बोफा सिक्योरिटीज (BofA Securities) के विश्लेषकों का कहना है कि कॉरपोरेट आय वृद्धि अनुमानों में कटौती की आशंका, ऊंचे मूल्यांकन (19.5 गुना का एक वर्षीय पीई) और अनुमान के मुकाबले ज्यादा समय तक ब्याज दरें ऊपर बने रहने तथा ऋण संबंधित सख्ती भारतीय बाजारों की राह में कुछ प्रमुख जोखिम हैं। बोफा सिक्योरिटीज के विश्लेषकों को मौजूदा स्तरों पर मुनाफावसूली करने का सुझाव दिया है।
उनका मानना है कि भविष्य में निफ्टी-50 सूचकांक गिरकर 16,000 के स्तर पर आ सकता है, जो मौजूदा स्तरों से करीब 12 प्रतिशत की गिरावट है। उनका मानना है कि यदि यह गिरावट आती है तो यह खरीदारी के लिए अच्छा अवसर है। हालांकि बोफा सिक्योरिटीज ने दिसंबर 2023 के अंत तक निफ्टी-50 का लक्ष्य 18,000 पर अपरिवर्तित बनाए रखा है।
बोफा का कहना है कि वैश्विक मंदी, जिंस कीमतों में उतार-चढ़ाव, शहरी मांग में तेजी आय के लिए मुख्य जोखिम हैं, और वित्त वर्ष 2024/2025 की आय वृद्धि के अनुमानों में लगातार कटौती की संभावना है।
बोफा सिक्योरिटीज के प्रमुख (भारतीय शोध) अमीष शाह के साथ मिलकर विश्लेषकों द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट में कहा गया है, ‘हमें निफ्टी के लिए वर्ष के अंत तक 18,000 पर पहुंचने की संभावना है और तेजी आने पर हम मुनाफावसूली करेंगे। इसके लिए हम मजबूत घरेलू प्रवाह, कमजोर FII निवेश के बीच बाजार में संभावित गिरावट पर खरीदारी की सलाह देंगे।’
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क्षेत्रों के संदर्भ में आईटी उनके लिए अंडरवेट बना हुआ है। दूसरी तरफ, वित्त, उद्योग, सीमेंट/इस्पात और कुछ चुनिंदा वाहन कंपनियों (दोपहिया) तथा यूटिलिटीज एवं हेल्थकेयर उनके पसंदीदा दांव हैं।
बोफा सिक्योरिटीज ने कहा है कि अमेरिका में पिछले दो महीनों में कई बैंकों पर संकट, मौजूदा ऋण संबंधित सख्ती और वाणिज्यिक रियल एस्टेट (CRI) में कमजोरी अमेरिकी मंदी का संकेत हो सकते हैं।
राबोबैंक इंटरनैशनल के विश्लेषकों को भी कैलेंडर वर्ष 2023 की दूसरी छमाही में अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर मंदी गहराने की आशंका है।