बेंचमार्क सूचकांकों ने शुक्रवार को लगातार तीसरे हफ्ते नुकसान दर्ज किया क्योंंकि कोरोनावायरस के जानलेवा संक्रमण ने लॉकडाउन जैसी पाबंदी के कारण कारोबार में सुधार को लेकर चिंता बढ़ा दी। दिन के उच्चस्तर से सेंसेक्स करीब 400 अंक नीचे आया और अंत में 202 अंक की गिरावट के साथ 47,878 अंक पर बंद हुआ। उधर, निफ्टी-50 सूचकांक 65 अंक गिरकर 14,341 पर बंद हुआ और
इस तरह से 100 दिन के मूविंग ऐवरेज से नीचे आ गया, जिसे तकनीकी समर्थन के लिहाज से अहम माना जाता है।
दोनों ही सूचकांकों के लिहाज से 22 मई के बाद यह सबसे लंबा साप्ताहिक नुकसान है।
पिछले तीन हफ्तों में सेंसेक्स 4 फीसदी से ज्यादा टूटा है। विदेशी निवेशकों ने इस अवधि में 1 अरब डॉलर से ज्यादा के शेयरों की बिकवाली की। रिलायंस सिक्योरिटीज के रणनीति प्रमुख विनोद मोदी ने कहा, देसी इक्विटी अभी लुभाता हुआ नहीं दिख रहा है। देश भर में कोविड-19 के बढ़ते मामले और आवाजाही पर कई राज्यों की तरफ लगाई गई पाबंदी का असर बाजार पर बना रह सकता है।
सेंसेक्स ने 15 फरवरी के सर्वोच्च स्तर से 8 फीसदी से ज्यादा नीचे आया है। कोटक सिक्योरिटीज के कार्यकारी उपाध्यक्ष (इक्विटी टेक्निकल रिसर्च) श्रीकांत चौहान ने कहा, निफ्टी व सेंसेक्स का अल्पावधि का रुझान अभी मंदी का है और निकट भविष्य में ऐसा ही बना रह सकता है। हमारा मानना है कि 14,250/47,450 तेजी के लिहाज से अहम समर्थन स्तर होगा और इससे नीचे हम 14,150/48,300 तक नीचे का रुख देख सकते हैं।
इसके बाद भी गिरावट संभव है, जो इंडेक्स को 14,000-13,900/46,500-46,000 तक नीचे ला सकता है। निफ्टी व सेंसेक्स के लिए 14,500/48,300 तात्कालिक अवरोध होगा और इससे ऊपर बढ़त का रुख 14,700/49,100 तक बना रहेगा।
पिछले 24 घंटे में भारत में कोविड के 3,32,730 मामले दर्ज हुए हैं और कुल मरीजों की संख्या 1.62 करोड़ हो गई है, जो विश्व मेंं दूसरा सर्वाधिक आंकड़ा है।
बीएसई में 19 में 14 क्षेत्रों में बढ़त दर्ज हुई, जिसकी अगुआई बिजली शेयरों ने की। बीएसई में गिरने व चढऩे वाले शेयरों की संख्या करीब-करीब बराबर रही। सेंसेक्स में सिर्फ 9 शेयरों ने बढ़त दर्ज की। महिंद्रा ऐंड महिंद्रा, डॉ. रेड्डीज लैब्स और टेक महिंद्रा में सबसे ज्यादा नुकसान दर्ज हुआ। इनविट
पेशकश के कारण पावर ग्रिड में करीब 4 फीसदी की उछाल दर्ज हुई।