Tata Motors Share: नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के विश्लेषकों का मानना है कि अपने वाणिज्यिक वाहन (सीवी) और यात्री वाहन (पीवी) व्यवसायों के अलग होने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद टाटा मोटर्स बीएसई सेंसेक्स और निफ्टी-50 सूचकांकों से बाहर हो सकती है। उन्होंने इस घटनाक्रम की तुलना रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) और जियो फाइनैंशियल सर्विसेज (जियो) के साथ की है, जिसमें जियो अलग से सूचीबद्ध हुई और आखिरकार (अगले कुछ दिनों में) उसे घरेलू सूचकांकों से बाहर निकलना पड़ा।
नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के अभिलाष पगारिया ने अपनी एक ताजा रिपोर्ट में लिखा है, ‘टाटा मोटर्स मौजूदा समय में सभी सक्रिय सूचकांकों में सदस्य है। हालांकि जब डीमर्जर की प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाएगा तो वह निफ्टी-50 और सेंसेक्स से बाहर हो जाएगी। हम इस पर पूरी तरह से अमल होने में करीब 15 महीने का समय लगने का अनुमान जता रहे हैं।’
इस बीच, शेयर बाजारों पर टाटा मोटर्स का शेयर बीएसई पर करीब 5 प्रतिशत चढ़कर 1,000 के आंकड़े को पार कर गया और मंगलवार के दिन के कारोबार में इसने नया ऊंचा स्तर बनाया। कंपनी द्वारा अपने सोमवार को बिजनेस वर्टिकलों को दो अलग सूचीबद्ध कंपनियों में विभाजित किए जाने की घोषणा के बाद शेयर ने 1,031.70 रुपये के नए ऊंचे स्तर को छुआ।
पिछले एक साल में, टाटा मोटर्स का शेयर तेजी से चढ़ा है और उसने निफ्टी ऑटो इंडेक्स में शामिल सभी शेयरों के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया। एसीई इक्विटी के आंकड़े से पता चलता है कि इस अवधि में यह शेयर 131 प्रतिशत चढ़ा। बजाज ऑटो (119 प्रतिशत) और टीवीएस मोटर कंपनी (109 प्रतिशत) ऐसे दो अन्य शेयर हैं जिन्होंने इस अवधि के दौरान निवेशकों का पैसा दोगुना किया।
आंकड़े से पता चला है कि तुलनात्मक तौर पर, निफ्टी ऑटो सूचकांक 63 प्रतिशत, जबकि निफ्टी-50 सूचकांक 27 प्रतिशत तक चढ़ा।
टाटा मोटर्स का शेयर एमएससीआई और एफटीएसई जैसे वैश्विक सूचकांकों में भी शामिल है। पगारिया ने कहा कि ये दो सूचकांक इन सूचकांकों में बने रहने की इसकी पात्रता तय करने के लिए मददगार होंगे।
डीवीआर शेयरों के विलय और टाटा मोटर्स के साधारण शेयरों के विलय की घोषणा जुलाई 2023 के अंत में की गई थी। पगारिया ने कहा, ‘ऑर्डिनरी शेयरों के साथ डीवीआर (डिफरेंशियल वोटिंग राइट्स) की विलय प्रक्रिया डीमर्जर प्रक्रिया के अनुरूप होगी। नुवामा अल्टरनेटिव में हमारा मानना है कि डीवीआर और ऑर्डिनरी शेयरों का विलय 6 से 8 महीने में पूरा हो जाएगा।’
कई विश्लेषक दीर्घावधि के नजरिये से इस शेयर पर उत्साहित बने हुए हैं। उदाहरण के लिए, नोमुरा के विश्लेषकों ने 1,057 रुपये के कीमत लक्ष्य के साथ इस शेयर पर ‘खरीदें’ रेटिंग बरकरार रखी है। उनका मानना है कि सीवी और पीवी व्यवसायों में टाटा मोटर्स के डीमर्जर से दलाल पथ के मूल्यांकन नजरिये में तुरंत बदलाव नहीं आ सकेगा। हालांकि मध्यावधि में, व्यवसाय व्यापक स्वायत्तता के साथ अपनी संभावित योजनाओं पर आगे बढ़ने में सक्षम होंगे।
नोमुरा के कपिल सिंह और सिद्धार्थ बेरा ने एक ताजा रिपोर्ट में लिखा है, ‘हमने जेएलआर के लिए अपने 3 गुना के संभावित ईवी/एबिटा लक्ष्य के साथ ‘खरीदें’ रेटिंग बरकरार रखी है। हमने वित्त वर्ष 2026 की बिक्री के संदर्भ में सीवी को 10 गुना ईवी/एबिटा, पीवी अनुमान को 1.5 गुना ईवी/बिक्री पर बरकरार रखा है। जेएलआर की रेटिंग में बदलाव उसके नई ईवी मॉडलों की सफलता पर निर्भर करेगा।’