सिलिकन वैली बैंक (SVB) का संकट गहराने से अमेरिकी बैंकों के 50 अरब डॉलर के शेयर बिक गए, जिससे भारत सहित दुनिया भर के बाजारों में आज तेज गिरावट दर्ज की गई। अमेरिका में रोजगार के आंकड़े आने से पहले निवेशकों में पसरी घबराहट का भी बाजार पर असर पड़ा है। बेंचमार्क सेंसेक्स 671 अंक या 1.1 फीसदी गिरावट के साथ 59,135 पर बंद हुआ। निफ्टी 177 अंक या करीब 1 फीसदी नुकसान के साथ 17,413 पर बंद हुआ।
मुख्य रूप से तकनीकी क्षेत्र को कर्ज मुहैया कराने वाले SVB ने अपनी वित्तीय स्थिति सुधारने के लिए शेयर बेचने का ऐलान किया, जिसके बाद इस बैंक का शेयर काफी लुढ़क गया। SVB को संपत्ति बिक्री से 1.8 अरब डॉलर का नुकसान उठाना पड़ा। उसके शेयर में गिरावट से अमेरिकी बैंकों के पास जमा बॉन्ड की कीमत घटने की आशंका पैदा हो गई, जिससे निवेशकों में घबराहट बढ़ गई है क्योंकि ब्याज दरों में इजाफा होना तय है।
इससे अमेरिका में बैंकिंग और वित्तीय शेयरों की जमकर बिकवाली हुई। अमेरिका में बैंकिंग शेयरों की बिकवाली से घबराए निवेशक यूरोपीय बाजार में शेयर बेचने लगे।
बाजार विशेषज्ञों ने कहा कि SVB संकट से पता चलता है कि केंद्रीय बैंकों द्वारा ब्याज दरें बढ़ाए जाने से कितना दबाव पड़ रहा है। बैंकों का आम तौर पर बॉन्ड में काफी निवेश होता है लेकिन केंद्रीय बैंकों द्वारा मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने की योजना से उन्हें बॉन्ड में काफी नुकसान हो रहा है।
अल्फानीति के सह-संस्थापक यूआर भट्ट ने कहा, ‘निवेशकों को फिक्र है कि SVB का संकट कहीं लीमन ब्रदर्स जैसे बड़े संकट का संकेत नहीं हो। SVB उतना बड़ा बैंक नहीं है मगर निवेशकों में डर बैठ गया है। भू-राजनीतिक तनाव और दर में बढ़ोतरी के डर से भी बाजार में उठापटक बढ़ी है।’
निवेशक सुरक्षित दांव खेल रहे हैं, जिससे बॉन्ड बाजार में लिवाली बढ़ गई है। 10 वर्षीय अमेरिकी बॉन्ड का प्रतिफल 3.9 फीसदी से घटकर 3.85 फीसदी रह गया। दो वर्षीय अमेरिकी बॉन्ड का प्रतिफल भी 4.87 फीसदी से कम होकर 4.82 फीसदी हो गया।
फरवरी के रोजगार आंकड़ों के प्रति भी निवेशक चिंतित हैं। इनमें जनवरी की तुलना में आधी बढ़ोतरी की उम्मीद है, जिसका दर वृद्धि पर असर पड़ सकता है। हालांकि विशेषज्ञों ने कहा कि आंकड़े उम्मीद से अधिक रहे तो दरों में 50 आधार अंक का इजाफा हो सकता है।
देसी बाजार में बैंकिंग शेयरों का प्रदर्शन कमजोर रहा। विश्लेषकों का कहना है कि SVB संकट का असर घरेलू वित्तीय तंत्र पर नहीं पड़ेगा, लेकिन शेयर बाजार के प्रदर्शन पर इसका असर दिख सकता है क्योंकि निवेशक सुरक्षित कहलाने वाली संपत्तियों में निवेश बढ़ा सकते हैं। बैंक निफ्टी सूचकांक में 1.9 फीसदी की गिरावट देखी गई। इंडिया वीआईएक्स 5.4 फीसदी बढ़ गया।
निफ्टी 50 सूचकांक लगातार दूसरे हफ्ते 200 दिन के अपने मूविंग औसत (DMA) से नीचे बंद हुआ। विशेषज्ञों के अनुसार इससे बाजार में गिरावट का दबाव बना रह सकता है।
रेलिगेयर ब्रोकिंग में तकनीकी शोध के वाइस प्रेसिडेंट अजित मिश्रा ने कहा, ‘17,000 से 17,200 के दायरे में वापसी से बिकवाली का दबाव बढ़ सकता है और 17,000 से 17,200 पर इसे समर्थन मिल सकता है। बाजार के भागीदारों को इसके अनुरूप पोजिशन लेनी चाहिए और वैश्विक संकेतों को देखते हुए जोखिम संभालने पर ध्यान देना चाहिए।’
बंबई स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर 2,219 शेयर नुकसान में और 1,298 लाभ में बंद हुए। सेंसेक्स में सबसे अधिक गिरावट एचडीएफसी बैंक के कारण आई। इसका शेयर 2.6 फीसदी नीचे बंद हुआ। रिलायंस इंडस्ट्रीज में 1.6 फीसदी गिरावट दर्ज की गई। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने 2,061 करोड़ रुपये की बिकवाली की। घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 1,400 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे।
दो सत्रों में गिरावट के बावजूद निफ्टी और सेंसेक्स इस हफ्ते 1 फीसदी बढ़त पर बंद हुए। लेकिन निफ्टी मिडकैप और स्मॉलकैप इस हफ्ते लगभग सपाट बंद हुआ।