Stock Market Closing Bell, 5 September 2025: एशियाई बाजारों में पॉजिटिव रुख के बीच भारतीय शेयर बाजार हफ्ते के लास्ट ट्रेडिंग सेशन यानी शुक्रवार (5 सितम्बर) को उतार-चढ़ाव वाले कारोबार में लगभग सपाट बंद हुआ। दिन की शुरुआत के मजबूती के साथ करने के बावजूद बाजार में दबाव देखने को मिला। एफएमसीजी स्टॉक्स में मुनाफावसूली और आईटी शेयरों में गिरावट ने बाजार को नीचे खींचा। जबकि ऑटो शेयरों में खरीदारी से बाजार को सपोर्ट मिला।
तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) करीब 300 अंक चढ़कर 81,012.42 पर खुला। खुलने के इंडेक्स में उतार-चढ़ाव देखने को मिला। कारोबार के दौरान यह 81,036 अंक के हाई और 80,321 अंक के लो तक गया। अंत में यह 7.25 अंक या 0.01 फीसदी गिरकर 80,710.76 पर बंद हुआ।
इसी तरह, नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी-50 (Nifty50) मजबूती के साथ 24,818.85 पर ओपन हुआ। लेकिन कारोबार के दौरान यह लाल निशान में फिसल गया। उठापटक के बीच अंत में यह 6.70 अंक की मामूली बढ़त लेकर 24,741 पर लगभग सपाट बंद हुआ।
मास्टर ट्रस्ट ग्रुप के डायरेक्टर पुनीत सिंघानिया का मानना है कि भारतीय बाजार की सतर्क प्रतिक्रिया यह दर्शाती है कि निवेशक फिलहाल ‘वेट एंड वॉच’ की रणनीति अपना रहे हैं। उन्होंने कहा कि जीएसटी कटौती से भले ही थोड़ी राहत मिलेगी, लेकिन इसका वास्तविक असर आने वाले समय में ही नजर आएगा कि यह ग्रोथ को कैसे प्रभावित करता है। वहीं, टैरिफ से जुड़ी नई नीतियों के लागू होने से अनिश्चितता और बढ़ गई है। इससे निवेशक ओवरऑल आउटलुक को लेकर अभी भी सतर्क बने हुए हैं।
सेंसेक्स की कंपनियों में मंहिन्द्रा एंड महिंद्रा, मारुति सुजुकी और रिलायंस इंडस्ट्रीज सबसे ज्यादा बढ़त में रहने वाले शेयरों में रहे। जबकि आईटीसी, एचसीएल टेक्नोलॉजीज और टीसीएस प्रमुख गिरावट दर्ज करने वालों में शामिल थे। इसी तरह, एनएसई पर ऐशर मोटर्स, श्रीराम फाइनेंस और मंहिन्द्रा एंड महिंद्रा शीर्ष बढ़त करने वाले रहे। जबकि आईटीसी, सिप्ला और एचसीएल टेक्नोलॉजीज सबसे ज्यादा नुकसान में रहे।
ब्रोडर इंडेक्स में बढ़त दर्ज की गई। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 0.20 प्रतिशत की बढ़त के साथ बंद हुआ, जबकि निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 0.19 प्रतिशत ऊपर बंद हुआ।
सेक्टोरल मोर्चे पर निफ्टी ऑटो सबसे ज्यादा बढ़ा। यह 1.25 प्रतिशत की तेजी में बंद हुआ। इसके बाद मेटल सेक्टर 0.68 प्रतिशत और मीडिया सेक्टर 0.59 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की। वहीं, निफ्टी आईटी सबसे बड़ा नुकसान उठाने वाला सेक्टर रहा, जो 1.44 प्रतिशत नीचे बंद हुआ। इसके बाद एफएमसीजी 1.42 प्रतिशत और रियल्टी सेक्टर 1.16 प्रतिशत की गिरावट में रहे।
इस बीच, एशियाई बाजारों में शुक्रवार को तेजी देखी गई। यह तेजी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के गुरुवार को एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करने के बाद आई। इस आदेश में जापानी ऑटो आयात शुल्क को 27.5 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत करने की पुष्टि की गई। इसके साथ ही जापान की ओर से अमेरिका में 550 अरब डॉलर निवेश की भी पुष्टि हुई। इसके अलावा, सेमीकंडक्टर शेयरों में भी तेजी आई। ट्रंप ने घोषणा की कि जो कंपनियां अपना उत्पादन अमेरिका में नहीं लातीं, उनकी चिप आयात पर शुल्क लगाया जाएगा।
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जापान का निक्की 225 इंडेक्स 1.39 फीसदी चढ़ गया। साउथ कोरिया का कॉपी इंडेक्स 0.26 फीसदी और ऑस्ट्रेलिया का S&P/ASX 200 शुक्रवार को 0.58 फीसदी चढ़ गया।
अमेरिका में रातोंरात वॉल स्ट्रीट का S&P 500 सूचकांक 0.80 प्रतिशत की बढ़त के साथ रिकॉर्ड ऊंचाई पर बंद हुआ। लेबर मार्केट के आंकड़ों से फेड की ब्याज दर में कटौती की उम्मीदें बनी रहीं। यह बढ़त अहम अमेरिकी नौकरियों की हर महीने आने वाली रिपोर्ट से ठीक एक दिन पहले देखी गई। टेक स्टॉक्स पर बेस्ड नैस्डैक कंपोजिट 1 प्रतिशत चढ़ा। वहीं, डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज में 0.90 प्रतिशत की बढ़त दर्ज हुई।
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विदेशी निवेशकों (FIIs) की कई दिनों की जारी बिकवाली का सिलसिला गुरुवार को थम गया। उन्होंने 11.70 करोड़ रुपये के वैल्यू के शेयर खरीदें। घरेलू मोर्चे पर इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (DIIs) ने 2,171.15 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।