facebookmetapixel
NPS में शामिल होने का नया नियम: अब कॉर्पोरेट पेंशन के विकल्प के लिए आपसी सहमति जरूरीएशिया-पैसिफिक में 19,560 नए विमानों की मांग, इसमें भारत-चीन की बड़ी भूमिका: एयरबसअमेरिकी टैरिफ के 50% होने के बाद भारतीय खिलौना निर्यातकों पर बढ़ा दबाव, नए ऑर्डरों की थमी रफ्तारसुप्रीम कोर्ट में चुनाव आयोग ने किया साफ: आधार सिर्फ पहचान के लिए है, नागरिकता साबित करने के लिए नहींBihar चुनाव के बाद लालू परिवार में भूचाल, बेटी रोहिणी ने राजनीति और परिवार दोनों को कहा ‘अलविदा’1250% का तगड़ा डिविडेंड! अंडरवियर बनाने वाली कंपनी ने निवेशकों पर लुटाया प्यार, रिकॉर्ड डेट अगले हफ्ते₹4 करोड़ कम, लेकिन RR चुना! जानिए क्यों Jadeja ने CSK को कहा अलविदा75% का तगड़ा डिविडेंड! फॉर्मा कंपनी का निवेशकों को बड़ा तोहफा, रिकॉर्ड डेट अगले हफ्ते25 की उम्र में रचा इतिहास! मैथिली ठाकुर बनीं बिहार की सबसे कम उम्र की MLA; जानें पिछले युवा विजेताओं की लिस्टDividend Stocks: अगले हफ्ते 50 से अधिक कंपनियां बाटेंगी डिविडेंड, शेयधारकों को मिलेगा अतिरिक्त मुनाफा

सधे हुए कदमों से ही मिलेगा मुनाफा

Last Updated- December 09, 2022 | 9:15 PM IST

वर्ष 2008 में शेयर बाजार ने काफी उतार-चढ़ाव देखा। जनवरी 2008 में जहां बाजार शीर्ष ऊंचाई पर था, वहीं अंत तक आते-आते यह न्यूनतम स्तर को छूता दिखाई दिया।


इसके बावजूद वर्ष 2009 में बाजार से काफी उम्मीदें हैं। इस साल शेयर बाजार किस करवट बैठेगा, इस मसले पर बिजनेस स्टैंडर्ड ने इस बार की व्यापार गोष्ठी आयोजित की। आइए जानते हैं, इस पर देशभर के सुधी पाठकों, निवेशकों और विशेषज्ञों ने क्या राय जाहिर की :

इन्वेस्ट शॉपी के आशीष कपूर ने बताया कि निवेशकों को इस वक्त बाजार से बहुत ज्यादा उम्मीदें नहीं लगा कर रखनी चाहिए, क्योंकि अभी और भी खराब खबरें आनी बाकी हैं। कंपनियों की तीसरी तिमाही के खराब नतीजे भी बाजार को प्रभावित करेंगे।

सत्यम कम्प्यूटर के खातों में हेराफेरी से वैसे ही बाजार में उथल-पुथल मची है। हालांकि साल की अंतिम छमाही में बाजार कुछ बेहतर नतीजा दे सकता है। एंजेल टे्रड के रिसर्च हेड हितेश अग्रवाल का कहना है कि बाजार की सही तस्वीर मार्च-अप्रैल में आने वाले तिमाही नतीजों से साफ हो जाएगी।

महंगाई दर में हो रही लगातार गिरावट कंपनियों को मजबूती प्रदान करेगी और वर्ष 2009 में सेंसेक्स 12000-13000 अंकों पर पहुंच जा सकता है।

अधिकांश पाठकों का मानना है कि अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के सरकारी प्रयास, ब्याज दरों में कमी, महंगाई दर का काबू में आना, कच्चे तेल की कीमतों में कमी और अमेरिकी सरकार की संजीदगी को देखते हुए कहा जा सकता है कि बाजार साल के मध्य तक अच्छा रुख अपना सकता है। हालांकि निवेशकों को लंबे समय के लिए बाजार में निवेश करना चाहिए।

छोटी अवधि वाले निवेशक बाजार से दूर ही रहें, तो अच्छा होगा। वहीं कुछ पाठक यह भी मानते हैं कि अभी कई शेयरों के भाव कम दर पर उपलब्ध हैं, जिससे अच्छे रिटर्न की उम्मीद कर सकते हैं। हालांकि उन्हें यह भी ध्यान रखना होगा कि बाजार आनन-फानन में ऊंचाई पर नहीं पहुंचने वाला है।

First Published - January 12, 2009 | 12:19 AM IST

संबंधित पोस्ट