चार महीने में सबसे बड़ी एकदिवसीय उछाल दर्ज करने के बाद बेंचमार्क नैशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी-50 में और बढ़त की उम्मीद है। 200 दिन के मूविंग एवरेज 17,400 से बड़ी तेजी ने तकनीकी विश्लेषकों को काफी भरोसा दिया है।
शुक्रवार को निफ्टी 17,594 पर बंद हुआ। एलकेपी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ तकनीकी विश्लेषक रूपक डे ने कहा, रोजाना के चार्ट पर निफ्टी ने एकीकृत होने के साथ बढ़त दर्ज की, जो आशावाद में बढ़ोतरी दर्शाती है। अगर निफ्टी 17,650 से ऊपर निकलेगा तो यह और भी ऊपर जा सकता है।
दूसरी ओर, इसका प्रतिरोध स्तर 17,800 है। निचले स्तर पर उसे 17,470 पर समर्थन है। कुछ का मानना है कि जब तक बाजार हालिया निचले स्तर 17,255 से ऊपर बना रहता है, सकारात्मक रुख बरकरार रहेगा।
तीन कंपनियों की लॉक-इन एक्सपायरी नजदीक
येस बैंक, धर्मज क्रॉप गार्ड और यूनिपार्ट्स इंडिया पर इस हफ्ते नजर रहेगी क्योंकि उनके शेयरों के एक हिस्से की लॉक इन अवधि एक्सपायर होने वाली है। येस बैंक के मामले में भारतीय स्टेट बैंक और अन्य लेनदारों पर आरबीआई ने तीन साल की लॉक इन अवधि इक्विटी पुनर्गठन कार्यक्रम के तहत तय की थी।
इस बीच, धर्मज और यूनिपार्ट्स के मामले में एंकर निवेशकों की 90 दिन की लॉक इन अवधि एक्सपायर होने के करीब है। विश्लेषकों ने कहा, तीनों शेयर दबाव में आ सकते हैं क्योंकि अमेरिकी फेडरल रिजर्व की तरफ से दरों में बढ़ोतरी की आशंका से बाजार का सेंटिमेंट कमजोर है।
अभी धर्मज अपने इश्यू प्राइस से 29 फीसदी नीचे कारोबार कर रहा है जबकि यूनिपार्ट्स का शेयर अपने इश्यू प्राइस से 3.3 फीसदी नीचे ट्रेड कर रहा है। लेनदारों के लिए येस बैंक के शेयर की अधिग्रहण लागत 10 रुपये प्रति शेयर थी जबकि मौजूदा भाव 16.9 रुपये है।
व्हर्लपूल ऑफ इंडिया हो सकती है एफऐंडओ से बाहर
व्हर्लपूल ऑफ इंडिया को डेरिवेटिव सेगमेंट से बाहर निकाले जाने की आशंका है। विगत में वायदा एवं विकल्प (एफऐंडओ) से बाहर निकाले गए शेयरों के प्रदर्शन का रुख कमजोर रहा है। नुवामा के एक नोट में कहा गया है, नौ में से सात मौकों पर घोषणा से पहले शेयर एक व दो हफ्तों में टूटा है और औसत गिरावट 4.5 फीसदी व 3.5 फीसदी रही है। ब्रोकरेज ने कहा कि व्हर्लपूल को निकाले जाने की वजह कम ओपन इंटरेस्ट है। इसमें कहा गया है कि व्हर्लपुल को निकाले जाने की घोषणा इस महीने हो सकती है।