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ट्रंप के शुल्क ऐलान से पहले बाजार में हड़कंप, सेंसेक्स-निफ्टी में भारी गिरावट; निवेशकों के ₹3.4 लाख करोड़ डूबे

बाजार में उठापटक मापने वाला सूचकांक इंडिया वीआईएक्स 8.4 फीसदी बढ़कर 13.78 पर पहुंच गया। विदेशी निवेशकों ने 5,902 करोड़ रुपये की शुद्ध बिकवाली की।

Last Updated- April 01, 2025 | 11:13 PM IST
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अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप द्वारा बराबरी वाले शुल्क की घोषणा से पहले विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की भारी बिकवाली से बेंचमार्क सूचकांकों में आज एक महीने की सबसे बड़ी गिरावट देखी गई। सेंसेक्स 1,390 अंक या 1.8 फीसदी लुढ़क कर 76,025 पर बंद हुआ। निफ्टी 354 अंक या 1.5 फीसदी के नुकसान के साथ 23,166 पर बंद हुआ। 28 फरवरी के बाद दोनों सूचकांकों में एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट आई है। 

बंबई स्टॉक एक्सचेंज पर सूचीबद्ध कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण 3.4 लाख करोड़ रुपये घटकर 409 लाख करोड़ रुपये रहा। बाजार में उठापटक मापने वाला सूचकांक इंडिया वीआईएक्स 8.4 फीसदी बढ़कर 13.78 पर पहुंच गया। विदेशी निवेशकों ने 5,902 करोड़ रुपये की शुद्ध बिकवाली की।

अमेरिका व्यापार में भागीदार देशों पर बुधवार को बराबरी वाले शुल्क लगाने की घोषणा करेगा। मगर शुल्क कठोर होगा या उदार इसे लेकर अभी भी संशय बना हुआ है। अमेरिका पहले ही तीन बड़े व्यापार में भागीदार देशों चीन, मै​क्सिको और कनाडा पर शुल्क लगा चुका है। इसके साथ ही वाहन, स्टील और एल्युमीनियम के आयात पर भी शुल्क लगाने की घोषणा कर चुका है। बाजार के विशेषज्ञों का कहना है कि अन्य देशों के जवाबी शुल्क की घोषणा पर भी बाजार की नजर रहेगी। 

अल्फानीति फिनटेक के सह-संस्थापक यूआर भट्ट ने कहा, ‘बहुत सारे शॉर्ट पोजीशन बन रहे हैं। निवेशकों को आशंका है कि ट्रंप की नीति से निर्यात पर व्यापक असर पड़ेगा। यह देखने वाली बात होगी कि अमेरिका को निर्यात करने वाली कंपनियों के मार्जिन पर कितना असर पड़ता है।’ अमेरिकी व्यापार नीति के साथ ही जनवरी-मार्च तिमाही के नतीजे भी आगे बाजार की दिशा तय करेंगे।

एक फंड मैनेजर ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया, ‘भारतीय बाजार में उन घटनाक्रम का असर दिखा है जिसने एक दिन पहले दुनिया भर के बाजारों में उथल पुथल मचाई थी। यह सिर्फ कल और ट्रंप की घोषणा के बारे में नहीं है। बराबरी वाले शुल्क के जबाव में दूसरे देश की कैसी प्रतिक्रिया रहेगी यह भी देखना होगा। मार्च तिमाही के नतीजे बहुत अच्छे रहने की उम्मीद नहीं है और मार्जिन पर दबाव बना रह सकता है। नतीजे अच्छे भी रहे तब भी शुल्क को लेकर कंपनियों के प्रबंधन के बयान में कुछ अनि​श्चितता दिखेगी।’

First Published - April 1, 2025 | 11:01 PM IST

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