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किफायती मकान के लिए करें थोड़ा और इंतजार

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 07, 2022 | 9:41 AM IST

पिछले एक साल से भी अधिक समय से जहां प्रॉपर्टी विशेषज्ञ जोर-जोर से एक ही राग अलाप रहे हैं, कि प्रॉपर्टी की कीमतों में कमी आएगी, लेकिन प्रॉपर्टी खरीदने के इच्छुकों को, खासतौर पर मेट्रो शहरों में कीमतों में कोई सुधार दिखाई नहीं दे रहा।

बिल्डर्स जो पिछले पांच वर्षों में से काफी अधिक मुनाफा कमा रहे हैं, वे ऊंची कीमतों को ही बनाए हुए हैं, बेशक उन्हें प्रॉपर्टी की मांग में कमी का सामना करना पड़ रहा है।


हालांकि चीजें अगले कुछ महीनों में बेहतर होने की संभावना हैं। अधिकतर डेवलपर्स की योजना मध्यम वर्ग के लिए आवासीय योजनाओं पर अधिक ध्यान केंद्रित करने की है जिनकी कीमत मौजूदा प्रॉपर्टी की दरों से कम होगी।


देश की दूसरी सबसे बड़ी रियल एस्टेट डेवलपर कंपनी यूनिटेक ने हाल ही में कहा कि वह जल्द ही ऐसे मकान बनाना शुरू करेगी, जिनकी राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) और अन्य छोटे शहरों में 40 लाख रुपये से कम होगी, क्योंकि कंपनी को उम्मीद है कि उसे बड़ी संख्या में इस कीमत पर खरीदार मिलेंगे।


पार्श्वनाथ बिल्डर्स भी किफायती कीमतों पर मकान बनाने पर ध्यान दे रही है। इन मकानों की एनसीआर में कीमत 25 से 45 लाख रुपये और छोटे शहरों जैसे गाजियाबाद, सोनीपत, राजपुर में 20 से 40 लाख रुपये होगी।

पार्श्वनाथ बिल्डर्स के चेयरमैन प्रदीप जैन का कहना है, ‘इस सेगमेंट में मकानों के लिए सबसे अधिक मांग है।’

नीलकंठ डेवलपर्स के अनुभवी कर्मचारी मुकेश पटेल जो मुंबई के उपनगर घाटकोपर और ठाणे में प्रॉपर्टी निर्माण कार्य करते हैं का मानना है कि इस तरह की परियोजनाएं दिवाली के आस-पास लॉन्च की जाएंगी, जिनकी कीमत मौजूदा स्तर के मुकाबले काफी कम होंगी।


आकृति सिटी प्रबंध निदेशक विमल शाह का भी अन्य की तरह कहना है कि वे भी इस सेगमेंट में परियोजनाओं की शुरुआत करने वाले हैं।

कंपनी ने पनवेल के पास 2 हजार एकड़ के बराबर जमीन एकत्र कर ली है, जिसे वे मध्यम दर्जे के मकानों की मांग को पूरा करने में लगाएंगे।

किफायती मकानों की तरफ तेजी से बढ़ते हुए कदमों से एक बात तो सही साबित होती है कि इस सीजन में प्रॉपर्टी की बिक्री में तेज गिरावट देखी गई है।

नीलकंठ के पटेल का मानना है कि उनकी बिक्री पिछले एक वर्ष के मुकाबले 25 प्रतिशत गिरी है। और कई अन्य बिल्डर्स के लिए यह प्रतिशत बढ़कर 40 प्रतिशत हो जाएगा, जैसा कि नाइट फ्रैंक के चेयरमैन प्रणय वकील का मानना है।


किफायती बेशक इसके लिए एक मुख्य कारण है। प्रॉपर्टी में तेजी के पिछले पांच वर्षों में कीमतें कई क्षेत्रों में तो 300 प्रतिशत से भी अधिक बढ़ी हैं। और पिछले तीन वर्षों में भारतीय रिजर्व बैंक की रियलिटी कीमतों को लेकर चिंता काफी बढ़ गई है।

इसके परिणामस्वरूप बैंक लगातार रेपो रेट और अन्य संबंधित दरों को बढ़ा रहा है, ताकि बैंक कर्ज देने में कोताही बरतें।

 पिछले महीने भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को 0.50 प्रतिशत बढ़ाकर 8.5 प्रतिशत कर दिया है और नकद सुरक्षित अनुपात को 0.50 प्रतिशत बढ़ाकर 8.75 प्रतिशत कर दिया है।


इसे देखते हुए बैंको ने होम लोन की दरों को भी बढ़ाना शुरू कर दिया है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने ब्याज दर को 0.5 प्रतिशत से बढ़ा दिया है, इसके बाद कॉर्पोरेशन बैंक और पंजाब नैशनल बैंक ने भी ब्याज दर बढ़ा दी है।


इसके अलावा मुद्रास्फीति में वृध्दि (21 जून को समाप्त सप्ताह के दौरान 11.63 प्रतिशत) भी घरेलू बजट पर भारी असर डाल रही है।


मौजूदा स्थितियों को भांपते हुए डेवलपर्स मध्यम स्तर के मकानों को किफायती दरों में मुहैया कराने पर ध्यान दे रहे हैं।


सभी डेवलपर्स का कहना है कि मकानों के लिए मांग अभी भी काफी अधिक है, लेकिन खरीदार मौजूदा कीमतों पर खरीदने के लिए तैयार नहीं हैं।


हालांकि यह परियोजनाएं दिवाली के बाद लॉन्च की जाएंगी, क्योंकि खरीदार इस समय को जमीन-जायदाद खरीदने के लिए शुभ मानते हैं।

 बिल्डर्स जिनके पास अभी बेचने योग्य मकान-दुकान बड़ी है, वे भी मानते हैं कि दिवाली के आस-पास वे भी इसे बेच पाएंगे।

 साथ ही कई बिल्डर्स ने इन परियोजनाओं पर वित्तीय कंपनियोंसंस्थाओं से काफी अधिक ब्याज दरों पर कर्ज ले रखा है।


मौजूदा जमीन-जायदाद काफी महंगी है, क्योंकि इसे युवा और अमीर उपभोक्ताओं को ध्यान में रख कर तैयार किया गया है, जो तेज अर्थव्यवस्था के दौर में भी निवेश करने को तैयार हों।


यहां तक कि एक करोड़ रुपये से अधिक कीमत वाले फ्लैटों को भी खरीदार मिल रहे हैं। नीलकंठ के पटेल का कहना है, ‘पहले बनाए गए मकान-फ्लैटों में से कईयों में उपभोक्ताओं की मांगों को दिमाग में रखते हुए काफी महंगी सुविधाएं भी दी जा रही थीं।


 अब डेवलपर्स को बड़े वर्ग को अपनी सेवाएं देने के लिए किफायती विकल्पों को चुनना होगा।’
मकान खरीदने के इच्छुक लोगों के लिए इसका मलत यह है कि अगर वे अभी घर खरीदने के अपने फैसले को कुछ समय के लिए टाल दें और अगले 6 महीनों के लिए इंतजार करें तो उन्हें बेहतर सौदा मिल सकता है।

First Published : July 7, 2008 | 12:53 AM IST