ब्रोकरेज फर्म BNP परिबास ने बजाज फाइनेंस को ‘आउटपरफॉर्म’ की रेटिंग दी है और इसका टारगेट प्राइस ₹10,700 रखा है। यह मौजूदा स्तर से 19.5% ज्यादा है, जिसका मतलब है कि जो भी इस शेयर में अभी पैसा लगाएगा, वह आने वाले समय में अच्छा मुनाफा कमा सकता है। साल 2025 की शुरुआत से अब तक यह शेयर 30% तक उछल चुका है, जो बताता है कि निवेशकों का भरोसा अब भी मजबूत बना हुआ है।
क्रेडिट लागत को लेकर चिंता कम, निवेशकों का भरोसा मजबूत
हालांकि, बीते कुछ महीनों में बजाज फाइनेंस की क्रेडिट लागत बढ़ने को लेकर बाजार में हलचल थी। तीसरी तिमाही में यह 212 बेसिस प्वाइंट तक पहुंच गई थी, जिससे कुछ निवेशकों को चिंता हुई। लेकिन कंपनी ने साफ कर दिया है कि यह अस्थायी है और आगे चलकर यह लागत 180-190 बेसिस प्वाइंट के सामान्य स्तर पर आ जाएगी। इसके बाद से निवेशकों का भरोसा और बढ़ गया है।
ग्राहकों की लंबी कतार, ग्रोथ का दमदार प्लान
कमजोर आर्थिक माहौल के बावजूद, बजाज फाइनेंस ने सिर्फ तीसरी तिमाही में 50 लाख नए ग्राहक जोड़े हैं। BNP परिबास का मानना है कि कंपनी आने वाले पांच सालों तक 26-27% की सालाना ग्रोथ बनाए रख सकती है। यह आंकड़ा दर्शाता है कि कंपनी के पास नए ग्राहकों को जोड़ने और मौजूदा ग्राहकों को बनाए रखने की मजबूत क्षमता है।
कुछ छोटे सेक्टर में दिक्कतें, लेकिन कुल स्थिति मजबूत
हालांकि, कंपनी के पोर्टफोलियो में दो ऐसे सेक्टर हैं, जहां थोड़ी समस्या देखी गई है—टू-व्हीलर/थ्री-व्हीलर फाइनेंसिंग और ग्रामीण B2C लोन। इन दोनों ही क्षेत्रों में ग्राहकों की क्रेडिट क्वालिटी को लेकर कुछ चिंताएं हैं। लेकिन अच्छी बात यह है कि इनका बजाज फाइनेंस के कुल लोन में हिस्सा सिर्फ 10% ही है। यानी, ये समस्याएं कंपनी की समग्र स्थिति को ज्यादा प्रभावित नहीं करेंगी।
BNP परिबास को बजाज फाइनेंस पर भरोसा क्यों?
ब्रोकरेज का मानना है कि बजाज फाइनेंस का कलेक्शन ट्रैक रिकॉर्ड बेहतरीन रहा है और कंपनी समय के साथ नई रणनीतियों को अपनाकर आगे बढ़ती रही है। इसके अलावा, भारत में मुद्रास्फीति और उधारी लागत में संभावित गिरावट से कंपनी को फायदा होगा।
अब निवेशकों को क्या करना चाहिए?
अगर कोई लॉन्ग टर्म निवेश की सोच रहा है, तो BNP परिबास का साफ कहना है कि बजाज फाइनेंस में अभी भी काफी दम है और आगे इसका प्रदर्शन और बेहतर हो सकता है। बाजार की हलचल से घबराने की जरूरत नहीं, क्योंकि कंपनी की ग्रोथ की रफ्तार अभी बनी रहेगी।