मार्च सीरीज के आखिरी दिन निफ्टी ने 1,047 अंकों या 4.6% की बढ़त के साथ 23,592 के स्तर पर बंद किया। इसी तरह, बैंक निफ्टी और मिडकैप निफ्टी ने क्रमशः 5.8% और 5.1% की तेजी दर्ज की। इस उछाल का मुख्य कारण महीने के दूसरे हिस्से में बाजार में आई जोरदार रिकवरी रहा, जिससे निवेशकों का भरोसा मजबूत हुआ और खरीदारी का माहौल बना।
FII की शॉर्ट पोजीशन घटी, बाजार में तेजी का संकेत
मार्केट में आई तेजी के साथ, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने अपने इंडेक्स फ्यूचर्स में शॉर्ट पोजीशन को काफी हद तक कम कर दिया। अब FIIs का लॉन्ग-शॉर्ट रेशियो 0.66 तक पहुंच गया है, जो 13 दिसंबर 2024 के बाद सबसे ऊंचा स्तर है। इसका मतलब यह है कि एफआईआई के पास हर 2 लॉन्ग पोजीशन के मुकाबले 3 शॉर्ट पोजीशन हैं। इसकी तुलना में, मार्च सीरीज की शुरुआत में यह रेशियो केवल 0.19 था, जो दर्शाता था कि तब एफआईआई के पास हर लॉन्ग ट्रेड के मुकाबले 5 से अधिक शॉर्ट पोजीशन थीं।
डेरिवेटिव्स में एफआईआई की लगातार नौ दिन की खरीदारी
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (F&O) डेटा के अनुसार, एफआईआई ने पिछले 9 ट्रेडिंग सेशंस में डेरिवेटिव्स सेगमेंट में ₹17,433.78 करोड़ की कुल नेट खरीदारी की है। मौजूदा समय में एफआईआई के पास 60,000 से ज्यादा इंडेक्स कॉन्ट्रैक्ट लॉन्ग और 90,600 के करीब शॉर्ट पोजीशन हैं। बीते महीने की तुलना में, एफआईआई ने लॉन्ग पोजीशन 41,780 से बढ़ाकर 60,000 कर दी है, जबकि शॉर्ट पोजीशन को 215,300 से घटाकर 90,600 किया है। इसके अलावा, एफआईआई का ओपन इंटरेस्ट (OI) अब निफ्टी फ्यूचर्स में 80,047, बैंक निफ्टी में 44,757 और मिडकैप निफ्टी में 24,443 कॉन्ट्रैक्ट्स पर पहुंच गया है।
डीआईआई और रिटेल निवेशकों की स्थिति
घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) की स्थिति भी मजबूत नजर आ रही है। अप्रैल सीरीज की शुरुआत में उनका लॉन्ग-शॉर्ट रेशियो 2.44 तक पहुंच गया है, जो पिछले एक साल में सबसे अधिक है। इसका मतलब यह है कि डीआईआई के पास हर 3 शॉर्ट ट्रेड के मुकाबले लगभग 5 लॉन्ग ट्रेड हैं, जिससे उनका बाजार पर सकारात्मक आउटलुक झलकता है। इसके विपरीत, रिटेल निवेशकों का लॉन्ग-शॉर्ट रेशियो गिरकर 1.07 पर आ गया है, जो 4 अक्टूबर 2024 के बाद सबसे कम है। इसका अर्थ है कि अब उनके पास लॉन्ग और शॉर्ट पोजीशन लगभग बराबर हैं। प्रोप्रायटरी ट्रेडर्स का लॉन्ग-शॉर्ट रेशियो 0.42 पर आ गया है, जो यह दर्शाता है कि वे इस समय सबसे ज्यादा मंदी के पक्ष में हैं।
तकनीकी स्तर पर बाजार की स्थिति और प्रमुख सपोर्ट-रेजिस्टेंस
तकनीकी विश्लेषण के अनुसार, निफ्टी को 200-दिनों की एक्सपोनेंशियल मूविंग एवरेज (EMA) पर मजबूत सपोर्ट मिल रहा है, जिससे निवेशकों का आत्मविश्वास बढ़ा है। रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (RSI) 60 से ऊपर बना हुआ है, जो यह संकेत देता है कि बाजार में अभी भी खरीदारी का दबाव मौजूद है। निफ्टी अपने महत्वपूर्ण मूविंग एवरेज से ऊपर ट्रेड कर रहा है, जिससे यह साफ है कि बाजार में किसी भी गिरावट को निवेशक खरीदारी के अवसर के रूप में देख सकते हैं।
हालांकि, डेरिवेटिव डेटा में हल्की मंदी के संकेत मिल रहे हैं, क्योंकि कॉल राइटर्स का बाजार में दबदबा है। 24,000 के स्तर पर भारी कॉल राइटिंग देखी जा रही है, जिससे यह एक मजबूत रेजिस्टेंस बन गया है। वहीं, 23,500 के स्तर पर भारी मात्रा में पुट राइटिंग हुई है, जो इसे एक महत्वपूर्ण सपोर्ट स्तर बनाता है। इसका मतलब है कि 23,500 – 23,300 का जोन एक मजबूत खरीदारी क्षेत्र बन चुका है, जबकि 23,700 – 24,000 के बीच का क्षेत्र महत्वपूर्ण रेजिस्टेंस बना हुआ है।
पुट-कॉल रेशियो (PCR) 0.81 से बढ़कर 0.86 हो गया है, जिससे यह संकेत मिलता है कि ट्रेडर्स सतर्क स्थिति में हैं। वहीं, मैक्स पेन स्तर 23,500 पर बना हुआ है, जिससे यह साफ होता है कि बाजार में अब भी तेजी वाले निवेशकों (बुल्स) का दबदबा है।
किन शेयरों में खरीदारी और बिकवाली का दबाव?
मार्केट में जहां कुछ शेयरों में लगातार खरीदारी का रुझान दिखा, वहीं कुछ शेयरों में बिकवाली का दबाव देखा गया। बजाज फिनसर्व, पेटीएम, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स (HAL), परसिस्टेंट सिस्टम्स, जुबिलेंट फूडवर्क्स, अंबुजा सीमेंट्स, ट्रेंट और बैंक ऑफ बड़ौदा जैसे शेयरों में निवेशकों की ओर से अच्छी खरीदारी हुई। दूसरी ओर, जोमैटो, वोडाफोन आइडिया, सोना बीएलडब्ल्यू प्रिसीजन, डॉ. रेड्डीज, इंडियन होटल्स और लुपिन में बिकवाली का दबाव रहा।