स्टॉक एक्सचेंज वायदा एवं विकल्प (F&O) सेगमेंट में नए शेयरों को शामिल करने के लिए बाजार नियामक सेबी की मंजूरी का इंतजार कर रहे हैं। सूत्रों ने यह जानकारी दी। सेबी के निदेशक मंडल ने जून की बैठक में एफऐंडओ शेयरों के चयन के नए पात्रता मानकों को मंजूरी दी थी। इस बारे में विस्तृत परिपत्र 30 अगस्त को जारी किया गया था।
इसके बाद एक्सचेंजों ने संशोधित दिशानिर्देशों के तहत एफऐंडओ सेगमेंट का हिस्सा बनने के पात्र शेयरों की सूची सौंपी थी। लेकिन नई सूची को अभी मंजूरी नहीं मिली है। नए शेयरों के बाद एफऐंडओ शेयरों की सूची 220 से ज्यादा हो सकती है। इसमें 40 नए शेयर होंगे। अभी डेरिवेटिव सेगमेंट में कारोबार के लिए 179 शेयरों पात्र हैं जहां रोजाना कारोबार नोशनल आधार पर 500 लाख करोड़ रुपये के पार चला जाता है।
एक सूत्र ने कहा कि एक्सचेंजों ने अगस्त में संशोधित नियम आने के तुरंत बाद शेयरों की सूची सौंप दी थी। उम्मीद है कि इसे दो हफ्ते के भीतर मंजूरी मिल जाएगी। इस बारे में सेबी और एक्सचेंजों को भेजे गए ईमेल का जवाब नहीं मिला। यह घटनाक्रम अहम है क्योंकि पिछले दो साल से एफऐंडओ सेगमेंट में कोई नया शेयर नहीं जुड़ा है। इस कारण नई सूचीबद्ध कंपनियां मसलन जोमैटो, जियो फाइनैंशियल और एलआईसी बेंचमार्क सूचकांकों में शामिल नहीं हो पाई जिसके लिए एफऐंडओ सेगमेंट में शामिल होना एक शर्त है।
सूत्रों ने कहा कि सेबी शेयरों की सूची की जांच कर रहा है। नई सूची ऐसे समय आई है जब डेरिवेटिव सेगमेंट में खुदरा निवेशकों को हो रहे नुकसान पर काफी हल्ला हो रहा है। इस कारण सेबी चाहता है कि एक्सचेंजों की सूची की जांच गहनता से की जाए। एफऐंडओ पात्रता की शर्तों में पिछला संशोधन 2018 में हुआ था और जनवरी 2022 के बाद से डेरिवेटिव सेगमेंट में कोई नए शेयर शामिल नहीं हुए हैं।
नए ढांचे का लक्ष्य डेरिवेटिव सेगमेंट में ज्यादा लिक्विड और गुणवत्ता वाले नामों को आकर्षित करना है। इस मकसद के लिए सेबी ने मार्केट वाइड पोजीशन लिमिट, मीडियन क्वार्टर सिग्मा ऑर्डर साइज और नकदी बाजार में रोजाना औसत डिलिवरी वैल्यू के लिए ज्यादा बड़ी सीमा तय की है।
नए मानदंडों में शेयरों को शामिल करने, उसे बाहर निकालने, अनुबंधों के रद्द होने या एफऐंडओ में दोबारा प्रवेश के लिए समयसारणी का जिक्र है। उसने स्टॉक डेरिवेटिव के लिए प्रोडक्ट सक्सेस फ्रेमवर्क (पीएसएफ) शुरू किया है जो इंडेक्स डेरिवेटिव जैसा है।
स्टॉक डेरिवेटिव के लिए पीएसएफ यह सुनिश्चित करता है कि टर्नओवर, ओपन इंटरेस्ट और ज्यादा ब्रोकरों की व्यापक भागीदारी हो और दिनों की संख्या ज्यादा हो। सिंतबर की बोर्ड बैठक में सेबी ने सूचकांकों के लिए एफऐंडओ सेगमेंट को मजबूत बनाने के लिए अतिरिक्त कदम उठाए हैं जहां खुदरा निवेशकों की भागीदारी नियंत्रित करने के लिए छह कदम घोषित किए गए हैं।
सेबी के ताजा अध्ययन से पता चलता है कि 1.13 करोड़ वैयक्तिक ट्रेडरों ने वित्त वर्ष 22 और वित्त वर्ष 24 के बीच 1.8 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान झेला। वैयक्तिक निवेशकों का शुद्ध नुकसान करीब 75,000 करोड़ रुपये रहा। इस अध्ययन में बताया गया है कि पिछले तीन साल में एफऐंडओ ट्रेड में खुदरा ट्रेडरों ने नुकसान उठाया।