facebookmetapixel
पांच साल में 479% का रिटर्न देने वाली नवरत्न कंपनी ने 10.50% डिविडेंड देने का किया ऐलान, रिकॉर्ड डेट फिक्सStock Split: 1 शेयर बंट जाएगा 10 टुकड़ों में! इस स्मॉलकैप कंपनी ने किया स्टॉक स्प्लिट का ऐलान, रिकॉर्ड डेट जल्दसीतारमण ने सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों को लिखा पत्र, कहा: GST 2.0 से ग्राहकों और व्यापारियों को मिलेगा बड़ा फायदाAdani Group की यह कंपनी करने जा रही है स्टॉक स्प्लिट, अब पांच हिस्सों में बंट जाएगा शेयर; चेक करें डिटेलCorporate Actions Next Week: मार्केट में निवेशकों के लिए बोनस, डिविडेंड और स्प्लिट से मुनाफे का सुनहरा मौकाEV और बैटरी सेक्टर में बड़ा दांव, Hinduja ग्रुप लगाएगा ₹7,500 करोड़; मिलेगी 1,000 नौकरियांGST 2.0 लागू होने से पहले Mahindra, Renault व TATA ने गाड़ियों के दाम घटाए, जानें SUV और कारें कितनी सस्ती हुईसिर्फ CIBIL स्कोर नहीं, इन वजहों से भी रिजेक्ट हो सकता है आपका लोनBonus Share: अगले हफ्ते मार्केट में बोनस शेयरों की बारिश, कई बड़ी कंपनियां निवेशकों को बांटेंगी शेयरटैक्सपेयर्स ध्यान दें! ITR फाइल करने की आखिरी तारीख नजदीक, इन बातों का रखें ध्यान

गोपीनाथन के जाने से ज्यादा प्रभावित नहीं होगी TCS

Last Updated- March 17, 2023 | 7:13 PM IST
TCS

शुक्रवार को टाटा कंसल्टेंसी सर्सिसेज (TCS) का शेयर दिन के कारोबार में गिरकर 3,145 रुपये के चार महीने के निचले स्तर पर आ गया। कंपनी के प्रबंध निदेशक (MD) और मुख्य कार्याधिकारी (CEO) राजेश गोपीनाथन ने गुरुवार को इस्तीफा दे दिया, जिससे TCS का शेयर गिरकर 27 अक्टूबर 2022 के बाद से अपने सबसे निचले स्तर पर आ गया। हालांकि यह 3,179 (0.18 प्रतिशत गिरावट) पर बंद होने में कामयाब रहा, जबकि निफ्टी-50 सूचकांक में 0.67 प्रतिशत और निफ्टी आईटी सूचकांक में 1.2 प्रतिशत की कमजोरी दर्ज की गई।
हालांकि विश्लेषकों का मानना है कि गोपीनाथन द्वारा TCS अचानक छोड़कर चले जाने से कंपनी का विकास परिदृश्य बहुत ज्यादा प्रभावित नहीं होगा।

मोतीलाल ओसवाल फाइनैं​शियल सर्विसेज के विश्लेषकों का कहना है, ‘TCS से गोपीनाथन का जाना आश्चर्यजनक है, क्योंकि उन्हें कंपनी में अभी सिर्फ साल ही हुए थे और उनकी उम्र (52 वर्ष) को देखते हुए लंबे समय तक जुड़े रहने की संभावना जताई गई थी। हालांकि TCS में नए सीईओ के. कृतिवासन के लंबे कार्यकाल (34 साल) को देखते हुए यह माना जा रहा है कि कंपनी अपने परिचालन प्रदर्शन को मजबूत बनाए रखेगी। इसके अलावा, वह सुगम परिचालन के साथ TCS की मजबूत रफ्तार बनाए रख सकते हैं।’

राजेश गोपीनाथन अपने करियर की शुरुआत से ही टाटा समूह से जुड़े हुए थे, और 1996 में उन्होंने टाटा स्ट्रैटजिक मैनेजमेंट ग्रुप में काम किया था। वर्ष 2001 में वह TCS में शामिल हो गए। उसके बाद से गोपीनाथन ने कई जिम्मेदारियां संभालीं जिनमें मुख्य वित्तीय अ​धिकारी (वर्ष 2013-17 के बीच) की जिम्मेदारी भी शामिल है, जिसके बाद फरवरी 2017 में उन्हें CEO नियुक्त किया गया था। अपनी सं​क्षिप्त पारी के दौरान उन्होंने बड़े प्रतिस्प​र्धियों के बीच उद्योग-केंद्रित विकास को बढ़ावा दिया और आंतरिक राजस्व के तौर पर 10 अरब डॉलर जोड़ने में योगदान दिया।

न्यूवामा इंस्टीट्यूशनल इ​​क्विटीज के विश्लेषकों का कहना है, ‘राजेश गोपीनाथन ने TCS के सीईओ के तौर पर मजबूत वित्तीय प्रदर्शन में मदद की और कंपनी को कोविड महामारी की चुनौतियों के बीच वित्त वर्ष 2018-23 के दौरान 13 प्रतिशत/11 प्रतिशत राजस्व/आय वृद्धि दर्ज करने में सफलता मिली।’

नहीं पड़ेगा प्रभाव

विश्लेषकों को इस घटनाक्रम का कंपनी पर कोई अल्पाव​धि प्रभाव पड़ने की आशंका नहीं है, क्योंकि गोपीनाथन 15 सितंबर 2023 तक कंपनी से जुड़े रहेंगे।

इसके अलावा, विश्लेषकों को इस बदलाव की वजह से नेतृत्व ​​स्थिति में बड़ा अंतर आने का अनुमान नहीं है, क्योंकि के. कृतिवासन 11 अरब डॉलर के मजबूत बीएफएसआई पोर्टफोलियो के प्रबंधन का अनुभव रखते हैं, और उन्होंने व्यवसाय को महत्वपूर्ण दिशा देने में नियमित तौर पर योगदान दिया है।

निवेश रणनीति के तौर पर विश्लेषकों का कहना है कि यह शेयर अल्पाव​धि में अ​स्थिर बना रह सकता है, क्योंकि मौजूदा घटनाक्रम चुनौतीपूर्ण वृहद परिवेश के बीच हुआ है, जिसमें अमेरिका में संभावित मंदी की आशंका भी शामिल है।

इसके अलावा, मौद्रिक उतार-चढ़ाव, अमेरिकी डॉलर, और यूरोप तथा ब्रिटिश पाउंड के ​मुकाबले रुपये में तेजी, मूल्य निर्धारण दबाव अन्य मुख्य चुनौतियां हैं।

उनका कहना है कि हालांकि शेयर में गिरावट का इस्तेमाल खरीदारी के अवसर के तौर पर किया जा सकता है, क्योंकि मूल्यांकन (वित्त वर्ष 2025ई ईपीएस के 24 गुना पर) सस्ता है, जिससे रिस्क-रिवार्ड प्रोफाइल आकर्षक बन गया है।

First Published - March 17, 2023 | 7:13 PM IST

संबंधित पोस्ट