भारतीय इक्विटी सूचकांकों ने जून 2022 के बाद से सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की है। केंद्रीय बैंकों के सख्त रुख, बढ़ते भूराजनीतिक तनाव, और अदाणी समूह शेयरों में लगातार गिरावट की वजह से निवेशक धारणा प्रभावित हुई है।
पूरे सप्ताह में सेंसेक्स ने 2.5 प्रतिशत और निफ्टी ने 2.7 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की। शुक्रवार को सेंसेक्स 59,464 अंक पर बंद हुआ, जो 142 अंक या 0.2 प्रतिशत की गिरावट है। वहीं निफ्टी 45 अंक या 0.3 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 17,466 पर बंद हुआ। एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक में आई गिरावट से भी सेंसेक्स पर दबाव पड़ा।
चाइनीज टेक्नोलॉजी शेयरों में बिकवाली से एशियाई बाजारों की धारणा प्रभावित हुई। विश्लेषकों का कहना है कि निवेशक सख्त मौद्रिक नीति, वृद्धि पर दबाव और घटते मुनाफे जैसी कई चिंताओं पर ध्यान दे रहे हैं। यूक्रेन में बढ़ते भूराजनीतिक तनाव ने निवेशकों की चिंता पहले से ही बढ़ा दी थी।
अमेरिका द्वारा हाल में जारी वृहद आर्थिक आंकड़े से इन आशंकाओं को बल मिला कि अमेरिका में मुद्रास्फीति को काबू करने के प्रयास में दर वृद्धि ऊंची बनी रहेगी।
राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन ने मंगलवार को बयान दिया था कि रूस न्यू स्टार्ट परमाणु समझौते में अपनी भागीदारी समाप्त कर रहा है, जिससे निवेशकों में चिंता गहरा गई। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा सोमवार को कीव का दौरा किए जाने के एक दिन बाद पुतिन का यह बयान आया। बाइडन ने यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता को बचाने और हथियारों की डिलिवरी बढ़ाने का वादा किया।
अदाणी समूह के शेयरों में शुक्रवार को भी गिरावट बरकरार रही। समूह की 10 में से 7 कंपनियों के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई। अदाणी टोटाल गैस, अदाणी ट्रांसमिशन, अदाणी ग्रीन एनर्जी, अदाणी पावर और अदाणी एंटरप्राइजेज में 5-5 प्रतिशत की गिरावट आई। न्यू डेल्ही टेलीविजन में 4.1 प्रतिशत और अदाणी विल्मर में 3.3 प्रतिशत तक की कमजोरी आई।
जियोजित फाइनैंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘घरेलू बाजार में निवेशकों के भरोसे का अभाव दिख रहा है और वैश्विक बाजारों में सुधार के बावजूद लगातार छठे दिन कमजोरी दर्ज की गई। एफआईआई द्वारा घरेलू बाजार में लगातार बिकवाली से दबाव पैदा हुआ।’
एक्सचेंजों के आंकड़े से पता चलता है कि शुक्रवार को विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने करीब 1,470 करोड़ रुपये के शेयर बेचे और घरेलू निवेशकों ने 1,401 करोड़ रुपये की लिवाली की।
मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख (रिटेल) सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ‘हमारा मानना है कि अल्पावधि में बाजार किसी नए कारक के अभाव में स्थिर हो सकता है। हालांकि शेयर-केंद्रित उतार-चढ़ाव बरकरार रहेंगे। निवेशकों की नजर अगले सप्ताह जारी होने वाले जीडीपी और पीएमआई आंकड़ों से मिलने वाले रुझानों पर लगी रहेगी। मासिक बिक्री आंकड़े आने से वाहन क्षेत्र के शेयर सुर्खियों में रहेंगे।’