PSU Stocks: रिजर्व बैंक (RBI) की ओर से प्रोजेक्ट फाइनेंसिंग को लेकर किए नियमों में बदलाव का असर शुक्रवार को प्रोजेक्ट फाइनेंस करने वाली कंपनियों के स्टॉक्स में जबरदस्त रैली के रूप में देखने को मिली। इनमें पावर प्रोजेक्ट को फाइनेंस करने वाली PSU Stocks पावर फाइनेंस (PFC), रूरल इलेक्ट्रिसिफकेशन (REC) भी शामिल हैं। इनमें 6.4 फीसदी तक का उछाल कारोबारी सेशन में दिखाई दिया। लंबी अवधि में यह शेयर निवेशकों को मल्टीबैगर रिटर्न दे चुके हैं।
दरअसल, RBI ने कॉमर्शियल बैंकों के साथ-साथ अन्य ऋणदाताओं को बड़ी राहत देते हुए वाणिज्यिक रियल एस्टेट को छोड़कर सभी परियोजनाओं के लिए कंस्ट्रक्शन फेज में बकाये लोन का केवल 1 फीसदी सामान्य प्रावधान को अनिवार्य किया है। पिछले साल मई में जारी मसौदा मानदंडों में इसके लिए 5 फीसदी प्रावधान का प्रस्ताव था। रिजर्व बैंक ने कहा है कि ये मानदंड 1 अक्टूबर, 2025 से प्रभावी होंगे।
पावर फाइनेंस के शेयर में शुक्रवार को जोरदार तेजी देखने को मिली। स्टॉक में 2.3 फीसदी की तेजी के साथ 399 पर कारोबार की शुरुआत हुई। गुरुवार को शेयर 389 पर बंद हुआ था। कारोबारी सेशन में स्टॉक 6.4 फीसदी की जोरदार उछाल के साथ 415 रुपये का इंट्राडे हाई बनाया।
PFC का शेयर लंबी अवधि में निवेशकों के लिए मल्टीबैगर रहा है। हालांकि, मार्केट के बीते महीने में हुए करेक्शन में यह स्टॉक नीचे आया है। बीते एक साल में 15 फीसदी गिरावट पर ट्रेड कर रहा है। हालांकि, बीते 2 साल में स्टॉक का रिटर्न 150 फीसदी, 3 साल 420 फीसदी और 5 साल का 500 फीसदी रहा है। BSE पर स्टॉक का 52 हफ्ते का हाई 580 रुपये और लो 357 रुपये रहा है। कंपनी का मार्केट कैप करीब 1.35 लाख करोड़ रुपये है।
REC के शेयर में शुक्रवार को जोरदार तेजी देखने को मिली। स्टॉक में 2.1 फीसदी की तेजी के साथ 391 पर कारोबार की शुरुआत हुई। गुरुवार को शेयर 383.40 पर बंद हुआ था। कारोबारी सेशन में स्टॉक 4.5 फीसदी की जोरदार उछाल के साथ 400.90 रुपये का इंट्राडे हाई बनाया।
REC के स्टॉक ने लंबी अवधि में मल्टीबैगर रिटर्न दिया है। हालांकि, मार्केट के बीते महीने में हुए करेक्शन में यह स्टॉक नीचे आया है। बीते एक साल में 22 फीसदी गिरावट पर ट्रेड कर रहा है। हालांकि, बीते 2 साल में स्टॉक का रिटर्न 145 फीसदी, 3 साल 370 फीसदी और 5 साल का 395 फीसदी रहा है। BSE पर स्टॉक का 52 हफ्ते का हाई 654 रुपये और लो 357.45 रुपये रहा है। कंपनी का मार्केट कैप 1.03 लाख करोड़ रुपये है।
ब्रोकरेज फर्म एमके ने कहा कि आरबीआई के ये नए फंडिंग नियम मसौदे की तुलना में काफी नरम हैं। इसमें कम रिस्क आधारित प्रोविजनिंग, आसान नियम और लेंडर्स के लिए ज्यादा फ्लैक्सिबिलिटी है। कंस्ट्रक्शन फेज के दौरान स्टैंडर्ड एसेट प्रावधानों में कटौती प्रोजेक्ट फंडिंग के लिए बहुत बड़ी राहत है।
ब्रोकरेज फर्म के मुताबिक, REC और PFC के शेयर वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी छमाही से लगातार कमजोर प्रदर्शन कर रहे हैं, जो एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) ग्रोथ में गिरावट के कारण हुआ है। हालांकि निकट भविष्य में ग्रोथ को लेकर चिंता बनी हुई है, लेकिन पावर सेक्टर, पारंपरिक और रिन्यूएबल दोनों, के जरिए लॉन्ग टर्म ग्रोथ आउटलुक मजबूत बना हुआ है।
ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल (Motilal Oswal) ने एक नोट में कहा कि नई गाइडलाइन अलग-अलग सेक्टर्स में प्रोजेक्ट लेंडिंग को सरल और स्टैंडराइज्ड करती है। 2024 के मसौदा नियमों में जहां सख्त प्रावधान और अपग्रेड नियम थे, वहीं फाइनल गाइडलाइन में इन्हें “काफी हद तक” नरम कर दिया गया है, जिससे बैंकों की प्रॉफिटेबिलिटी और बैलेंस शीट पर मिनिमम असर पड़ेगा।
ब्रोकरेज फर्म के मुताबिक, नए नियमों से बैंकों और NBFC की प्रॉफिटेबिलिटी पर कम से कम असर होगा। नई प्रोजेक्ट लेंडिंग के लिए अतिरिक्त लागत संभवतः बॉरोअर्स पर ब्याज दर समायोजन के रूप में डाली जा सकती है। मोतीलाल ओसवाल की टॉप पिक्स में ICICI बैंक, HDFC बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, AU स्मॉल फाइनेंस बैंक और फेडरल बैंक शामिल हैं।
(डिस्क्लेमर: शेयर बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन है। निवेश संबंधी फैसला करने से पहले अपने एडवाइजर्स से परामर्श कर लें।)