शेयर बाजार

Market Closing: टैरिफ टेंशन और रिलायंस में गिरावट से डगमगाया बाजार, सेंसेक्स 270 अंक लुढ़का; निफ्टी 24,426 पर बंद

Market Closing: एफएमसीजी शेयरों में तेजी के बावजूद रिलायंस इंडस्ट्रीज और आईटी शेयरों में गिरावट से बाजार लाल निशान में बंद हुआ।

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जतिन भूटानी   
Last Updated- August 29, 2025 | 3:58 PM IST

Stock Market Closing Bell, Friday, August 29, 2025: एशियाई बाजारों से मिलेजुले रुख के बीच भारतीय शेयर बाजार हफ्ते के लास्ट ट्रेडिंग सेशन यानी शुक्रवार (29 अगस्त) को पॉजिटिव रुख के बावजूद गिरावट में बंद हुए। एफएमसीजी शेयरों में तेजी के बावजूद रिलायंस इंडस्ट्रीज और आईटी शेयरों में गिरावट से बाजार लाल निशान में बंद हुआ। अमेरिकी टैरिफ को लेकर चिंता ने भी निवेशकों के सेंटीमेंट्स पर नेगेटिव असर डाला।

तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) 70 अंक गिरकर 80,010 पर खुला। हालांकि, खुलते ही यह बढ़त में आ गया। कारोबार के दौरान यह 80,310 अंक तक चढ़ गया था। लेकिन कारोबार के अंत में इसमें बिकवाली हो गई। अंत में यह 270.92 अंक या 0.34 फीसदी की गिरावट लेकर 79,809.65 पर बंद हुआ।

इसी तरह, नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी50 भी गिरावट के साथ 24,466 पर खुला। लेकिन खुलते ही हरे निशान में आ गया। कारोबार के दौरान इंडेक्स में उतार-चढ़ाव देखने को मिला। अंत में यह 74.05 अंक या 0.30 प्रतिशत गिरकर 24,426 पर बंद हुआ।

जियोजित इन्वेस्टमेंट लिमिटेड में रिसर्च प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ”निवेशकों की भावना सतर्क बनी रही। बाजार अमेरिकी टैरिफ के पूरे असर को समझने की कोशिश कर रहे थे। इस मुद्दे की स्थिरता भारत के कुछ क्षेत्रों में निर्यात प्रतिस्पर्धा को प्रभावित कर सकती है। सामान्य रूप से यह दबाव रुपये पर भी पड़ेगा, जिससे इसके डिवैल्युएशन की संभावना है।”

उन्होंने कहा, ”इक्विटी बेंचमार्क कमजोर रहे। मिड और स्मॉल कैप शेयरों पर जोखिम से बचाव और ऊंचे वैल्यूएशन का असर ज्यादा दिखा। इसके विपरीत, एफएमसीजी स्टॉक्स में तेजी बनी रही। इसकी वजह जीएसटी दरों में संभावित कटौती और मजबूत उपभोक्ता मांग है। कुल मिलाकर, बाजार अभी भी टैरिफ से जुड़ी बाधाओं को अस्थायी मान रहा है। आशा इस बात पर टिकी है कि भविष्य में व्यापार वार्ता में प्रगति होगी। लेकिन दोनों पक्षों के बीच मजबूत संवाद की कमी अनिश्चितता को बढ़ा रही है और बाजार में भ्रम की स्थिति पैदा कर रही है।”

RIL 2% से ज्यादा गिरा

रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर 2.32 प्रतिशत की गिरावट लेकर 1,355 रुपये पर बंद हुए। यह 18 अप्रैल के बाद से शेयर का सबसे निचला स्तर है। रिलायंस जियो को 2026 के मध्य तक शेयर बाजारों में लिस्ट करने की योजना के बावजूद शेयरों में गिरावट आई। रिलायंस इंडस्ट्रीज की 48वीं वार्षिक आम बैठक (एजीएम) के बीच शुक्रवार को मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाली ज़्यादातर लिस्टेड कंपनियों के शेयर बढ़त के साथ बंद हुए। इंफोमीडिया प्रेस 4.8 प्रतिशत, रिलायंस इंडस्ट्रियल इंफ्रास्ट्रक्चर 0.2 प्रतिशत, जियो फाइनेंशियल सर्विसेज 0.5 प्रतिशत और जीटीपीएल हैथवे 2.1 प्रतिशत बढ़त में बंद हुआ।

