लंबे समय तक ऊंची रहने के बाद अब ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद की जा रही है। हाल ही में अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने दर में 50 आधार अंकों की कटौती की, जिसके बाद भारतीय रिजर्व बैंक सहित तमाम अन्य केंद्रीय बैंक अब इस राह पर चल सकते हैं। प्लानरुपी इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स के संस्थापक अमोल जोशी ने कहा, ‘दरों में नरमी आने से पहले ऊंची दरों पर निश्चित आय योजनाओं में निवेश करने का यह सही समय है।’
रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2025 के लिए महंगाई 4.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है, जो 4 फीसदी के लक्ष्य के करीब है। अभी रीपो दर 6.5 फीसदी है और जानकारों को उम्मीद है कि मौद्रिक नीति समिति की अगली बैठक में इसमें 25 से 50 आधार अंकों की कमी की जा सकती है। लेखक एवं कॉरपोरेट प्रशिक्षक (ऋण) जयदीप सेन ने कहा, ‘मुझे लगता है रीपो दर 50 आधार अंक कम होकर 6 फीसदी हो सकती है।’
ऑप्टिमा मनी मैनेजर के प्रबंध निदेशक पंकज मठपाल ने कहा, ‘रिजर्व बैंक अगले 6 महीनों में दर में 50 आधार अंक टक की कटौती कर सकता है और इसकी शुरुआत दिसंबर में 25 आधार अंक की कमी के साथ हो सकती है।’
बैंक सावधि जमा (एफडी), कॉरपोरेट एफडी और लघु बचत योजना (SSS) जैसे निश्चित आय साधन फिलहाल आकर्षक रिटर्न दे रहे हैं। उदाहरण के लिए दो से तीन वर्षों की अवधि के लिए बैंक एफडी पर 7 फीसदी रिटर्न मिल रहा है, जबकि सरकार ने एसएसएस की ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं किया है।
मठपाल ने कहा, ‘अगर आप एफडी अथवा वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (एससीएसएस) में निवेश करना चाहते हैं तो यह सही समय है। निवेशक दीर्घावधि के डेट फंड के बारे में भी सोच सकते हैं।’
जयदीप सेन ने कहा कि बैंक एफडी दरों में कोई भी कटौती रिजर्व बैंक के निर्णय के बाद ही होगी। उन्होंने समझाया, ‘बैंक जमा दरों में नरमी आ सकती है, लेकिन वह सीधे तौर पर रिजर्व बैंक के दर कटौती से जुड़ी नहीं होगी क्योंकि कर्ज की मांग बरकरार है और बैंकों को जमा की दरकार है।’
कई निश्चित आय वाले उपकरण फिलहाल आकर्षक ब्याज दरें पेश कर रहे हैं। वरिष्ठ नागरिक बचत योजना में पांच साल की अवधि के लिए निवेश करने पर 8.2 फीसदी का ब्याज मिल रहा है, जो काफी आकर्षक है।
योजना के तहत सीमा भी 30 लाख रुपये तक बढ़ा दी गई है। महिला सम्मान बचत प्रमाणपत्र में दो वर्षों के लिए अधिकतम दो लाख रुपये जमा करने पर 7.5 फीसदी का ब्याज मिल रहा है। चुनिंदा कॉरपोरेट एफडी में भी करीब 9 फीसदी रिटर्न मिल रहा है, जिस पर भी विचार किया जा सकता है। बैंक 12 से 15 महीनों के एफडी पर भी आकर्षक ब्याज दरें पेश कर रहे हैं। मगर दीर्घावधि वाले निवेशकों के लिए यही सही रहेगा कि वे दीर्घावधि वाले एफडी में निवेश करें।
मठपाल ने कहा, ‘वरिष्ठ नागरिकों को एससीएसएस में मिलने वाले उच्च ब्याज दरों का फायदा उठाना चाहिए और अभी ही इसमें निवेश कर देना चाहिए। अल्पावधि की जरूरतों के लिए एफडी बेहतर विकल्प होता है। गैर बैंकिंग वित्त कंपनियों (एनबीएफसी) के एफडी पर बैंक एफडी के मुकाबले थोड़ा अधिक रिटर्न मिलता है।’
एक नियम यह भी है कि अपने निवेश की समयसीमा को उत्पाद की अवधि से मिलाना चाहिए नहीं तो समय से पहले निकासी पर कुछ जुर्माना भी लग सकता है।
चूंकि ब्याज दरों में गिरावट आने वाली है, इसलिए आरबीआई फ्लोटिंग रेट सेविंग्स बॉन्ड जैसे फ्लोटिंग रेट वाले साधन अभी आदर्श साबित नहीं हो सकते हैं। फिलहाल इनमें 8.05 फीसदी रिटर्न की पेशकश की जा रही है, जो नैशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट में मिलने वाले 7.7 फीसदी ब्याज से 35 आधार अंक अधिक है। जोशी ने कहा, ‘दरों में गिरावट के साथ फ्लोटिंग रेट वाले साधन भी नीचे चले जाएंगे, इसलिए वह ब्याज दरों में गिरावट वाले माहौल में सही साबित नहीं होगा।’
अपने समय के हिसाब से निवेश करें। सेन कहते हैं, ‘युवा निवेशकों को शेयरों पर अधिक ध्यान देना चाहिए, जबकि सेवानिवृत्त वरिष्ठ नागरिकों को निश्चित आय वाले निवेश साधनों को तवज्जो देनी चाहिए। कुछ साल नौकरी कर चुके हैं और नौकरी के अब कुछ साल शेष रहने वाले निवेशक को संतुलित तरीके से निवेश करना चाहिए।’
निश्चित आय आवंटन निवेश की सीमा और जोखिम उठाने की क्षमता पर निर्भर करना चाहिए। मठपाल ने कहा, ‘कम जोखिम उठाने वाले और अल्पावधि के लक्ष्य वाले निवेशकों को डेट साधनों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।’