईमेल का जवाब न दें या उन वेबसाइटों पर न जाएं जो क्रेडिट कार्ड नंबर, बैंक अकाउंट डिटेल या किसी अन्य संवेदनशील जानकारी की मांग करते हैं। आयकर विभाग दिए गए ईमेल पते के माध्यम से टैक्सपेयर्स से संपर्क कर सकता है।”

फर्जी मैसेज कुछ इस प्रकार का हो सकता है

आपको 15000/- रुपये का आयकर रिफंड स्वीकृत किया गया है, राशि शीघ्र ही आपके अकाउंट में जमा कर दी जाएगी। कृपया अपना अकाउंट नंबर 5XXXX6777 वेरिफाई करें। यदि यह सही नहीं है, तो कृपया नीचे दिए गए लिंक पर जाकर अपने बैंक अकाउंट की जानकारी अपडेट करें। https://bit.ly/20wpUUX

एक अन्य पोस्ट में आयकर विभाग ने टैक्स रिफंड धोखाधड़ी से संबंधित एक मामले की जानकारी भी दी। विभाग ने बताया कि फर्जी रिफंड मैसेज पर क्लिक करने के बाद एक व्यक्ति को 1.5 लाख रुपये का नुकसान हुआ। उन्हें एक धोखाधड़ी वाले ऐप की ओर निर्देशित किया गया, जिसके कारण उनका फोन हैक हो गया और उनके अकाउंट से पैसे डेबिट हो गए।

टैक्स रिफंड से जुड़े फ्रॉड को कैसे करें रिपोर्ट?

टैक्सपेयर्स को ऐसे फर्जी और धोखाधड़ी वाले मैसेज और ईमेल आईटी विभाग की ऑफिशियल वेबसाइट पर भेजने चाहिए।

यदि आपको कोई ऐसा ईमेल प्राप्त होता है जो आपको लगता है कि धोखाधड़ी वाला है, तो आपको इसे webmanager@incometax.gov.in पर फॉरवर्ड करें। एक कॉपी @cert-in.org.in पर भी भेजी जा सकती है।

आयकर विभाग ने कहा, “यदि आपको कोई फ़िशिंग मेल प्राप्त होता है, तो उसे @cert-in.org.in पर फॉरवर्ड करें।”

आपको हमेशा इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि आयकर विभाग ई-मेल के माध्यम से विस्तृत व्यक्तिगत जानकारी नहीं मांगता है। विभाग ईमेल के माध्यम से आपके पिन नंबर, पासवर्ड या क्रेडिट कार्ड, बैंक या अन्य वित्तीय खातों से संबंधित अन्य जानकारी का अनुरोध भी नहीं करता है।

Also read: SBI से लोन लेना हुआ महंगा; बैंक ने ब्याज दरों में किया इजाफा, जानें अब कितना है इंटरेस्ट रेट

आयकर विभाग की इन सलाहों को हमेशा ध्यान में रखें

यदि आपको किसी व्यक्ति से ईमेल प्राप्त होता है जो स्वयं को आयकर विभाग द्वारा अधिकृत होने का दावा करता है या आपको आयकर वेबसाइट पर जाने का निर्देश देता है:

  • जवाब न दें- ऑफिशियल चैनलों के माध्यम से आईटी विभाग से किसी भी संचार को वेरीफाई करें।
  • कोई भी अटैचमेंट न खोलें- अटैचमेंट में ऐसा मालिशियस कोड हो सकता है जो आपके कंप्यूटर को प्रभावित कर सकता है।
  • किसी भी लिंक पर क्लिक न करें- यदि आपने किसी संदिग्ध ईमेल या फ़िशिंग वेबसाइट में लिंक पर क्लिक किया है, तो कोई भी गोपनीय जानकारी जैसे बैंक अकाउंट, क्रेडिट कार्ड डिटेल दर्ज न करें।
  • मैसेज से लिंक को अपने ब्राउज़र में कॉपी और पेस्ट न करें- फ़िशर लिंक को वास्तविक जैसा दिखा सकते हैं, लेकिन वास्तव में वे आपको अलग वेबसाइटों पर भेज सकते हैं।
  • एंटी-वायरस सॉफ़्टवेयर, एंटी स्पायवेयर और फ़ायरवॉल का उपयोग करें और उन्हें अपडेट रखें- कुछ फ़िशिंग ईमेल में ऐसा सॉफ़्टवेयर होता है जो आपके कंप्यूटर को नुकसान पहुंचा सकता है या आपकी जानकारी के बिना आपके इंटरनेट पर की जाने वाली गतिविधियों को ट्रैक कर सकता है। एंटी-वायरस और एंटी-स्पायवेयर सॉफ़्टवेयर और फ़ायरवॉल आपको अनजाने में ऐसे अवांछित फ़ाइलों को स्वीकार करने से बचा सकते हैं।

क्या होता है इनकम टैक्स रिफंड?

इनकम टैक्स रिफंड वह राशि है जो आयकर विभाग तब वापस करता है जब भुगतान किया गया कर वास्तविक देय राशि से अधिक होता है। आयकर रिफंड की प्रक्रिया तब शुरू होती है जब करदाता द्वारा रिटर्न का ई-वेरीफिकेशन किया जाता है। आमतौर पर, रिफंड को बैंक खातों में जमा होने में लगभग 4 से 5 सप्ताह का समय लगता है।

First Published : August 18, 2024 | 3:59 PM IST