Yes Bank Share Price: प्राइवेट सेक्टर बैंक यस बैंक के शेयर सोमवार को शुरुआती कारोबार में 5 फीसदी से ज्यादा उछल गए। कंपनी के शेयरों में यह तेजी आरबीआई से मिली मंजूरी के बाद आई है। केंद्रीय बैंक ने जापान की निवेश कंपनी सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉर्पोरेशन (SMBC) को यस बैंक में 24.99 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने की मंजूरी दे दी है। यह मंजूरी 22 अगस्त, 2025 को जारी एक सर्कुलर के जरिए दी गई और यह एक साल तक वैध रहेगी। यस बैंक ने यह जानकारी स्टॉक एक्सचेंज को दी। इसमें बताया गया कि SMBC को इस सौदे के बाद बैंक का प्रमोटर नहीं माना जाएगा।
सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉर्पोरेशन (SMBC) ने 20 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने के उद्देश्य से मई में 13,483 करोड़ रुपये में भारतीय स्टेट बैंक (SBI) से 13.19 प्रतिशत समेत सात अन्य बैंकों से 6.81 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने का प्रस्ताव रखा था।
वहीं, जून 2025 तक घरेलू बैंकों के पास सामूहिक रूप से यस बैंक की 33.7 प्रतिशत हिस्सेदारी थी। 23.96 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ एसबीआई सबसे बड़ा एकल शेयरधारक बना रहा। जबकि विदेशी निवेशकों सीए बास्क इन्वेस्टमेंट्स और वेरवेंटा होल्डिंग्स के पास क्रमशः 4.22 प्रतिशत और 9.2 प्रतिशत हिस्सेदारी थी।
यस बैंक में हिस्सेदारी खरीदने को प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के चलते बैंक के शेयरों में जोरदार तेजी देखने को मिली। यस बैंक के शेयर शुरुआती ट्रेड में 5.44 फीसदी तक चढ़ गए। सुबह 10:34 बजे यह 2.33 प्रतिशत चढ़कर 19.73 रुपये प्रति शेयर पर कारोबार कर रहे थे।
यस बैंक में सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉर्पोरेशन (SMBC) की हिस्सेदारी खरीद से कई फायदे हो सकते हैं। वेल्थमिल्स सिक्योरिटीज के इक्विटी स्ट्रैटजी डायरेक्टर क्रांति बथिनी के अनुसार, सुमितोमो की हिस्सेदारी बढ़ने से बैंक को ‘नई ताकत’ मिलेगी। इससे कॉरपोरेट गवर्नेंस बेहतर होगी और बैंक की फाइनेंशियल स्थिति मजबूत हो सकती है। उन्होंने कहा कि बदलाव एकदम से नहीं होंगे, लेकिन धीरे-धीरे बैंक के प्रदर्शन में सुधार जरूर देखने को मिलेगा।
सुमितोमो मित्सुई के यस बैंक में 24.99% तक की हिस्सेदारी खरीदना दोनों संस्थानों के लिए फायदेमंद सौदा माना जा रहा है। इससे सुमितोमो मित्सुई को भारत में अपनी मौजूदगी बढ़ाने का मौका मिलेगा। जबकि यस बैंक को ग्रोथ के लिए रणनीतिक सहयोग मिलेगा।
Fisdom के रिसर्च हेड नीरव कारकेरा ने बताया कि सुमितोमो मित्सुई की भारत में मौजूदगी अभी सीमित है, जो एक NBFC के जरिए है। इस डील से वह भारत में बीएफएसआई सेक्टर (BFSI) में अपनी पकड़ मजबूत कर सकेगा।
यस बैंक के लिए यह डील एक बड़े बदलाव की शुरुआत मानी जा रही है। पहले जहां बैंक सर्वाइवल मोड में था, अब उसके पास स्केल बढ़ाने की क्षमता आ सकती है। इस साझेदारी से ऑपरेशनल फायदे भी होंगे। यस बैंक को मजबूत बैलेंस शीट, रणनीतिक निवेश और वैश्विक बेस्ट प्रैक्टिस का लाभ मिलेगा।कारकेरा ने कहा कि बेहतर मैनेजमेंट के कारण ग्राहक संख्या भी तेजी से बढ़ सकती है। संयुक्त एक्सपर्टीज से प्राइवेट बैंक को ग्रोथ में मदद मिलेगी।