Share Market Today: दुनिया भर के बाजारों में अनिश्चितता के बीच दो महीने में सबसे बड़ी गिरावट दर्ज करने के एक दिन बाद आज भी देसी शेयर बाजार में खूब उठापटक देखी गई। कारोबार के दौरान सेंसेक्स 1,093 अंक तक चढ़ गया था मगर उसकी सारी बढ़त साफ हो गई और अंत में सूचकांक 166 अंक नीचे 78,593 पर बंद हुआ। वैश्विक उथलपुथल के बीच दिन के उच्चतम स्तर 79,852 से सेंसेक्स करीब 1,259 अंक नीचे आया। निफ्टी भी 63 अंक के नुकसान के साथ 23,993 पर बंद हुआ। दोनों सूचकांकों में लगातार तीसरे कारोबारी सत्र में गिरावट आई है।
बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर सूचीबद्ध कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण 2 लाख करोड़ रुपये घटकर 439 लाख करोड़ रुपये रह गया। तीन तीन में कुल बाजार पूंजीकरण करीब 22 लाख करोड़ रुपये कम हो गया है।
देसी बाजार में गिरावट आई मगर एशिया के बाकी बाजार लाभ में रहे। जापान का निक्केई 10.2 फीसदी बढ़ा, जो कल ही 12.4 फीसदी टूटा था। हैंगसैंग को छोड़कर ज्यादातर एशियाई बाजार बढ़त पर बंद हुए। मगर यूरोपीय बाजार बढ़त के साथ खुलने के बाद गिरावट पर कारोबार कर रहे थे।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने आज 3,531 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे। देसी संस्थागत निवेशकों ने 3,358 करोड़ रुपये की लिवाली की। देसी शेयरों का प्रदर्शन नरम बना रह सकता है क्योंकि मूल्यांकन पर चिंता बनी हुई है और अमेरिका में दर कटौती तथा येन में कैरी ट्रेड बंद होने से अनिश्चितता बरकरार है।
अवेंडस कैपिटल पब्लिक मार्केट्स अल्टरनेट स्ट्रैटजीज के सीईओ एंड्रयू हॉलैंड ने कहा, ‘चिंता अभी दूर नहीं हुई है। लोग अभी देख रहे हैं कि अगले कुछ दिन हालात कैसे रहते हैं। बिकवाली तब हो रही है, जब भारत और दुनिया भर के शेयरों का मूल्यांकन बढ़ा है।’
हालिया गिरावट के बावजूद भारत में शेयरों का मूल्यांकन ज्यादा बना हुआ है। निफ्टी फिलहाल 23.6 के प्राइस टु अर्निंग (पीई) पर कारोबार कर रहा है और इसका 5 साल का औसत 24.7 है। निफ्टी मिडकैप 41.7 के पीई पर कारोबार कर रहा है और 5 साल का औसत 36 है। स्मॉलकैप 31.1 के पीई पर कारोबार कर रहा है।
अमेरिका में मंदी की आशंका और येन में कैरी ट्रेड बंद होने से भारत एवं दुनिया भर के बाजारों में दबाव देखा जा रहा है।
अमेरिका में इस शुक्रवार को आए रोजगार के आंकड़ों से पता चलता है कि वहां भर्तियां घटी हैं और बेरोजगारी दर बढ़कर 4.3 फीसदी पहुंच गई है, जो तीन साल में सबसे ज्यादा है। लगातार चौथे महीने बेरोजगारी दर में इजाफा हुआ है।
बेरोजगारी बढ़ने से मंदी का डर भी सताने लगा है। अमेरिका में आर्थिक नरमी की चिंता से फेडरल रिजर्व द्वारा आपातकालीन स्थिति में ब्याज दर 50 आधार अंक घटाए जाने की उम्मीद भी बढ़ गई है। मौद्रिक नीति को सहज बनाने में पीछे रहने के लिए बाजार का एक वर्ग फेड की आलोचना भी कर रहा है। इस बीच जापान में ब्याज दरें बढ़ाए जाने के बाद येन कैरी ट्रेड बंद होने से प्रमुख इक्विटी बाजारों से निकासी का जोखिम बढ़ गया है।
नोमुरा ने एक नोट में कहा है, ‘अगर बेरोजगारी बढ़ती रही या वित्तीय स्थिति सख्त बनी रही तो फेड ब्याज दर में 50 आधार अंक की कटौती कर सकता है। 2 वर्षीय और 10 वर्षीय अमेरिकी बॉन्ड के यील्ड में तेज गिरावट, डॉलर सूचकांक में नरमी और शेयर बाजार में गिरावट से बाजार इसका संकेत दे रहा है।’ बीएसई पर 2,454 शेयर नुकसान में और 1,482 लाभ में रहे। एचडीएफसी बैंक में 0.8 फीसदी गिरावट आई।