Metal Stocks – Latest Share Market News: टाटा स्टील, हिंडाल्को, वेदांत, हिंदुस्तान जिंक और कोल इंडिया जैसी धातु एवं खनन कंपनियों ने स्टॉक एक्सचेंज पर शानदार प्रदर्शन किया है। पिछले एक साल में बीएसई धातु सूचकांक में करीब 61 फीसदी बढ़त दर्ज की गई है, जबकि इस दौरान बीएसई सेंसेक्स केवल 16 फीसदी चढ़ा है। मगर धातु शेयरों में हालिया उछाल की असली वजह कंपनियों के मुनाफे में तेज वृद्धि नहीं बल्कि आगे के लिए अच्छी उम्मीद है।
वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही में धातु और खनन कंपनियों का कुल शुद्ध लाभ साल भर पहले जितना ही रहा। मगर इस दौरान उनकी कुल शुद्ध बिक्री 1.3 फीसदी घट गई, जो पिछली 15 तिमाहियों का सबसे खराब प्रदर्शन है। इन कंपनियों में टाटा स्टील शामिल नहीं है क्योंकि उसने वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही के नतीजे अब तक जारी नहीं किए हैं।
आंकड़े बताते हैं कि कोविड के बाद की ज्यादातर अवधि में धातु एवं खनन कंपनियों ने एक्सचेंजों पर मौजूद प्रतिद्वंद्वी कंपनियों से बेहतर प्रदर्शन किया है। लेकिन वित्तीय प्रदर्शन के मामले में ये कंपनियां पिछड़ गई हैं।
बीएसई धातु सूचकांक पिछले दो साल में 113 फीसदी चढ़ा है और महज 41.8 फीसदी बढ़े सेंसेक्स को बहुत पीछे छोड़ चुका है। मगर जनवरी-मार्च 2022 की तिमाही में सूचीबद्ध धातु एवं खनन कंपनियों का कुल शुद्ध लाभ 28,720.7 करोड़ रुपये था, जो जनवरी-मार्च 2024 में करीब 26 फीसदी घटकर 21,151.7 करोड़ रुपये ही रह गया।
विभिन्न क्षेत्रों की जिन 1,604 सूचीबद्ध कंपनियों ने अभी तक नतीजे जारी किए हैं, उनका कुल शुद्ध लाभ हालिया संपन्न तिमाही में 3.38 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो जनवरी-मार्च 2022 तिमाही में 2.44 लाख करोड़ रुपये ही था।
राजस्व वृद्धि में भी धातु एवं खनन कंपनियां पिछड़ गई हैं। वित्त वर्ष 2022 की चौथी तिमाही में धातु एवं खनन कंपनियों की कुल शुद्ध बिक्री 2.63 लाख करोड़ रुपये थी, जो 2023-24 की चौथी तिमाही में केवल 0.81 फीसदी बढ़कर 2.66 लाख करोड़ रुपये रही। दूसरी ओर बिज़नेस स्टैंडर्ड के नमूने में शामिल सभी सूचीबद्ध कंपनियों की कुल शुद्ध बिक्री (बैंक एवं गैर-बैंक ऋणदाताओं की कुल ब्याज आय) मार्च 2022 में 26.35 लाख करोड़ रुपये थी, जो 24 फीसदी बढ़कर मार्च 2024 में 32.7 लाख करोड़ रुपये हो गई।
विश्लेषकों का कहना है कि मुनाफा नहीं बढ़ने के बाद भी धातु शेयर इसलिए चढ़ रहे हैं क्योंकि निवेशकों को चीन, पश्चिमी यूरोप और उत्तरी अमेरिका जैसी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं से जबरदस्त औद्योगिक मांग के कारण आने वाली तिमाहियों में अच्छे मुनाफे की उम्मीद है।
सिस्टमेटिक्स ग्रुप के को-हेड (इक्विटीज) और हेड (स्ट्रैटजी ऐंड इकनॉमिक्स) धनंजय सिन्हा ने कहा, ‘प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में खरीद बढ़ने के कारण औद्योगिक धातुओं की कीमत हालिया हफ्तों में बढ़ी है। इस कारण धातु शेयर मजबूत हुए हैं।
वैश्विक स्तर पर पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) अब 50.6 से ऊपर जा रहा है, जो पिछले सितंबर में करीब 48 था। इससे इस्पात, एल्युमीनियम, तांबा और जस्ता जैसी औद्योगिक धातुओं की मांग बढ़ने की उम्मीद है।’ धातु एवं खनन शेयरों के प्रति बाजार का हौसला इसी मार्च में चीन द्वारा घोषित करीब 700 अरब डॉलर के वित्तीय प्रोत्साहन से भी बढ़ा है।
चीन सरकार ने अपने संकटग्रस्त आवसीय क्षेत्र के लिए पिछले सप्ताह 42 अरब डॉलर की राहत पैकेज की भी घोषणा की है। इससे दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में औद्योगिक धातुओं की मांग बढ़ने की उम्मीद है।