HSBC की ग्लोबल एंटरप्रेन्यूरिअल वेल्थ रिपोर्ट 2025 के अनुसार, भारतीय उद्यमी अपनी वैश्विक समकक्षों की तुलना में लग्जरी जीवनशैली और अंतरराष्ट्रीय अवसरों में अधिक निवेश कर रहे हैं। यह रुझान उनके धन और व्यवसाय के प्रति सकारात्मक नजरिए से प्रेरित है।
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के 64% उद्यमी अपने निजी धन का हिस्सा व्यक्तिगत उपयोग के लिए रियल एस्टेट में निवेश करते हैं, जबकि वैश्विक औसत 53% है। स्वास्थ्य और वेलनेस या लंबी उम्र से जुड़ी सेवाओं पर खर्च करने वाले उद्यमियों का प्रतिशत 61% है, जो वैश्विक औसत 50% से अधिक है। इसके अलावा, लगभग 59% भारतीय उद्यमी लग्ज़री अनुभवों में निवेश करते हैं, जबकि वैश्विक औसत 50% है।
भारतीय उद्यमियों में धन वृद्धि को लेकर उत्साह स्पष्ट है। 95% उद्यमी अगले कुछ वर्षों में व्यक्तिगत संपत्ति में वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं। इनमें से 56% ने बड़े पैमाने पर वृद्धि की उम्मीद जताई, जबकि 39% ने मध्यम वृद्धि की संभावना बताई। HSBC ने बताया कि यह आशावाद नए निवेश के अवसरों (64%), निवेश पोर्टफोलियो के अच्छे प्रदर्शन (56%), स्थानीय आर्थिक स्थिति में सुधार (54%) और मजबूत व्यवसाय प्रदर्शन (43%) से प्रेरित है।
व्यवसाय के अवसरों के प्रति भी भरोसा दिखाई दे रहा है। 98% उद्यमी अपने व्यवसाय की वृद्धि को लेकर आशावादी हैं। तकनीकी प्रगति और नए व्यावसायिक अवसर मुख्य कारण बताए गए हैं।
रिपोर्ट में यह भी उजागर हुआ कि भारत के अमीर उद्यमियों का दृष्टिकोण अब और अधिक वैश्विक हो गया है। 73% उद्यमियों के पास मल्टी-रेजिडेंसी है, जो वैश्विक औसत 56% से काफी अधिक है। कई उद्यमी विदेश में स्थानांतरण के इच्छुक हैं। उनके पसंदीदा देश हैं: यूके, अमेरिका, स्विट्जरलैंड, यूएई और सिंगापुर।
स्थानांतरण के पीछे मुख्य कारण हैं: जीवन की गुणवत्ता (78%), नए निवेश अवसरों तक पहुंच (75%) और नए बाजार में विस्तार (71%)। यूके सबसे लोकप्रिय स्थान बना, उसके बाद सिंगापुर, अमेरिका, स्विट्जरलैंड और यूएई का स्थान है।
भारतीय उद्यमी विविध निवेश पोर्टफोलियो रखते हैं। प्रमुख विकल्प हैं: जीवन बीमा (73%), रियल एस्टेट (58%), पब्लिकली ट्रेडेड स्टॉक्स (53%) और प्राइवेट एसेट्स (51%)। इसके अलावा, 42% उद्यमी चैरिटी और दान को प्राथमिकता देते हैं, जो उनके सामाजिक जिम्मेदारी के दृष्टिकोण को दर्शाता है।
हालांकि उद्यमी उत्साही और आशावादी हैं, उन्हें विदेश में व्यवसाय और धन प्रबंधन में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। 50% ने विदेशी व्यवसाय संचालन की जटिलताओं को मुख्य चुनौती बताया, 49% ने वीज़ा और निवास संबंधी आवश्यकताओं को और 48% ने विदेश में संपत्ति खरीदने की कठिनाई बताई। उत्तराधिकार योजना (Succession Planning) भी चिंता का विषय है, जिसमें 64% ने व्यापार हस्तांतरण की संरचना को चुनौती बताया।
HSBC इंडिया के इंटरनेशनल वेल्थ एंड प्रीमियर बैंकिंग प्रमुख संदीप बत्रा ने कहा, “भारतीय उद्यमी अपने आशावाद, महत्वाकांक्षा और विकास मानसिकता से वैश्विक स्तर पर नया उदाहरण पेश कर रहे हैं। उनके लग्ज़री जीवनशैली, ग्लोबल मूवमेंट और विविध निवेश पोर्टफोलियो में निवेश यह दर्शाता है कि वे अपने धन और वैश्विक अवसरों को बढ़ाने के लिए तैयार हैं।”