मई में भारतीय शेयर बाजारों ने अपनी तेजी का सिलसिला बरकरार रखा। निफ्टी और सेंसेक्स में करीब 2-2 फीसदी की तेजी आई। मई में व्यापक बाजार के हिस्से निफ्टी मिडकैप 100 सूचकांक 6.1 फीसदी और निफ्टी स्मॉलकैप 100 सूचकांक 8.7 फीसदी उछले। इस तेजी की मदद से कई प्रमुख सूचकांक वर्ष के पहले दो महीनों के दौरान हुए नुकसान से पूरी तरह उबरने में कामयाब रहे।
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भारत का बाजार पूंजीकरण 19.4 लाख करोड़ रुपये बढ़कर 445.5 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। बाजार ने कैलेंडर वर्ष 2025 के शुरुआती दो महीनों में बाजार पूंजीकरण में 58 लाख करोड़ रुपये गंवा दिए थे मगर मार्च के बाद उन्होंने 61 लाख करोड़ रुपये की वृद्धि दर्ज की है। यह सुधार बड़े पैमाने पर संस्थागत निवेशकों के अनुकूल निवेश से संभव हुआ।
अकेले मई में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने लगभग 20,000 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे जबकि म्युचुअल फंडों ने 47,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया।