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ITR फाइल करने जा रहे हैं और Form 16 व Form 16A में हैं कंफ्यूज, तो आइए जानते हैं कौन किसके लिए है जरूरी

ITR Filing: Form 16 और Form 16A इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग के जरूरी डॉक्यूमेंट हैं, जो सैलरी और नॉन-सैलरी इनकम पर काटे गए TDS की जानकारी देते हैं।

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ऋषभ राज   
Last Updated- June 09, 2025 | 5:24 PM IST

Form 16 vs Form 16A: अगर आप नौकरीपेशा व्यक्ति हैं, या फिर किसी अन्य स्रोत से कमाई कर रहे हैं, और टैक्स के दायरे में आते हैं तो आपने Form 16 और Form 16A के बारे में जरूर सुना है। भारत में इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया में Form 16 और Form 16A दो जरूरी डॉक्यूमेंट हैं। ये दोनों Form टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स (TDS) से जुड़े हैं, लेकिन इनके उद्देश्य, उपयोग और जरूरत अलग-अलग हैं।

Form 16: सैलरीड लोगों का टैक्स सर्टिफिकेट

Form 16 एक ऐसा डॉक्यूमेंट है, जो एम्प्लॉयर अपने कर्मचारियों को देता है। यह सैलरी से संबंधित TDS का सर्टिफिकेट है, जिसे इनकम टैक्स एक्ट, 1961 की धारा 203 के तहत जारी किया जाता है। अगर किसी कर्मचारी की सालाना इनकम बेसिक छूट सीमा से ज्यादा है, तो एम्प्लॉयर द्वारा कर्मचारी के सैलरी से TDS काटना होता है और इसे सरकार के पास जमा करना होता है। Form 16 में यह सारी जानकारी दर्ज होती है कि कर्मचारी को कितना सैलरी मिला और उससे कितना टैक्स काटा गया। यह Form हर साल 15 जून तक जारी करना अनिवार्य है। उदाहरण के लिए, वित्त वर्ष 25 के लिए Form 16 को 15 जून 2025 तक जारी करना एम्प्लॉयर के लिए अनिवार्य है।

Form 16 दो हिस्सों में बंटा होता है: पार्ट A और पार्ट B। पार्ट A में एम्प्लॉयर और कर्मचारी की बुनियादी जानकारी होती है, जैसे नाम, पता, पैन (परमानेंट अकाउंट नंबर), टैन (टैक्स डिडक्शन एंड कलेक्शन अकाउंट नंबर) और TDS की तिमाही जानकारी। इसमें यह भी बताया जाता है कि कितना टैक्स काटा गया और सरकार के पास जमा किया गया। वहीं, पार्ट B में सैलरी का विस्तृत ब्योरा होता है, जैसे बेसिक सैलरी, भत्ते, पर्क्स, अन्य आय, और टैक्स छूट के लिए दावा की गई कटौतियां (जैसे धारा 80C से 80U के तहत)। यह हिस्सा कर्मचारी को यह समझने में मदद करता है कि उसका टैक्स कैसे कैलकुलेट किया गया। अगर किसी कर्मचारी ने एक साल में एक से ज्यादा जगहों पर काम किया है, तो उसे हर एम्प्लॉयर से अलग-अलग Form 16 मिलेगा। अगर आय बेसिक छूट सीमा से कम है, तो एम्प्लॉयर TDS नहीं काटता और Form 16 जारी करना जरूरी नहीं होता।

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Form 16A: नॉन-सैलरी इनकम का TDS सर्टिफिकेट

Form 16A भी TDS सर्टिफिकेट है, लेकिन यह सैलरी के अलावा अन्य आय स्रोतों पर काटे गए टैक्स के लिए जारी किया जाता है। यह भी इनकम टैक्स एक्ट, 1961 की धारा 203 के तहत जारी होता है। उदाहरण के लिए, अगर आपके बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज से आय होती है और बैंक उस पर TDS काटता है, तो आपको Form 16A मिलेगा। इसी तरह, किराए की आय, बीमा कमीशन, प्रोफेशनल फीस, या अन्य नॉन-सैलरी इनकम पर TDS काटे जाने पर यह Form जारी किया जाता है।

