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दूसरी छमाही में मेटल सेक्टर की चमक बढ़ने का अनुमान, कच्चे तेल की कीमतों में भी दिख सकती है नरमी

डॉलर सूचकांक में उतार-चढ़ाव थमने के बाद 2023 की दूसरी छमाही में मौजूदा स्तरों से जिंस कीमतें धीरे धीरे सुधरने का अनुमान है

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राजेश भयानी   
Last Updated- June 29, 2023 | 11:42 PM IST

कच्चे तेल और प्रमुख धातुओं जैसी जिंसों को इस कैलेंडर वर्ष की पहली छमाही में ऊंची दरों तथा कमजोर मांग की दोहरी चुनौती का सामना करना पड़ा है। एक तरफ जहां अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा लगातार ब्याज दरें बढ़ाई गईं, वहीं दूसरी तरफ, चीन की मांग अनुमान के अनुरूप बढ़ने में नाकाम रही। इसके अलावा, वै​श्विक रूप से (चीन समेत) संपूर्ण वृहद संकेतक वृद्धि (overall macroeconomic indicators) के लिए उपयुक्त नहीं थे। इसकी वजह से, तांबा के अलावा, कई धातुओं की कीमतें नीचे बनी हुई हैं, जैसा कि 2022 में देखने को मिला। भविष्य में, धातु सेगमेंट को चीन में संभावित तेजी से मदद मिल सकती है, जबकि कच्चे तेल में नरमी बनी रह सकती है।

वर्ष 2023 की शुरुआत इस उम्मीद के साथ हुई थी कि चीन कोविड संबं​धित सख्ती से मुक्त हो रहा है, लेकिन जिंस खरीदारी अपे​​क्षित नहीं रही। चीन अभी भी मुख्य उपभोक्ता बना हुआ है। इसलिए, तांबे को छोड़कर सभी धातुओं में कमजोरी बरकरार है। पिछले 12 महीनों में, जस्ता की कीमतें 27 प्रतिशत नीचे आईं। कैलेंडर वर्ष 2023 की पहली छमाही में भी जस्ता करीब 22 प्रतिशत गिर चुका है, जबकि निकल में कैलेंडर वर्ष 2022 की शानदार तेजी के बाद 31 प्रतिशत की गिरावट आई है।

कैलेंडर वर्ष 2023 की पहली छमाही में जिन धातुओं की कीमतें चढ़ी हैं, उनमें तांबा मुख्य रूप से शामिल है। इसके अलावा टिन की कीमतों में भी अच्छी तेजी रही है। आधार धातुओं के मिश्रण में, तांबा मुख्य रूप से शामिल है, क्योंकि इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए इसकी मांग बढ़ी है। इन वाहनों के 40 प्रतिशत कलपुर्जे इसी धातु से बने होते हैं।

कॉमट्रेंड रिसर्च के टी ज्ञानशेखर ने कहा, ‘चीन से मांग धातु सेगमेंट की मदद के लिए बेहद जरूरी रही है। अब उम्मीद है कि चीन धीरे धीरे धातुओं की खरीदारी शुरू करेगा और यदि उसे लगता है कि कीमतें नीचे हैं तो वह अतिरिक्त खरीदारी भी कर सकता है। इससे धातु सेगमेंट को मदद मिल सकती है।’

चीन से जुड़ी समस्याओं के अलावा संपूर्ण वै​श्विक वृद्धि का परिवेश भी उपयुक्त नहीं होने से फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरें नहीं बढ़ाई थीं।

कैलेंडर वर्ष 2022 में, अमेरिकी डॉलर में तेजी जिंसों के लिए मांग में कमी का मुख्य कारण ​थी, लेकिन अब ऐसा नहीं दिख रहा है।

फिच समूह की कंपनी BMI ने अपनी मासिक कमोडिटीज स्ट्रैटजी में कहा है, ‘डॉलर सूचकांक में उतार-चढ़ाव थमने के बाद 2023 की दूसरी छमाही में मौजूदा स्तरों से जिंस कीमतें धीरे धीरे सुधरने का अनुमान है। डॉलर सूचकांक पहली छमाही में 100-105 के सीमित दायरे में बना रहा और पिछले कुछ सप्ताहों में कमजोर हुआ है।’

एसऐंडपी ग्लोबल कमोडिटीज इनसाइट्स ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘कच्चे तेल की कीमतों 2023 के लिए औसत 87 डॉलर प्रति बैरल पर रहेंगी, क्योंकि मांग कमजोर है। 2022 में कीमतें 100 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई थीं। हालांकि कमजोर मांग आपूर्ति संबं​धित समस्याओं की वजह से भी है।’

लौह अयस्क कीमतें पिछले 12 महीनों में 10 प्रतिशत और कैलेंडर वर्ष 2023 की पहली छमाही में 4.7 प्रतिशत नीचे आई हैं।

First Published : June 29, 2023 | 8:58 PM IST