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Stock Market: बाजार का बुरा दौर बीता, मगर टैरिफ का असर अभी पूरा नहीं दिखा

सेंसेक्स में 6 सत्रों में 4,156 अंक की छलांग, निफ्टी में 1,261 अंक की बढ़त; विशेषज्ञ बोले—जवाबी शुल्क और मुनाफावसूली से सावधानी जरूरी

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निकिता वशिष्ठ   
Last Updated- March 24, 2025 | 10:37 PM IST

भारतीय शेयर बाजारों ने पिछले कुछ दिनों में शानदार वापसी की है। कुछ महीनों की लगातार बिकवाली, खासकर विदेशी निवेशकों की बिकवाली के बाद भारतीय बाजार अब कुछ हद तक वापसी करते दिख रहे हैं। सोमवार को सेंसेक्स ने लगातार छठे दिन तेजी दर्ज की और 1,079 अंक की बढ़त कायम की। कुल मिलाकर यह सूचकांक 6 कारोबारी सत्रों में 4,156 अंक की बढ़त दर्ज कर चुका है। इसी तरह निफ्टी 6 दिन में 1,261 अंक चढ़ा है। विश्लेषकों को बाजार में बिकवाली का सबसे बुरा दौर बीत चुका लग रहा है, लेकिन वे तेजी की निरंतरता को लेकर आशंकित हैं

शेयरों में भारी-भरकम रकम लगाने के इच्छुक निवेशकों को आगाह कर रहे हैं। सेंट्रम ब्रोकिंग के मुख्य कार्याधिकारी (इंस्टीट्यूशनल इक्विटी) जिग्नेश देसाई ने कहा, ‘बाजारों में बड़ी गिरावट का दौर पीछे छूट चुका है, लेकिन लगातार तेजी आने से पहले कुछ और गिरावट आ सकती है।’ देसाई ने कहा कि बाजारों में वित्त वर्ष के अंत में फंड रोटेशन की वजह से फरवरी, मार्च और कभी कभार अप्रैल के शुरुआती सप्ताहों में हमेशा ही मुनाफावसूली आती है। राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की जवाबी शुल्क लगाने की समय सीमा भी इसी के साथ समाप्त हो रही है।

जवाबी शुल्क: अनिश्चित ट्रंप नीति

डॉनल्ड ट्रंप भारत समेत सभी कारोबारी देशों पर 2 अप्रैल से जवाबी शुल्क लगाने की तैयारी कर रहे हैं। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार ट्रंप देशों या देशों के समूह पर पर व्यापक टैरिफ लगाने की घोषणा कर सकते हैं, लेकिन कुछ क्षेत्र-विशेष को टैरिफ से अलग रखा जा सकता है। विश्लेषकों का कहना है कि यह अस्पष्टता निकट भविष्य में बाजारों के लिए प्रमुख जोखिम बनी हुई है।

फिसडम के शोध प्रमुख नीरव करकेरा ने कहा, ‘जवाबी शुल्क जोखिम बने हुए हैं और अभी इनका पूरा असर नहीं दिखा है। किसी भी वृद्धि से अल्पावधि में अस्थिरता पैदा हो सकती है, निर्यात प्रभावित हो सकता है और संभावित मुद्रास्फीति दबाव के कारण ब्याज दरों में कटौती में देरी हो सकती है।’

उनके विचारों से सहमति जताते हुए मिरै ऐसेट शेयरखान के शोध प्रमुख संजीव होता ने कहा कि व्यापार जंग के संपूर्ण प्रभाव को बाजार अभी भी नजरअंदाज नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस तरह की अनिश्चितताएं आगामी सप्ताहों में बाजारों में उतार-चढ़ाव बढ़ा सकती हैं।

निवेश रणनीति

विश्लेषकों का सुझाव है कि निवेशकों को नया निवेश करने से पहले जवाबी शुल्कों के संबंध में स्थिति स्पष्ट होने का इंतजार करना चाहिए। सेंट्रम ब्रोकिंग के जिग्नेश देसाई ने कहा कि कारोबारी किसी भी गिरावट का इस्तेमाल बैंकिंग, सीमेंट, रक्षा और परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनी (एएमसी) क्षेत्रों के गुणवत्ता शेयरों को खरीदने के लिए कर सकते हैं।

उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि अप्रैल के बाद बाजार में लगातार तेजी आएगी और अच्छी गुणवत्ता वाले मिडकैप और स्मॉलकैप शेयर भी इस तेजी का हिस्सा बनेंगे। लेकिन निवेशकों को उन कंपनियों में निवेश पर ध्यान देना चाहिए, जिनका मूल्यांकन उचित हो, बैलेंस शीट मजबूत हो और कॉरपोरेट गवर्नेंस अच्छा हो।’

First Published : March 24, 2025 | 10:37 PM IST