Form 16A हर तिमाही जारी होता है, और इसे तिमाही TDS रिटर्न दाखिल करने की तारीख से 15 दिन के भीतर देना होता है।

इस Form में डिडक्टर (जो टैक्स काटता है, जैसे बैंक या किरायेदार) और डिडक्टे (जिसका टैक्स काटा जाता है, यानी आप) का नाम, पता, पैन, टैन, और TDS जमा करने के चालान की जानकारी होती है।

Form 16A की सारी जानकारी Form 26AS में भी उपलब्ध होती है, जो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का एक समेकित डॉक्यूमेंट है। यह Form उन लोगों के लिए जरूरी है, जो सैलरी के अलावा अन्य स्रोतों से आय अर्जित करते हैं, जैसे फ्रीलांसर, सलाहकार या किराए से कमाने वाले व्यक्ति।

दोनों में क्या हैं बड़े अंतर?

Form 16 और Form 16A के बीच सबसे बड़ा अंतर यह है कि Form 16 केवल सैलरी से होने वाले इनकम के लिए है, जबकि Form 16A नॉन-सैलरी इनकम के लिए। Form 16 एम्प्लॉयर द्वारा कर्मचारी को साल में एक बार जारी किया जाता है, जबकि Form 16A अलग-अलग डिडक्टर्स (जैसे बैंक, किरायेदार, या कंपनियां) द्वारा तिमाही आधार पर जारी होता है।

Form 16 में सैलरी का विस्तृत ब्योरा और टैक्स छूट की जानकारी होती है, जबकि Form 16A में गैर-सैलरी आय और उस पर काटे गए टैक्स का ब्योरा होता है। Form 16 की कुछ जानकारी (केवल TDS से संबंधित) Form 26AS में मिलती है, लेकिन Form 16A की पूरी जानकारी Form 26AS में उपलब्ध होती है।

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दोनों का अपना-अपना महत्व

दोनों Forms इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए जरूरी हैं। Form 16 सैलरीड को उनकी आय और टैक्स की जानकारी को सटीक रूप से रिटर्न में शामिल करने में मदद करता है। यह न केवल टैक्स फाइलिंग के लिए जरूरी है, बल्कि लोन लेने या वीजा अप्लाई में इनकम के सर्टिफिकेट के रूप में भी इस्तेमाल होता है।

दूसरी ओर, Form 16A नॉन-सैलरी इनकम वालों के लिए जरूरी है, ताकि वे अपनी आय और काटे गए टैक्स को सही तरीके से रिटर्न में दिखा सकें। यह Form उन लोगों के लिए खास तौर पर उपयोगी है, जो फ्रीलांसिंग, ब्याज, या किराए से आय कमाते हैं। दोनों Forms को TDS रीकॉन्सिलिएशन एनालिसिस एंड करेक्शन इनेबलिंग सिस्टम (TRACES) पोर्टल से डाउनलोड और वेरिफाई किया जा सकता है।

Form 26AS के साथ तुलना

Form 16 और Form 16A दोनों को Form 26AS के साथ मिलाकर देखना जरूरी है। Form 26AS इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का एक समेकित डॉक्यूमेंट है, जिसमें वित्तीय वर्ष में काटे गए सभी टैक्स की जानकारी होती है। Form 16A की सारी जानकारी Form 26AS में मिल जाती है, लेकिन Form 16 की केवल TDS से संबंधित जानकारी ही इसमें दिखती है। अगर इन Forms और Form 26AS में कोई अंतर दिखता है, तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट Form 26AS की जानकारी को ही सही मानता है। इसलिए, रिटर्न दाखिल करने से पहले इन डॉक्यूमेंट्स को मिलाना जरूरी है ताकि कोई गलती न हो।

First Published : June 9, 2025 | 5:24 PM IST