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Sebi vs Hindenburg: इंडियन REITs एसोसिएशन ने हिंडनबर्ग रिसर्च के दावे को निराधार, भ्रामक बताया

Sebi Hindenburg Case: एसोसिएशन ने कहा कि इन उपायों को पारदर्शिता बढ़ाने और निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए तैयार किया गया है।

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भाषा   
Last Updated- August 12, 2024 | 4:27 PM IST

इंडियन रीट्स एसोसिएशन ने सोमवार को कहा कि अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च का यह दावा निराधार और भ्रामक है कि सेबी का रीट्स (रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट) ढांचा कुछ चुनिंदा लोगों के हितों को पूरा करता है।

एसोसिएशन ने साथ ही कठोर नियामकीय वातावरण तैयार करने के लिए बाजार नियामक सेबी की तारीफ की, जिसमें व्यापक आवधिक रिपोर्टिंग आवश्यकताएं, अनिवार्य स्वतंत्र मूल्यांकन और सख्त संचालन मानक शामिल हैं।

एसोसिएशन ने कहा कि इन उपायों को पारदर्शिता बढ़ाने और निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए तैयार किया गया है। यह बयान शनिवार को हिंडनबर्ग की उस रिपोर्ट के बाद आया है, जिसमें आरोप लगाया गया था कि सेबी रीट्स विनियम 2014 में हाल ही में किए गए संशोधन एक विशिष्ट बहुराष्ट्रीय वित्तीय समूह को लाभ पहुंचाने के लिए किए गए थे।

इस संबंध में बाजार नियामक ने कहा कि सेबी (रीट्स) विनियम, 2014 में समय-समय पर संशोधन किए गए हैं। एसोसिएशन ने बयान में कहा कि 2014 में रीट्स विनियमनों की शुरुआत के बाद से भारत ने एक मजबूत और पारदर्शी नियामकीय ढांचा स्थापित किया है, जो वैश्विक सर्वोत्तम व्यवहार के साथ मेल खाता है।

First Published : August 12, 2024 | 4:27 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)