शेयर ब्रोकरों पर लगाए जाने वाले जुर्माने को तर्कसंगत बनाने को लेकर बाजार नियामक सेबी के कदम अपने अंतिम पड़ाव के पास हैं। जुर्माने की समीक्षा कर रही उपसमिति ने पिछले हफ्ते नियामक को अपने सुझाव सौंप दिए। सूत्रों ने यह जानकारी दी। समिति ने सुझाव दिया है कि अगर उल्लंघन गंभीर प्रकृति के न हों तो दंड के बजाय केवल चेतावनी जारी की जाए। इसके अलावा सुझावों में तकनीकी या परिचालन संबंधी समस्याओं से हुई चूक और जानबूझकर की गई चूक को अलग-अलग करने का सुझाव दिया गया है।
अगर यह काम जानबूझकर किया गया हो तो और गंभीर कार्रवाई की सिफारिश की गई है। इसके अतिरिक्त, केवल वही एक्सचेंज जुर्माना लगा सकता है, जहां स्टॉक ब्रोकर ट्रेडिंग सदस्य है ताकि एक ही मामले पर कई जुर्माने से बचा जा सके। समिति ने उन मामलों में दंड के लिए अन्य नाम का भी सुझाव दिया है जहां जुर्माना दंड की प्रकृति के मुताबिक नहीं है।
एक सूत्र ने बताया, पेनल्टी शब्द से स्टॉक ब्रोकर के ग्राहकों की ओर से कुछ आशंकाएं और पूछताछ हो सकती है, भले ही मामला परिचालन से जुड़ा क्यों न हो। इस पर दोबारा विचार करने के लिए कुछ सुझाव दिए गए हैं। सूत्रों के अनुसार, सेबी के चेयरमैन तुहिन कांत पांडेय ने मंगलवार को कई ब्रोकर प्रतिनिधियों के साथ बैठक की, जिसमें जुर्माने और अन्य चुनौतियों पर चर्चा की गई और सुझावों पर विस्तृत नोट्स मांगे गए। इस बारे में जानकारी के लिए सेबी को भेजे गए ईमेल का जवाब नहीं मिला।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी धीरज रेली ने कहा, दंडों को समग्र रूप से युक्तिसंगत बनाना आवश्यक है, जिसमें जानबूझकर हुए गैर-अनुपालन को रिपोर्टिंग में परिचालन/तकनीकी मुद्दों से अलग करने की आवश्यकता है, जिस पर काम किया जा रहा है और मैं यही समझ पा रहा हूं।
रेली ने कहा कि जुर्माना लगाने के लिए एक एक्सचेंज को समर्पित करना सही तरीका है, वरना एक ही गैर-अनुपालन के लिए कई एक्सचेंज जुर्माना लगा रहे हैं। इस महीने की शुरुआत में सेबी के पूर्णकालिक सदस्य कमलेश वार्ष्णेय ने कहा था कि तर्कसंगत बनाए जाने का पहला चरण बहुत जल्द शुरू होगा।
एक सार्वजनिक संबोधन में वार्ष्णेय ने कहा था कि सेबी, ब्रोकरों द्वारा अलग-अलग एक्सचेंजों पर लेनदेन की रिपोर्टिंग के बजाय एक साझा पोर्टल बनाने के लिए इंडस्ट्री स्टैंडर्ड फोरम के साथ चर्चा कर रहा है। इसके अलावा, स्टॉक ब्रोकरों द्वारा विज्ञापन आदि जैसे अनुमोदनों के लिए एक समर्पित पोर्टल पर भी काम चल रहा है।