Stock Market Crash: जापानी और अन्य वैश्विक बाजारों में भारी गिरावट का असर भारतीय शेयर बाजारों पर भी एकदम साफ देखा गया। हफ्ते के पहले कारोबारी दिन यानी सोमवार को अमेरिकी अर्थव्यवस्था में मंदी की आशंकाओं के बीच बैंक, आईटी, मेटल तथा तेल एवं गैस शेयरों में चौतरफा बिकवाली से शेयर बाजार क्रैश हो गया। इस गिरावट से निवेशकों को एक ही दिन में 15.32 लाख करोड़ रुपये का भारी नुकसान हुआ।
30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 2,222.55 अंक यानी 2.74 प्रतिशत लुढ़क कर एक महीने से अधिक के निचले स्तर 78,759.40 अंक पर बंद हुआ। बाजार में 4 जून, 2024 के बाद एक दिन में यह सबसे बड़ी गिरावट है। उस दिन यह इंडेक्स 2,686.09 अंक टूटकर 78,295.86 अंक पर बंद हुआ था। दिन के दौरान, यह 2,686.09 अंक या 3.31 प्रतिशत गिरकर 78,295.86 पर आ गया।
वहीं, दूसरी तरफ नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 662.10 अंक यानी 2.68 प्रतिशत का गोता लगाकर 24,055.60 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 824 अंक लुढ़क कर 23,893.70 अंक तक आ गया था। निफ्टी में भी 4 जून के बाद यह एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट है। उस दिन लोक सभा चुनाव के नतीजों के बाद बाजार में पांच प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट आई थी।
भारतीय शेयर बाजार में आए इस भूचाल के कारण बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स (Sensex) और निफ्टी (Nifty) लगभग 3 प्रतिशत टूट गए। विश्लेषकों ने कहा कि जापान के निक्की में 12 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट और मध्य पूर्व में भूराजनीतिक तनाव ने बाजार की धारणा को प्रभावित किया।
इक्विटी में तेज गिरावट के बाद, बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का बाजार पूंजीकरण (MCap) 15,32,796.1 करोड़ रुपये घटकर 4,41,84,150.03 करोड़ रुपये (5.27 लाख करोड़ डॉलर) हो गया।
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शेयर बाजार में आई इस भारी गिरावट के कारण देश के टॉप-10 अरबपतियों को कुल मिलाकर 1.20 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। फोर्ब्स रियल टाइम बिलेनियर्स के डाटा के अनुसार सबसे ज्यादा घाटा गौतम अदाणी को हुआ है। आंकड़ों के अनुसार उनकी दौलत से 40 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा कम हो गए हैं। मौजूदा समय में अदाणी की नेटवर्थ 84.1 अरब डॉलर रह गई है।
वहीं, एशिया के सबसे अमीर आदमी मुकेश अंबानी को आज 32 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। अब उनकी नेटवर्थ 112.1 अरब डॉलर रह गई है।
बीएसई पर कुल 3,414 शेयरों में गिरावट आई जबकि 664 शेयरों में तेजी आई और 111 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ। शेयर बाजार में मचे हाहाकार के बीच सेंसेक्स की चाल तय करने वाले 30 प्रमुख शेयरों में से केवल 2 शेयर HUL और नेस्ले इंडिया बढ़त बनाए रखने में कामयाब रहे। HUL 0.83 फीसदी और नेस्ले इंडिया 0.61 प्रतिशत चढ़ा।
वहीं, दूसरी तरफ सेंसेक्स के 30 प्रमुख शेयरों में से 28 शेयर लाल निशान पर बंद हुए। टाटा मोटर्स, अदाणी पोर्ट्स, टाटा स्टील, SBI और पावर ग्रिड सेंसेक्स के टॉप 5 लूजर्स रहे। इसके अलावा, M&M, बजाज फिनसर्व, L&T, टेक महिंद्रा, इंफोसिस, कोटक बैंक, इंडसइंड बैंक, बजाज फाइनैंस, ITC, ICICI बैंक, HCL टेक, सन फार्मा NTPC, HDFC बैंक, मारुति, भारती एयरटेल, रिलायंस, JSW स्टील, अल्ट्राटेक सीमेंट, एक्सिस बैंक, एशियन पेंट्स, टाइटन और TCS के शेयर भी लाभ में रहे।’
जियोजित फाइनैंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, “नौकरी के निराशाजनक आंकड़ों और येन के तेजी से बढ़ने के बाद कैरी-ट्रेड के बंद होने के बाद अमेरिका में मंदी की आशंकाओं से वैश्विक बाजार सतर्क मोड में आ गए थे। इसका असर घरेलू बाजार पर भी महसूस किया गया और उम्मीद है कि निकट भविष्य में इसका प्रभाव पड़ेगा।”
कैरी-ट्रेड एक बेहद लोकप्रिय व्यापारिक रणनीति है, जहां एक निवेशक कमजोर मुद्रा (इस मामले में जापान) के माध्यम से कम ब्याज दरों वाले देश से पैसा उधार लेता है, और दूसरे देश की संपत्ति में पैसे को फिर से निवेश करता है। जिससे निवेशक को ज्यादा रिटर्न मिलता है।
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व्यापक बाजारों में, बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स 4.21 प्रतिशत और मिडकैप इंडेक्स 3.60 प्रतिशत गिर गया। सभी इंडेक्स गिरावट के साथ बंद हुए। सर्विस इंडेक्स में 4.56 प्रतिशत की गिरावट आई, यूटिलिटीज में 4.30 प्रतिशत, रियल्टी में 4.25 प्रतिशत, पूंजीगत सामान में 4.13 प्रतिशत, औद्योगिक में 4.08 प्रतिशत, बिजली 3.91 प्रतिशत, तेल एवं गैस में 3.88 प्रतिशत और कमोडिटी में 3.82 प्रतिशत की गिरावट आई।
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) शुक्रवार को पूंजी बाजार में शुद्ध विक्रेता रहे और उन्होंने 3,310 करोड़ रुपये की इक्विटी बेची।