Top Losers & Gainers

बीएसई में लिस्टेड कंपनियों में एमएंडएम, रिलायंस इंडस्ट्रीज, इंफोसिस और टाटा मोटर्स सबसे ज्यादा गिरावट वाले शेयरों में शामिल रहे। जबकि आईटीसी, बीईएल, ट्रेंट और एलएंडटी टॉप गेनर रहे। निफ्टी एफएमसीजी, मीडिया और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स को छोड़कर एनएसई पर अन्य सभी अन्य सेक्टर इंडेक्स शुक्रवार को गिरावट के साथ बंद हुए।

Nifty Outlook

कोटक सिक्योरिटीज़ के हेड ऑफ इक्विटी रिसर्च श्रीकांत चौहान के अनुसार, डे ट्रेडर्स के लिए निफ्टी पर 24,600 का स्तर एक महत्वपूर्ण स्तर है। यदि निफ्टी इस स्तर से नीचे रहता है, तो यह इंडेक्स को 24,350 से 24,300 तक खींच सकता है। वहीं, अगर निफ्टी 24,600 के ऊपर जाता है, तो यह रैली 20-वन डे सिंपल मूविंग एवरेज (SMA) 24,725 तक और संभवतः 24,800 तक भी बढ़ सकती है।

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वैश्विक बाजारों से क्या संकेत ?

एशियाई बाजारों में मिला-जुला कारोबार देखने को मिला। मेनलैंड चीन का सीएसआई 300 इंडेक्स 0.12 प्रतिशत, हांगकांग का हैंगसेंग 0.39 प्रतिशत बढ़ा। हालांकि, दक्षिण कोरिया का कोस्पी 0.04 प्रतिशत नीचे रहा।

टोक्यो कोर कंज्यूमर वैल्यू इंडेक्स (CPI) में एक साल पहले की तुलना में 2.5 प्रतिशत की वृद्धि के बाद जापान का निक्केई भी 0.39 प्रतिशत गिर गया। देश की बेरोजगारी दर भी जुलाई में घटकर 2.3 प्रतिशत रह गई, जो पिछले महीने 2.5 प्रतिशत थी।

वॉल स्ट्रीट इंडेक्स एसएंडपी 500 और डॉव जोन्स रिकॉर्ड हाई एंड पर बंद हुए। एनवीडिया की तिमाही रिपोर्ट निवेशकों की ज्यादा उम्मीदों से कम रही। लेकिन इस बात की पुष्टि हुई कि अर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) इंफ्रास्ट्रक्चर से संबंधित खर्च मजबूत बना हुआ है। एसएंडपी 500 इंडेक्स और टेक्नॉलिजी फोकस नैस्डैक क्रमशः 0.32 प्रतिशत और 0.53 प्रतिशत बढ़कर बंद हुए।

भारत-अमेरिका में फिर शुरू हो सकती है बातचीत

भारत को उम्मीद है कि अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत का सिलसिला जल्द ही बहाल होगा मगर इसके लिए भारतीय उत्पादों पर अमेरिका में लगाए गए 50 फीसदी उच्च शुल्क के मुद्दे का समाधान करना आवश्यक होगा। एक वरिष्ठ सरकारी अ​धिकारी ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा, ‘हम जल्द ही फिर से बातचीत की मेज पर लौटने की उम्मीद कर रहे हैं… जब भी समझौता होगा, उस समय दोनों पक्षों को शुल्क के मुद्दों (अतिरिक्त 25 फीसदी सहित) का समाधान करना होगा।’

इस महीने की शुरुआत में समझौते के लिए अगले दौर की वार्ता के लिए 25 अगस्त को भारत आने वाली अमेरिकी टीम ने बैठक स्थगित कर दी थी। फिलहाल अगले दौर की व्यापार वार्ता की तारीखें तय नहीं हुई हैं लेकिन बातचीत बहाल होने की संभावना है।

First Published : August 29, 2025 | 8:06 AM IST