मंगलवार को ग्रेविटा इंडिया (Gravita India) के शेयरों ने नया रिकॉर्ड बनाया। शेयर का भाव बढ़कर 1,838.40 रुपये तक पहुंच गया। यह पिछले दिन के मुकाबले 14 प्रतिशत की बढ़ोतरी थी। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर कंपनी के शेयरों की खूब खरीद-बिक्री हुई। इस कंपनी का काम औद्योगिक खनिजों से जुड़ा है। इससे पहले 25 जुलाई को शेयर का सबसे ऊंचा भाव 1,765.95 रुपये था। आज के कारोबार में उस रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया गया।
पिछले 11 कारोबारी दिनों में ग्रेविटा इंडिया के शेयरों में जबरदस्त उछाल देखने को मिला है। 20 जुलाई से अब तक शेयर की कीमत में 41 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसका मुख्य कारण कंपनी का शानदार प्रदर्शन रहा है। जून 2024 की तिमाही (Q1FY25) में कंपनी ने बिक्री, कमाई, EBITDA और कर पश्चात लाभ में 29 से 33 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी दर्ज की।
कंपनी के हाई मूल्य वाले उत्पादों की मांग बढ़ रही है और घरेलू कबाड़ (scrap) की उपलब्धता में भी सुधार हो रहा है। ग्रेविटा के पास विस्तार की बड़ी योजनाएं हैं, कंपनी की आर्थिक स्थिति मजबूत है और सरकार के कड़े नियम भी उनके पक्ष में हैं। इन सभी कारकों को देखते हुए ग्रेविटा की ग्रोथ की संभावनाएं बेहतर दिखाई दे रही हैं।
इस छोटी कंपनी का शेयर भाव पिछले कुछ महीनों में तेजी से बढ़ा है। जून में इसकी कीमत 917.35 रुपये थी, जो अब दोगुनी से भी ज्यादा हो गई है। लंबे समय की बात करें तो यह वृद्धि और भी चौंकाने वाली है। 6 अगस्त 2020 को इसका भाव मात्र 48.45 रुपये था, जो चार साल में बढ़कर 3,694 प्रतिशत हो गया। आज दोपहर 2:20 बजे तक ग्रेविटा का शेयर 1,734.60 रुपये पर था, जो पिछले दिन से 7 प्रतिशत ऊपर था।
इसी समय सेंसेक्स में 0.18 प्रतिशत की गिरावट थी। ग्रेविटा के शेयरों की जबरदस्त खरीद-फरोख्त हुई। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर मिलाकर 16 लाख शेयर बदले गए।
ग्रेविटा इंडिया सीसा, एल्युमिनियम और प्लास्टिक के प्रोडक्ट का निर्माण और रीसाइकल करने वाली कंपनी है। कंपनी ने “विज़न 2028” नाम से एक ग्रोथ प्लान बनाया है। इस योजना के तहत कंपनी लिथियम-आयन, स्टील और कागज के रीसाइकल में भी एंटर करेगी।
कंपनी का लक्ष्य है कि हर साल औसतन राजस्व में 25% से अधिक और मुनाफे में 35% से अधिक की वृद्धि हो। साथ ही, ग्रेविटा चाहती है कि उच्च मूल्य वाले उत्पादों से होने वाली कमाई कुल कमाई का 50% से ज्यादा हो और सीसे के अलावा अन्य व्यवसायों से होने वाली कमाई कुल कमाई का 30% से अधिक हो।