नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के निफ्टी नेक्स्ट 50 इंडेक्स से जुड़ी गणना प्रणाली पर अमल किया जाता है तो इससे बड़े बदलाव आ सकते हैं।
पिछले सप्ताह जारी किए गए चर्चा पत्र में एनएसई इंडेक्सेस ने यह प्रस्ताव रखा कि सिर्फ वायदा एवं विकल्प (एफऐंडओ) सेगमेंट में कारोबार करने वाले शेयरों को ही इस सूचकांक में शामिल किया जा सकता है। एनएसई इंडेक्सेस निफ्टी ब्रांड के तहत 350 से ज्यादा सूचकांकों के पोर्टफोलियो का प्रबंधन करती है।
मौजूदा समय में 11 गैर-एफऐंडओ शेयर निफ्टी नेक्स्ट 50 सूचकांक में शामिल हैं। यह सूचकांक निफ्टी-59 के बाद लार्ज एवं लिक्विड शेयरों से जुड़ा हुआ है।
निफ्टी-50 और निफ्टी नेक्स्ट 50, दोनों को मिलाकर निफ्टी 100 सूचकांक बना है। इसके अलावा, नेक्स्ट-50 में शामिल होने के लिए शेयर को निफ्टी-50 में शुमार होना अनिवार्य है।
नेक्स्ट-50 में मौजूदा समय में शामिल 11 गैर-एफऐंडओ शेयरों को दो चरणों में हटाए जाने का प्रस्ताव
पहले चरण में, गैर-एफऐंडओ शेयरों का भारांक 5 प्रतिशत पर सीमित होगा और यह 29 जून से प्रभावी माना जाएगा। मौजूदा समय में इन शेयरों का अधिकतम भारांक 10 प्रतिशत हो सकता है।
दूसरे चरण में, इन 11 शेयरों को हटाया जाएगा और एफऐंडओ वाले शेयरों को शामिल किया जाएगा। यह बदलाव 28 सितंबर से लागू होगा।
विश्लेषकों का मानना है कि एवेन्यू सुपरमार्ट्स (डीमार्ट), वरुण बेवरिजेज (वीबीएल), बजाज होल्डिंग्स ऐंड इन्वेस्टमेंट, अदाणी ग्रीन एनर्जी, और जोमैटो पहले चरण के दौरान बदलावों की वजह से पैसिव ट्रैकरों से बड़ी निकासी देखी जा सकती है।
इस बीच, उनका भारांक सूचकांक के अन्य शेयरों में फिर से समायोजित किया जाएगा। कोलगेट-पामोलिव, श्री सीमेंट, पिडिलाइट इंडस्ट्रीज, एसआरएफ, और हैवेल्स इंडिया में पहले चरण के दौरान बड़ा पूंजी प्रवाह देखा जा सकता है।
आईआईएफएल इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज में वैकल्पिक शोध मामलों के उपाध्यक्ष श्रीराम वेलायुधन को पहले चरण में डीमार्ट से 127 करोड़ रुपये और वीबीएल से 99 करोड़ रुपये की निकासी होने का अनुमान है।
दूसरा चरण सितंबर के अंत तक क्रियान्वित होगा और तब इस सूचकांक में करीब 5,000 करोड़ रुपये का पूंजी प्रवाह प्रभवित होगा।
नेक्स्ट-50 में शामिल होने वाले 11 नए शेयर हैं – टीवीएस मोटर कंपनी, जिंदल स्टील ऐंड पावर, पंजाब नैशनल बैंक, ट्रेंट, जाइडस लाइफसाइंसेज, श्रीराम फाइनैंस, इंडियन होटल्स कंपनी, पॉलिकैब इंडिया, एयू स्मॉल फाइनैंस बैंक (एसएफबी), कमिंस इंडिया, और एबट इंडिया।
पेरिस्कोप एनालिटिक्स के न्यूजीलैंड स्थित विश्लेषक ब्रायन फ्रीटास के अनुसार, उन्हें श्रीराम फाइनैंस और एयू एसएफबी में 400 करोड़ रुपये से ज्यादा के पूंजी प्रवाह का अनुमान है।
इस बीच, अदाणी समूह के चार शेयरों को नेक्स्ट-50 सूचकांक से बाहर किए जाने का अनुमान है। अपनी गैर-एफऐंडओ मौजूदगी की वजह से बाहर होने वाले अन्य शेयरों में एलआईसी, प्रॉक्टर ऐंड गैम्बल हाइजीन ऐंड हेल्थकेयर, और एफएसएन ई-कॉमर्स वेंचर्स (नायिका) शामिल हैं।
दूसरे चरण में ज्यादातर निकासी डीमार्ट, वीबीएल, और बजाज होल्डिंग्स ऐंड इन्वेस्टमेंट के लिए होने का अनुमान है। इन शेयरों में 85 करोड़ रुपये से लेकर 137 करोड़ रुपये के बीच निकासी हो सकती है।
इसके अलावा, सूचकांक प्रदाता विभिन्न सूचकांकों में अत्यधिक उतार-चढ़ाव को नियंत्रित करने की संभावना तलाश रही है। हालांकि नियमों में प्रस्तावित बदलाव को विश्लेषकों द्वारा अनुकूल माना जा रहा है।
नुवामा अल्टरनेटिव ऐंड क्वांटीटेटिव रिसर्च के प्रमुख अभिलाष पगारिया का कहना है कि प्रस्तावित बदलावों से बड़ी निकासी को बढ़ावा मिलेगा और कुछ बड़े आकार की कंपनियां भी सूचकांक से बाहर हो जाएंगी, लेकिन साथ ही इससे ट्रैकिंग संबंधित त्रुटियां घटाने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा, ‘पिछले तीन साल में, निफ्टी 50 पैसिव ट्रैकिंग करीब 3 गुना बढ़कर 28 अरब डॉलर पर पहुंच गई, जबकि समान समय में निफ्टी नेक्स्ट 50 के लिए यह आंकड़ा महज 1.5 अबर डॉलर पर रुका हुआ है। पिछले समय में, कुछ गैर-एफऐंडओ शेयरों ने एक दायरे में
कारोबार किया।’
फ्रीटास का कहना है, ‘महत्वपूर्ण बात यह है कि ईटीएफ और इंडेक्स फंडों की परिसंपत्तियां निफ्टी नेक्स्ट-50 सूचकांक से जुड़ी हुई हैं और इनमें तेजी से इजाफा हुआ है, तथा इस वजह से सिर्फ ऐसे शेयरों को शामिल करना सही है जो सूचकांक में बाजार के एफऐंडओ सेगमेंट का हिस्सा हों। इससे सूचकांक का प्रतिरूप आसान होगा, क्योंकि उतार-चढ़ाव से जुड़े शेयरों को लेकर चिंताएं हाल में घटी हैं। ’
भविष्य में, जिन शेयरों को नेक्स्ट-50 सूचकांक में शामिल किए जाने पर चर्चा होगी, उनमें बदलाव देखने को मिलेगा।
इसके अलावा, सूचकांक में हरेक शेयर का भारांक 23 प्रतिशत पर सीमित होगा, और शीर्ष-3 सूचकांक घटकों का भारांक 62 प्रतिशत पर सीमित होगा। प्रस्तावित बदलावों पर गणना संबंधित बाजार परामर्श 10 जून को पूरा होगा।