हाइब्रिड म्युचुअल फंड की पेशकश साल 2023 की समाप्ति पिछले तीन साल में सबसे कम खाता वृद्धि के साथ कर सकती है जबकि डेट फंड के कराधान में बदलाव के बाद इसमें निवेशकों की ज्यादा दिलचस्पी की उम्मीद की जा रही थी। हाइब्रिड फंडों के खातों में साल 2023 में अब तक 5.7 फीसदी की वृद्धि हुई है जबकि साल 2022 में यह 7.6 फीसदी व 2021 में 20 फीसदी बढ़ा था।
एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों से यह जानकारी मिली। साल 2020 में इस आंकड़े में 2.4 फीसदी की गिरावट आई थी।
नए खाते खुलने के मामले में वृद्धि सुस्त रही, लेकिन कुछ हाइब्रिड पेशकश में निवेश ने जोर पकड़ना शुरू किया, खास तौर से संस्थागत निवेशकों के लिए पेश फंडों मसलन आर्बिट्रेज फंड व इक्विटी सेविंग्स स्कीम और मल्टी ऐसेट फंडों में, जिसे 2023 में सीजन की विशेषता बताई गई। साल 2023 में नवंबर तक हाइब्रिड योजनाओं में निवेश 78,200 करोड़ रुपये रहा। आर्बिट्रेज व इक्विटी सेविंग्स की हिस्सेदारी कुल निवेश में 68 फीसदी रही।
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म्युचुअल फंड के अधिकारियों के मुताबिक, हाइब्रिड फंड साल 2023 में निवेशकों के रेडार से बाहर निकल गए क्योंकि यह शानदार इक्विटी बाजार खास तौर से मिडकैप व स्मॉलकैप क्षेत्र की भेंट चढ़ गया। एडलवाइस एमएफ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष व प्रमुख (प्रॉडक्ट, मार्केटिंग व डिजिटल) निरंजन अवस्थी ने कहा, मौजूदा तेजी के चलते इस साल निवेशक इक्विटी फंडों में निवेश में ज्यादा सहज रहे हैं।
स्मॉलकैप फंडों में रिकॉर्ड खाते जुड़ने के रूप में यह स्पष्ट हुआ है। वे रिटर्न का पीछा कर रहे हैं और बाजार उन्हें पुरस्कृत कर रहा है। स्मॉलकैप फंडों ने साल 2023 में अब तक 59 लाख खाते जोड़े हैं जबकि हाइब्रिड योजनाओं से सिर्फ 7 लाख खाते जुड़े हैं।
दूसरी सबसे लोकप्रिय हाइब्रिड पेशकश बैलेंस्ड एडवांटेज फंडों ने सक्रिय खातों में एक फीसदी की गिरावट दर्ज की और यह 44 लाख रह गया। इस फंड के साथ आक्रामक हाइब्रिड फंडों का योगदान कुल हाइब्रिड खातों में 77 फीसदी रहा। मल्टी ऐसेट फंड एकमात्र शानदार क्षेत्र रहा जहां खातों की संख्या 68 फीसदी बढ़कर 15 लाख हो गई।
हाइब्रिड फंड इक्विटी व डेट में निवेश करते हैं और कुछ श्रेणियां कमोडिटी में भी निवेश व आर्बिट्रेज रणनीति की इजाजत देती है। फंड मैनेजरों पर परिसंपत्ति आवंटन का भार डालने की इच्छा रखने वाले निवेशकों के लिए ये योजनाएं तैयार की गई थी, लेकिन मार्च में डेट फंडों के कराधान में बदलाव के बाद इसे प्रोत्साहन मिला। इससे हाइब्रिड फंडों में निवेश (इक्विटी व डेट फंडों में अलग से निवेश के मुकाबले) कर के लिहाज से बेहतर हो गया। ज्यादातर हाइब्रिड फंड इक्विटी कराधान के पात्र हैं।
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ज्यादा निवेश आने के अनुमान से म्युचुअल फंड साल 2023 में हाइब्रिड फंडों की पेशकश की और निकल पड़े। फंड हाउस ने इस साल 11 योजनाएं पेश की जबकि 2022 में 5 और 2021 में 6 योजनाएं पेश की गई थी। ये पेशकश मोटे तौर पर मल्टी ऐसेट व बैलेंस्ड एडवांटेज फंडों की श्रेणियों में थी और कुछ फंड हाउस बैलेंस्ड हाइब्रिड फंड लेकर आ गए, जिसके बारे में 2022 तक काफी कम जानकारी थी।
कुछ फंड मैनेजर मौजूदा हालात में निवेशकों को हाइब्रिड फंडों की सिफारिश कर रहे हैं, जहां इक्विटी का मूल्यांकन लंबी अवधि के औसत से ऊपर चला गया है, साथ ही बॉन्ड आकर्षक हैं। हाइब्रिड योजनाएं ध्यान खींच सकती हैं जब बाजार सेटल हो जाए या उतारचढ़ाव में इजाफा हो।