भारतीय बाजार की हिस्सेदारी अब प्रमुख इमर्जिंग मार्केट (ईएम) बेंचमार्क में पहली बार 20 फीसदी से ज्यादा हो जाएगी। इस सूचकांक में 500 अरब डॉलर से ज्यादा की संपत्तियों वाले फंडों को ट्रैक किया जाता है।
वैश्विक सूचकांक प्रदाता एमएससीआई द्वारा ताजा समीक्षा के बाद एमएससीआई (ईएम) सूचकांक में भारत का भार पहली बार 20 फीसदी पार जाएगा। इससे सूचकांक में सर्वाधिक भार वाले चीन और भारत के भार के बीच महज 400 आधार अंक का अंतर रह जाएगा।
2021 की शुरुआत में भारत का भार 9.2 फीसदी था जो चीन के 38.7 फीसदी भार के एक-चौथाई से भी कम था। 2021 से एमएससीआई इंडिया सूचकांक 84 फीसदी बढ़ा है जबकि एमएससीआई चीन में करीब 50 फीसदी की गिरावट आई है।
आज सुबह एमएससीआई ने अपने मानक सूचकांक में 7 और देसी शेयरों को शामिल करने की घोषणा की जबकि चीन के 60 शेयरों को इससे बाहर कर दिया। इससे दुनिया के दूसरे सबसे मूल्यवान बाजार का एमएससीआई में भार घटकर 24 फीसदी से कम रह गया।
आईआईएफएल सिक्योरिटीज में वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्रीराम वेलायुधन ने कहा, ‘एमएससीआई ईएम सूचकांक में भारत का भार 20 फीसदी से पार पहुंचना महत्त्वपूर्ण उपलब्धि है। यह वैश्विक मंच पर भारत की बढ़ती साख और स्वीकार्यता को दर्शाता है। 2017 में भारत का भार करीब 8 फीसदी था जो अब दोनुगे से भी ज्यादा बढ़ गया है। यह देश की प्रगति और अंतरराष्ट्रीय निवेशक समुदाय को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को इंगित करता है।’
नुवामा अल्टरनेटिव ऐंड क्वांटीटेटिव रिसर्च के प्रमुख अभिलाष पागडिया ने कहा कि एमएससीआई सूचकांक में ताजा फेरबदल से देसी बाजार में 2.7 अरब डॉलर से 3 अरब डॉलर का शुद्ध निवेश हो सकता है।
इनमें से करीब 1.8 अरब डॉलर सूचकांक में एचडीएफसी बैंक के भार बढ़ाए जाने के कारण आएगा। पैसिव निवेश और भारत के भार बढ़ाए जाने से और ज्यादा निवेश आ सकता है। सूचकांक प्रदाता ने कहा कि वह एचडीएफसी बैंक में विदेशी निवेश की गुंजाइश पर नजर रखेगा। बाजार उम्मीद कर रहा था कि अकेले एचडीएफसी बैंक में ही 3 अरब डॉलर से ज्यादा का निवेश होगा। मगर इसका भार उम्मीद के अनुरूप नहीं बढ़ाए जाने से एचडीएफसी बैंक का शेयर 3.5 फीसदी गिरावट पर बंद हुआ।
2018 में भारत का भार 8.2 फीसदी था और सूचकांक में 78 देसी कंपनियां शामिल थीं मगर अब इनकी संख्या 150 से भी ज्यादा हो गई हैं।
एमएससीआई सूचकांकों में ज्यादा शेयरों के शामिल होने से विदेशी निवेश प्रवाह बढ़ाने में मदद मिलेगी, जिससे तरलता में भी सुधार होगा।
डिक्सन, वोडाफोन, ऑयल इंडिया, जायडस लाइफसाइंसेज, रेल विकास निगम, प्रेस्टीज एस्टेट और ऑरेकल फाइनैंशियल को एमएससीआई में शामिल किया गया है जबकि बंधन बैंक को सूचकांक से निकाला गया है।
सूचकांक में एचडीएफसी बैंक के अलावा भारती एयरटेल और कोल इंडिया का भी भार थोड़ा बढ़ाया गया है। इस बीच एमएससीआई ने पिछले साल अदाणी समूह के शेयरों पर लगाए गए कुछ प्रतिबंधों को हटा लिया है।