ई-कॉमर्स क्षेत्र की दिग्गज कंपनी एमेजॉन के अभी होने वाले प्रमुख सेल इवेंट प्राइम डे के खरीदारों को ठगने के लिए साइबर अपराधी आर्टिफिशल इंटेलिजेंस का सहारा ले रहे हैं। साइबर सुरक्षा फर्म मैकएफी ने एमेजॉन की 36,000 से अधिक फर्जी वेबसाइट का पता लगाया है और 75,000 से ज्यादा फर्जी संदेशों की भी पहचान की है, जिसे उपयोगकर्ताओं की व्यक्तिगत और वित्तीय जानकारी चुराने के लिए तैयार किया गया है।
भारत में जैसे-जैसे ऑनलाइन खरीदारी रफ्तार पकड़ रही है धोखाधड़ी के मामले भी उसी तेजी से बढ़ रहे हैं। मैकएफी के 2025 ग्लोबल प्राइम डे स्कैम अध्ययन के मुताबिक, इस साल प्राइम डे के दौरान करीब 96 फीसदी ग्राहक ऑनलाइन खरीदारी की योजना बना रहे हैं। हालांकि, 97 फीसदी भारतीय खरीदार सावधानी बरतना चाह रहे हैं, लेकिन 71 फीसदी लोग इस प्रमुख सेल के दौरान एआई आधारित धोखाधड़ी के प्रति चिंतित हैं।
प्रौद्योगिकी के जरिये साइबर अपराधी को काफी सहूलियत भी मिल रही है। वे किसी उत्पाद के लिए इंफ्लुएंसर के डीपफेक वीडियो बना ले रहे हैं और फर्जी तरीके से एमेजॉन के संदेश भी तैयार कर रहे हैं, जिसमें ग्राहक को डिलिवरी का फर्जी समय, रिफंड की जानकारी और यहां नकली बिल के संदेश भेज रहे हैं। ये संदेश इस तरह से तैयार किए जा रहे हैं, जिससे ग्राहक उसकी सच्चाई जानने से पहले ही फर्जी लिंक पर क्लिक कर देगा।
मैकएफी के वरिष्ठ निदेशक (इंजीनियरिंग) प्रतीम मुखर्जी ने कहा, ‘भारतीय खरीदारों को प्राइम डे काफी उत्साहित करता है। मगर अब साइबर अपराधियों के लिए भी यह खास वक्त बन गया है, जब वे आसानी से लोगों को ठग सकते हैं। वे एआई के जरिये ग्राहक के लिए खास तौर पर संदेश तैयार करते हैं और ऐसे फर्जी लिंक भेजते हैं जिस पर वह बगैर कुछ सोचे क्लिक कर देता है।’