Indian Stock Market: भारतीय शेयर बाजार की चमक फीकी पड़ती हुई दिख है। दरअसल एक सर्वे में भारत शीर्ष तीन सबसे कम पसंदीदा एशियाई शेयर बाजारों में से एक माना गय है। बोफा सिक्योरिटीज (BofA Securities) के रिसर्च और सर्वे के अनुसार, 10 प्रतिशत फंड मैनेजरों ने 12 महीने के नजरिए से भारतीय इक्विटी का वेटेज कम आंका है।
बोफा सिक्योरिटीज ने अपने सर्वे में कहा कि बड़े पैमाने पर वैश्विक फंड मैनेजर्स को अगले एक साल में एशिया बाजारों में जापान की स्टॉक मार्केट से 5 प्रतिशत से कम रिटर्न की उम्मीद है।
बोफा ने कहा कि 513 अरब डॉलर वैल्यू के एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) वाले 182 पैनलिस्टों ने वैश्विक फंड मैनेजर सर्वे (एफएमएस) के सवालों का जवाब दिया। जबकि 214 अरब डॉलर वैल्यू के एयूएम वाले 111 पैनलिस्टों ने 10 से 16 जनवरी के बीच रीजनल एफएमएस से संबंधित सवालों का जवाब दिया।
सर्वेक्षण के मुताबिक, केवल चीन (नेट 23% फंड मैनेजरों के साथ) और थाईलैंड (13 प्रतिशत) अन्य दो एशियाई बाजार हैं जहां फंड मैनेजर भारतीय इक्विटी की तुलना में अधिक कम वजन वाले हैं।
बोफा सिक्योरिटीज ने कहा कि चीन में निवेशकों के धैर्य की एक बार फिर परीक्षा हो रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि सितंबर में आई तेज रैली लाभ को बरकरार रखने में विफल रही।
ब्रोकरेज हॉउस ने कहा, “आश्चर्यजनक रूप से ग्रोथ की उम्मीद और भी फीकी पड़ गई। 10 प्रतिशत मैनेजर्स ने अर्थव्यवस्था के मजबूत होने की उम्मीद जताई, जो अक्टूबर में 61 प्रतिशत मैनेजर्स से कम है।”
दूसरी तरफ सर्वे में जापान एशिया बाजारों में सबसे पसंदीदा बाजार माने गया। इसमें कुल 53 प्रतिशत भागीदारों/फंड मैनेजर्स का आकर्षक ज्यादा था। इसके बाद ताइवान (20) और दक्षिण कोरिया (3) थे।
बोफा ने कहा, “जापान को लेकर आशावाद बरकरार है। बोफा के सर्वे में शामिल 20 प्रतिशत प्रतिभागियों को अगले 12 महीनों में इक्विटी से डबल डिजिट में रिटर्न की उम्मीद है।”
बीएनपी पारिबा सिक्योरिटीज भी भारतीय इक्विटी बाजार के लिए 2025 को ठंडा मान रहे हैं। उन्होंने अगले एक साल में भारतीय बाजार का रिटर्न सिंगल डिजिट में रहने का अनुमान जताया है। वहीं, भारत में हाई फ्रीक्वेंसी वाले संकेतक नीचे आने के संकेत दे रहे हैं। जबकि बीएनपी पारिबा सिक्योरिटीज के एनालिस्ट्स को अन्य प्रतिकूल परिस्थितियां (हाई फूड इन्फ्लेशन, हाई अमेरिकी बांड रिटर्न, बढ़ती डॉलर इंडेक्स और कमोडिटी की कीमतों में मजबूती) दिखाई दे रही हैं, जिससे बाजार के सेंटीमेंट साल के ज्यादतर समय निवेशकों को प्रभावित कर सकते है।
बीएनपी परिबास इंडिया में इंडिया इक्विटी रिसर्च के प्रमुख कुणाल वोरा ने हालिया नोट में लिखा, ”जब तक ग्रोथ में मजबूत सुधार के संकेत न दिखें, उभरते बाजारों में महंगी इक्विटी खरीदने की डिमांड कम रहेगी। मजबूत घरेलू इनफ्लो से भारतीय इक्विटी बाजार को समर्थन मिल रहा है और हमें इसमें कोई बड़ा जोखिम नहीं दिख रहा है।”
उन्होंने कहा, ”हमें 2025 में वैल्यूएशन मल्टीपल्स की दोबारा रेटिंग की कम संभावना दिख रही है और उम्मीद है कि बाजार में रिटर्न पटरी पर आएगा या कमाई में थोड़ी कमी आएगी।”