अगर आप कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के मेंबर हैं तो ये खबर आपके काम आ सकती है। EPFO आपके लिए ऐसी सुविधा लेकर आई है जिसे जानने के बाद आपका काम और आसान हो जाएगा। अब EPFO सब्सक्राइबर्स ऑनलाइन पासबुक के माध्यम से ही ये जान सकेंगे कि ब्याज उनके PF खाते में जमा हुआ है या नहीं। इसके लिए आपको EPFO की वेबसाइट या ऐप पर जाना होगा, जहां से आपके PF अकाउंट की सारी जानकारी मिल जाएगी।
कैसे देखें EPF पासबुक?
EPF पासबुक डाउनलोड करना एक आसान प्रक्रिया है। PF अकाउंट की सारी जानकारी ऑनलाइन जानने के लिए आपको यूनिवर्सल अकाउंट नंबर यानी UAN और पासवर्ड पता होना चाहिए।
EPFO से मिली जानकारी के मुताबिक, सबसे पहले UMANG ऐप डाउनलोड करना होगा। ऐप डाउनलोड करने के बाद आपको सर्च करना होगा ‘EPFO’।
सर्च करते ही आपको View Passbook का ऑप्शन दिखेगा। उस ऑप्शन पर क्लिक करने के बाद UAN दर्ज करना होगा। UAN दर्ज करते ही Get OTP का ऑप्शन आएगा और आपको अपने मोबाइल फोन पर OTP मिल जाएगी।
OTP डालने के बाद आपको मेंबर आईडी (Member ID) चुनना होगा और इसके बाद ही आप पासबुक डाउनलोड कर सकेंगे।
कितना मिलता है ब्याज?
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने 2022-23 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) पर 8.15 फीसदी की ब्याज दर निर्धारित कर दी है। EPFO 2021-22 के लिए अपने करीब पांच करोड़ अंशधारकों के EPF पर ब्याज दर को घटाकर मार्च, 2022 में चार दशक से भी अधिक समय के निचले स्तर 8.1 फीसदी पर ले आया था।
अगर हो गई ब्याज अपडेट में देरी तो क्या?
हाल ही में EPFO ने बताया था कि मेंबर पासबुक को ब्याज सहित अपडेट करना एक एंट्री प्रोसेस है। जिस तारीख को मेंबर पासबुक की ब्याज अपडेट की जाती है उस तारीख का कोई वास्तविक वित्तीय प्रभाव नहीं पड़ता है। EPFO ने बताया कि इसकी वजह यह है कि मेंबर के करेंट मंथली बैलेंस पर जुटाया गया ब्याज हमेशा उस साल के क्लोजिंग बैलेंस में जोड़ा जाता है, और यही क्लोजिंग बैलेंस अगले साल के लिए ओपेनिंग बैलेंस बन जाता है।
Also read: FD Rates: दो बड़े बैंकों ने घटाई ब्याज दर! क्या यह FD दरों में वृद्धि के दौर का अंत है ?
EPFO ने बताया कि अगर कोई मेंबर अपनी पासबुक में ब्याज अपडेट होने से पहले ही अपना EPF बकाया निकाल लेता है तो भी उसे कोई नुकसान नहीं होता है। ऐसे मामले में भी मेंबर के दावा निपटान के समय देय ब्याज (claim settlement) का कैलकुलेशन होता है और सिस्टम द्वारा ऑटोमेटिकली देय होने की तारीख से भुगतान किया जाता है।