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Stock Market: डिफेंस और रेलवे शेयरों में गिरावट, HAL, सीमेंस, ABB के शेयर 7% तक लुढ़के

बाजार में अच्छी स्थिति होने के बावजूद, निवेशकों ने आने वाले बजट से पहले अपने शेयर बेचकर मुनाफा कमाया।

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बीएस संवाददाता   
Last Updated- July 18, 2024 | 7:26 PM IST

गुरुवार को शेयर बाजार में तेजी के बावजूद, रक्षा और रेलवे से जुड़ी कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई। इन शेयरों की कीमतें 7 प्रतिशत तक गिर गईं। क्योंकि बाजार में अच्छी स्थिति होने के बावजूद, निवेशकों ने आने वाले बजट से पहले अपने शेयर बेचकर मुनाफा कमाया।

सीजी पावर, हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स (HAL), सीमेंस, एबीबी इंडिया, टिटागढ़ रेल सिस्टम्स, रेल विकास निगम (RVNL) और रेलटेल कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया जैसे प्रमुख रक्षा और रेलवे शेयरों में 5 से 7 प्रतिशत तक की गिरावट आई। पिछले एक महीने में इनमें से ज्यादातर शेयरों ने अपने रिकॉर्ड उच्च स्तर को छुआ था और अच्छे व्यापार के आउटलुक के चलते बाजार से बेहतर प्रदर्शन किया था। इसके विपरीत, बीएसई सेंसेक्स में 0.66 प्रतिशत यानी 533 अंकों की बढ़ोतरी हुई।

2024 के लोकसभा चुनावों में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) फिर से सत्ता में आया है। इसके बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को केंद्रीय बजट 2024 पेश करेंगी।

भारत सरकार ने देश के विकास के लिए रेलवे क्षेत्र को बहुत महत्व दिया है। इस क्षेत्र में बड़ी मात्रा में पैसा लगाया गया है जिससे भारत का रेलवे नेटवर्क दुनिया के सबसे बड़े और तेज़ी से बढ़ने वाले नेटवर्कों में से एक बन गया है। भारतीय रेलवे ने ‘नेशनल रेल प्लान (एनआरपी) फॉर इंडिया 2030’ बनाया है जिसका लक्ष्य 2030 तक रेलवे सिस्टम को ‘भविष्य के लिए तैयार’ बनाना है।

पिछले साल भारतीय रेलवे ने अपने आधुनिकीकरण और बदलाव के काम में काफी तरक्की की है। रेलवे को विकसित करने के लिए बहुत सारा पैसा दिया गया है। इसके अलावा, रेलवे की पटरियां बिछाने, बिजली लगाने, स्टेशन बनाने, वंदे भारत ट्रेनें शुरू करने, कवच योजना लागू करने और अन्य कामों में भी तेज़ी आई है। साल 2025 के लिए रेलवे के बजट में 2.5 लाख करोड़ रुपये रखे गए हैं, जो पिछले साल के 2.4 लाख करोड़ रुपये से ज़्यादा है।

इसके साथ ही, साल 2024 में भारत के रक्षा क्षेत्र ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की। पहली बार इस क्षेत्र की कीमत एक लाख करोड़ रुपये से ज़्यादा हो गई। पहले भारत ज़्यादातर रक्षा सामान दूसरे देशों से खरीदता था, लेकिन अब भारत खुद ही रक्षा सामान बनाकर दूसरे देशों को बेचने लगा है। इस क्षेत्र में बहुत तेज़ी से विकास हुआ है।

साल भर में भारतीय रक्षा उत्पादों की मांग बहुत बढ़ी है। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट फंड (TDF) ने छोटे, मझोले और बड़े उद्योगों और नई कंपनियों को मदद की है। इन कंपनियों ने देश में ही नई रक्षा तकनीकें विकसित की हैं।

अभी 164 तकनीकों को देश में ही विकसित करने का काम चल रहा है। इसके लिए 30.8 मिलियन डॉलर यानी लगभग 250 करोड़ रुपये मंज़ूर किए गए हैं। इस काम में 1886 विशेषज्ञ और 5270 कंपनियां लगी हुई हैं।

सरकार की मदद, दूसरे देशों के साथ साझेदारी और नई तकनीकों पर ध्यान देने से भारत जल्द ही रक्षा के सामान में आत्मनिर्भर हो जाएगा और दुनिया में रक्षा क्षेत्र में एक बड़ी ताकत बन जाएगा। यह बात सोलर इंडस्ट्रीज़ ने अपनी साल 2024 की रिपोर्ट में कही थी।

First Published : July 18, 2024 | 7:26 PM IST