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सूचीबद्ध फर्मों में म्युचुअल फंडों की हिस्सेदारी बढ़ी

Last Updated- December 11, 2022 | 11:48 PM IST

 
इक्विटी म्युचुअल फंडों में बढ़े निवेश के कारण एनएसई पर सूचीबद्ध फर्मों में म्युचुअल फंडों की हिस्सेदारी सितंबर तिमाही में बढ़कर 7.36 फीसदी हो गई, जो जून तिमाही में 7.25 फीसदी रही थी। प्राइम डेटाबेस के आंकड़ों से पता चलता है कि म्युचुअल फंडों का निवेश सितंबर तिमाही में 14.82 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ अब तक के सर्वोच्च स्तर 18.75 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो जून तिमाही में 16.33 लाख करोड़ रुपये रहा था।
प्राइम डेटाबेस समूह के प्रबंध निदेशक प्रणव हल्दिया के मुताबिक, लगातार पांच तिमाहियों में गिरावट के बाद एनएसई में सूचीबद्ध कंपनियों में फंडों का निवेश बढ़ा है। समूह की विज्ञप्ति में कहा गया है, एनएसई में सूचीबद्ध कंपनियों की कुल शेयर पूंजी प्रतिशत केलिहाज से म्युचुअल फंडों की औसत हिस्सेदारी सितंबर तिमाही में मामूली बढ़कर 3.34 फीसदी रही, जो जून तिमाही में 3.31 फीसदी रही थी।
म्चुयुअल फंडों के संगठन एम्फी के आंकड़ों से पता चलता है कि बढ़ते शेयर बाजार और इक्विटी योजनाओं के मजबूत प्रदर्शन के कारण पिछले कुछ महीनों में इक्विटी फंडों में निवेश बढ़ा है। मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में इक्विटी फंडों में करीब 39,927 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है।
सितंबर तिमाही में जिन अग्रणी कंपनियोंं में म्चुचुअल फंडों का सबसे ज्यादा निवेश रहा उनमें एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, इन्फोसिस, रिलायंस इंडस्ट्रीज और भारतीय स्टेट बैंक शामिल हैं।
कुल मिलाकर पिछली तिमाही में 300 कंपनियों में म्युचुअल फंडों की हिस्सेदारी बढ़ी। इस दौरान इन कंपनियों के शेयरों की कीमत में औसतन 12.06 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। दूसरी ओर, एनएसई में सूचीबद्ध 387 कंपनियों में उनकी हिस्सदारी घटी। इन कंपनियों के शेयरों की औसत कीमत में इस दौरान 10.62 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।
यहां तक कि एनएसई में सूचीबद्ध फर्मों में एफपीआई का निवेश सितंबर तिमाही में पहली बार 54.69 लाख करोड़ रुपये के सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गया। हल्दिया ने कहा, जून तिमाही में यह 48.82 लाख करोड़ रुपये रहा था और निवेश में बढ़ोतरी की वजह तिमाही के दौरान द्वितीयक बाजार में असाधारण खरीद रही। इस अवधि में सेंसेक्स व निफ्टी में क्रमश: 12.66 फीसदी व 12.07 फीसदी का इजाफा हुआ।
तिमाही के दौरान एफपीआई का शुद्ध निवेश महज 3,928 करोड़ रुपये रहा, जिस वजह से एफपीआई की हिस्सेदारी सितंबर तिमाही में घटकर 21.47 फीसदी रह गई, जो जून तिमाही में 21.66 फीसदी रही थी।

First Published - November 1, 2021 | 11:51 PM IST

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